आजमगढ़ः पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह के निर्देश पर जनपद में चेकिंग अभियान चलाया गया. इस अभियान में पुलिस ने संवेदनहीनता की हदें पार कर दी. पुलिस ने चेकिंग के दौरान कई मरीजों की बाइक को भी कोतवाली लेकर चली गई. इस वजह से मरीजों को कोतवाली में घंटों बैठना पड़ा. इससे मरीजों के चेहरे पर काफी गुस्सा भी देखने को मिला है.
सुमित्रा ने बताया कि उनका हाथ टूट गया था और जनपद के एक निजी नर्सिंग होम में ऑपरेशन कराया था. शनिवार को वह ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने हॉस्पिटल से छुट्टी दी थी. वह अपने दामाद के साथ घर जा रही थीं. इसी बीच रास्ते में पुलिस ने पकड़ लिया और सुमित्रा को थाने लाई. सुमित्रा का कहना है कि भूख भी लगी है, दवा साथ है, लेकिन खाने की व्यवस्था नहीं हो रही है.
सुमित्रा के दामाद आकाश ने बताया कि पुलिस 1 घंटे से कोतवाली में बैठा कर परेशान कर रही हैं. वहीं सदर हॉस्पिटल में अपने हाथ का इलाज करा कर घर जा रहे राजू का कहना है कि जैसे ही हॉस्पिटल से दवा लेकर निकल रहा था. पुलिस ने पकड़ लिया, अभी न तो दवा खाई है और न घर जा पा रहा हूं. 2 घंटे से यहां गाड़ी छूटने का इंतजार कर रहा हूं.
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बता दें कि पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी सिंह ने जनपद में मोटर साइकिल के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक ने बीमार और मरीज लोगों को पुलिस से रियायत देने का निर्देश दिया था. पर पुलिस ने चेकिंग अभियान में बीमारों को भी नहीं बख्शा जा रहा.