आजमगढ़: जनपद में पौराणिक, जीवनदायिनी नदी 'तमसा' को बचाने की मुहिम रंग ला रही है. सैकड़ों कार्यकर्ता वाली संस्था 'तमसा सफाई अभियान' नदी को बचाने में जुटी हुई है. ये लोग तमसा नदी के घाटों पर वृक्षारोपण के साथ साफ-सफाई कर रहे हैं. 'तमसा सफाई अभियान' के सदस्य रोजाना 2 से 3 घंटे श्रम दान कर नदी को बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में 'तमसा सफाई अभियान' के संयोजक प्रवीण सिंह ने बताया कि 'तमसा' नदी पौराणिक नदी है और राम के वनवास के समय भी इस नदी का जिक्र किया गया है. नदी की दुर्दशा देखकर उन्होंने (संयोजक प्रवीण सिंह) नदी को साफ करने का संकल्प लिया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग हिस्सा ले रहे हैं.
संयोजक प्रवीण सिंह ने बताया कि 3 जून 2018 से उन्होंने और उनके सहयोगियों ने तमसा नदी के साफ-सफाई करने का संकल्प लिया और काम में जुट गए. उन्होंने बताया कि तकरीबन 11 किलोमीटर का तट साफ किया गया है. 11 हजार से अधिक पौधे भी लगाए गए. हालांकि 2 बार भीषण बाढ़ आने से इन पौधों को नुकसान हुआ है.
सह संयोजक अरविंद चित्रांश ने बताया कि उनका मकसद पर्यावरण बचाना है और इसी उद्देश्य से संस्था (तमसा सफाई अभियान) काम कर रही है. अरविंद चित्रांश ने कहा कि उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए 733 दिन से लगातार तमसा नदी के घाटों पर अनवरत काम कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- आजमगढ़: 7 लाख के पुराने 500 और 1000 के नोट बरामद, दो लोग गिरफ्तार