बदायूं: जिन महिलाओं के कंधे पर दूसरी महिलाओं की मदद का जिम्मा हैं, अब वहीं महिलाएं अपनी मदद के लिए भटक रही हैं. बदायूं आशा ज्योति केंद्र के कर्मचारियों की सैलरी 13 महीने से नहीं मिली है. जिससे इन कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
केंद्र सरकार की महिला कल्याण विभाग से आशा ज्योति केंद्र के तहत 181 हेल्पलाइन सेवा अखिलेश सरकार में शुरू हुई थी. यह अब बीजेपी सरकार में बंद की कगार पर पहुंच गई है. इस संस्था का काम दूसरी महिलाओं की मदद करना है, लेकिन आज वो खुद अपनी मदद के लिए अधिकारी और नेताओं के ऑफिस के चक्कर लगा लगा रही हैं. अब उनकी हिम्मत भी जवाब दे चुकी है.
181 हेल्पलाइन की कर्मचारियों को 13 महीने से सैलरी नहीं मिली है. ऐसे में उनके खुद की जीविका चलाने की समस्या खड़ी हो गई. महिलाओं सीएम से लेकर डीएम तक अपनी बात पहुंचाई, लेकिन समस्या का निदान नहीं हुआ है.
181 हेल्पलाइन की कर्मचारी नीतू सिंह का कहना है कि पिछले 13 महीनों से वेतन नहीं मिला है. अब उनके सामने समस्या है कि वो अपना घर कैसे चलाए और राशन से लेकर किराया तक की समस्या हो गई है. हालात ये है कि आशा ज्योति रेस्क्यू वैन भी 10 महीने से खड़ी है. उसका डीजल और पेट्रोल तक का पैसा नहीं आया है.
बता दें कि 181 हेल्पलाइन सेवा कर्मचारियों की यह समस्या प्रदेश स्तर पर है. राज्य के कई जिलों से इस हेल्पलाइन में काम करने वालीं महिला कर्मचारियों ने सरकार व जिम्मेदार अधिकारियों से अपनी सैलरी को लेकर गुहार लगा चुकी हैं. बीते दिनों गोरखपुर पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने महिला कर्मचारी गोरखनाथ मंदिर तक पहुंच गईं थीं, हालांकि वो सीएम से तो नहीं मिल पाई, लेकिन बाहर ही सीएम योगी के नाम ज्ञापन देकर वापस आ गईं.
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