आजमगढ़: रेशमी नगरी मुबारकपुर में बेटी पैदा होने पर जश्न मनाया जा रहा है. इस घर में दो पीढ़ियों बाद बेटी का जन्म हुआ है. लाॅकडाउन के दौरान 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' में बेटी ने जन्म लिया है, जिसे घरवालों के साथ गांव वाले भी 'लक्ष्मी का अवतार' का मान रहे हैं. लोगों का कहना है कि लाॅकडाउन में दूसरे प्रांतों से आ रहे लोग जहां शेल्टर होम या क्वारंटाइन किए जा रहे हैं वहीं हमारा पूरा परिवार घर भेजा गया है. इसके लिए इन लोगों ने सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद भी किया है.
परिवार का कहना है कि पिछले डेढ़ माह से वह गुजरात के सूरत में फंसे हुए थे. धीरे-धीर पूंजी भी समाप्त हो गई थी, जिस वजह से खाने के लाले भी पड़ गये थे. ऐसे में प्रसूता की डिलीवरी के बाद वहां जच्चा-बच्चा की देखभाल में परेशानी होती. इसी बीच सीएम योगी ने प्रवासी मजदूरों को वापस अपने राज्य बुलाने के लिए 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' चलवाई, जिससे आज हम अपने परिवार के लोगों के साथ हैं.
चलती ट्रेन में दिया बच्ची को जन्म
मुबारकपुर थाना क्षेत्र के ओझौली गांव के रहने वाले दीनानाथ रोजी-रोटी के लिए सूरत में परिवार के साथ रहते थे. उनकी पत्नी गभर्वती थीं और डिलीवरी होने वाली थी. इसी बीच लाॅकडाउन हो गया, जिसके बाद गुरुवार को सूरत से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन में वह अपनी गर्भवती पत्नी चंद्रकला को लेकर आ रहे थे. इसी दौरान चलती ट्रेन में भुसावल के समीप चंद्रकला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. इस दौरान बोगी में बैठीं महिलाओं ने चंद्रकला की नार्मल डिलीवरी कराई. चलती ट्रेन में ही चंद्रकला ने एक बेटी को जन्म दिया.
दो पीढ़ी बाद परिवार में पैदा हुई बेटी
देर शाम ट्रेन जब आजमगढ़ पहुंची तो अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई, जिसके बाद जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें घर भेज दिया. घर पहुंचने पर परिवार के सदस्यों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. परिवार के साथ ही आस-पड़ोस के लोगों ने मिलकर खुशियां मनाई. बच्ची की दादी ने बताया कि दो पीढ़ी बाद उनके घर में बेटी पैदा हुई है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया धन्यवाद
वहीं पति और पत्नी का कहना है कि लाॅकडाउन के दौरान डेढ़ माह तक सूरत में फंसे होने के कारण यह लग रहा था कि वे घर नहीं पहुंच पाएंगे, लेकिन इसी बीच सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई, जिसके बाद वे परिवार के साथ ट्रेन से घर पहुंचे. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हैं. अगर ट्रेन नहीं चलती तो हम आज गुजरात में फंसे होते, जहां हम तो भूखे थे ही जच्चा-बच्चा भी भूखे रहते. अब हम परिवार के बीच में हैं. अब हमें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है.