बदायूं: जिला महिला अस्पताल के सघन नवजात चिकित्सा उपचार इकाई (SNCU) में बच्चों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. जून 2018 से अब तक करीब 50 बच्चों की मौत हो चुकी है. पिछले 20 दिन में 13 बच्चों की मौत जान जा चुकी है, लेकिन इसकी सुध लेने के लिए जिले का कोई बड़ा अधिकारी सामने नहीं आ रहा है. 3 महीने से लगातार बच्चों की मौत हो रही है और स्वास्थ्य विभाग चैन नींद सो रहा है.
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वहीं यहां के डॉक्टरों का कहना है कि जो बच्चे सीएचसी और पीएचसी आ रहे हैं. उनमें पहले से संक्रमण फैला होता है और यहां आने के बाद उनकी हालत ज्यादा गंभीर होती है, जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है. हालात ये हैं कि अस्पताल में बच्चों के लिए बेड की व्यवस्था नहीं है. इसी कारण से एक बेड में 2 बच्चों को एक साथ रखा जा रहा है, जिसे और सक्रमण और फैल रहा है.
सीएचसी और पीएचसी में बच्चे ज्यादा आते हैं, जिनमे पहले से संक्रमण होता है. जिसकी वजह से बच्चों की मौत हो रही है.
संदीप वार्ष्णेय, डॉक्टर, जिला महिला अस्पताल