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बदायूं: नहीं थम रहा बच्चों की मौत का सिलसिला, 20 दिन में 13 बच्चों की मौत - उत्तर प्रदेश समाचार

यूपी के बदायूं में जिला महिला अस्पताल के SNCU वार्ड में बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं रुक रहा है. पिछले 20 दिन में यहां 13 बच्चों की मौत हो चुकी है. लगातार मौतों के बाद भी अस्पताल प्रशासन लापरवाह बना हुआ है.

बदायूं में 20 दिन में 13 बच्चों की मौत.
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Published : Aug 10, 2019, 3:05 PM IST

बदायूं: जिला महिला अस्पताल के सघन नवजात चिकित्सा उपचार इकाई (SNCU) में बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जून 2018 से अब तक करीब 50 बच्चों की मौत हो चुकी है. पिछले 20 दिन में 13 बच्चों की मौत जान जा चुकी है, लेकिन इसकी सुध लेने के लिए जिले का कोई बड़ा अधिकारी सामने नहीं आ रहा है. 3 महीने से लगातार बच्चों की मौत हो रही है और स्वास्थ्य विभाग चैन नींद सो रहा है.

बदायूं में 20 दिन में 13 बच्चों की मौत.

पढ़ें- बदायूं: सांप के डसने से दो सगे भाइयों की मौत

वहीं यहां के डॉक्टरों का कहना है कि जो बच्चे सीएचसी और पीएचसी आ रहे हैं. उनमें पहले से संक्रमण फैला होता है और यहां आने के बाद उनकी हालत ज्यादा गंभीर होती है, जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है. हालात ये हैं कि अस्पताल में बच्चों के लिए बेड की व्यवस्था नहीं है. इसी कारण से एक बेड में 2 बच्चों को एक साथ रखा जा रहा है, जिसे और सक्रमण और फैल रहा है.

सीएचसी और पीएचसी में बच्चे ज्यादा आते हैं, जिनमे पहले से संक्रमण होता है. जिसकी वजह से बच्चों की मौत हो रही है.
संदीप वार्ष्णेय, डॉक्टर, जिला महिला अस्पताल

बदायूं: जिला महिला अस्पताल के सघन नवजात चिकित्सा उपचार इकाई (SNCU) में बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जून 2018 से अब तक करीब 50 बच्चों की मौत हो चुकी है. पिछले 20 दिन में 13 बच्चों की मौत जान जा चुकी है, लेकिन इसकी सुध लेने के लिए जिले का कोई बड़ा अधिकारी सामने नहीं आ रहा है. 3 महीने से लगातार बच्चों की मौत हो रही है और स्वास्थ्य विभाग चैन नींद सो रहा है.

बदायूं में 20 दिन में 13 बच्चों की मौत.

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वहीं यहां के डॉक्टरों का कहना है कि जो बच्चे सीएचसी और पीएचसी आ रहे हैं. उनमें पहले से संक्रमण फैला होता है और यहां आने के बाद उनकी हालत ज्यादा गंभीर होती है, जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है. हालात ये हैं कि अस्पताल में बच्चों के लिए बेड की व्यवस्था नहीं है. इसी कारण से एक बेड में 2 बच्चों को एक साथ रखा जा रहा है, जिसे और सक्रमण और फैल रहा है.

सीएचसी और पीएचसी में बच्चे ज्यादा आते हैं, जिनमे पहले से संक्रमण होता है. जिसकी वजह से बच्चों की मौत हो रही है.
संदीप वार्ष्णेय, डॉक्टर, जिला महिला अस्पताल

Intro:बदायूँ के जिला महिला अस्पताल के SNCU वार्ड में बच्चों की मौत का सिलसिला नहीं रुक रहा है ...पिछले 20 दिन में यहाँ 13 बच्चों की मौत हो चुकी है ...लेकिन इन बच्चों की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा ...ये बड़ा सवाल है ...देखिये ये रिपोर्ट...




Body:बदायूँ सघन नवजात चिकित्सा उपचार इकाई (SNCU) में बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है ....जून 2018 से अब तक करीब 50 बच्चों की मौत हो चुकी है ...और पिछले 20 दिन में 13 बच्चों की मौत हो चुकी है ...लेकिन इसकी सुध लेने के लिए जिले का कोई बड़ा अधिकारी सामने आ रहा है...3 महीने से लगातार बच्चों की मौत हो रही है और स्वास्थ्य विभाग चैन नींद सो रहा है ....वही यहाँ के डॉक्टरों का कहना है कि जो बच्चे सीएचसी और पीएचसी आ रहे है उनमें पहले से संक्रमण फैला होता है और यहाँ आने के बाद उनकी हालत ज्यादा गंभीर होती है जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है ...हालात ये है कि अस्पताल में बच्चों के लिए बेड की व्यवस्था नहीं है ...इसी कारण से एक बेड में 2 बच्चों को एक साथ रखा जा रहा है जिसे और सक्रमण और फैल रहा है ...


Conclusion:वही डॉक्टर संदीप का कहना है कि सीएचसी और पीएचसी ज्यादा आते है जिनमे पहले से संक्रमण होता है ...जिसके वजह से बच्चों की मौत हो रही है
(बाइट- संदीप वार्ष्णेय, डॉक्टर जिला महिला अस्पताल बदायूँ)
(क्रांन्तिवीर सिंह, 7011197408)
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