आजमगढ़ः फूलपुर पवई विधानसभा से विधायक और पूर्व सांसद रमाकांत यादव ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जेल से पत्र लिखा है. पत्र में जेल प्रशासन द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. जेल में बंद सपा विधायक का यह पत्र सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल हो गया है. पार्टी के कई नेताओं ने भी इसको सोशल मीडिया पर शेयर किया है.
रमाकांत यादव ने पत्र में जिक्र किया है कि आजमगढ़ में 24 साल पहले एक मुकदमे में जारी एनबीडब्ल्यू के तहत उनको बंद किया गया था. इसके बाद उन पर फर्जी आरोप लगाकर कई मुकदमे और दर्ज कर जेल में बंद रखा गया. उन्हें शुगर, बीपी, हार्ट जैसी गंभीर बीमारी है. ऐसी स्थिति में उन्हें एक साधारण बंदी की तरह रखा गया था, जबकि वह चार बार के सांसद और पांचवीं बार फूलपुर पवई विधानसभा से विधायक हैं. उन्हें एमपी-एमएलए जैसी कोई सुविधा नहीं उपलब्ध कराई जा रही थी.
बाहुबली विधायक रमाकांत यादव ने कहा कि 'प्रभारी जेलर विकास कटियार से उन्होंने 7 सितंबर को अपने विधानसभा के लेटर पैड पर लिखकर एमपी-एमएलए को जेल में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी मांगी, तो जेलर विकास कटियार ने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि यहां किसी एमपी-एमएलए के पैड का कोई मतलब नहीं है. यहां सिर्फ सीएम और जेल प्रशासन का पैड चलता है. रही बात सुविधाओं की तो आपको एक साधारण बंदी की तरह रखा जाएगा, जो लिखना, पढ़ना हो पढ़ लीजिए. कुछ नहीं होने वाला. कहते हुए लेटर पैड को मेरे सामने फाड़ कर कूड़ेदान में फेंक दिया.'
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फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में किया गया ट्रांसफर
10 सितंबर को 7:45 बजे सुबह रमाकांत को मंडल कारागार आजमगढ़ से सेंट्रल जेल फतेहगढ़ स्थानांतरित कर दिया गया. इसके बाद 8:30 बजे जेल प्रशासन की कबाड़ा गाड़ी से 500 किलोमीटर की लंबी यात्रा करवा कर सेंट्रल जेल फतेहगढ़ शाम को 6 बजे शिफ्ट कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाए हैं कि उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है.
रमाकांत यादव ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से निवेदन किया है कि उक्त प्रकरण पर गंभीरता से विचार करते हुए सदन के पटल पर रखने का कष्ट करें, जिससे दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई हो और कोई जेलर या जेल प्रशासन उनके साथ-साथ किसी भी अन्य लोकसभा या विधानसभा सदस्य के साथ ऐसा कोई दुर्व्यवहार न कर सके.
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