आजमगढ़ः जनपद के हरबंशपुर मोहल्ला निवासी पंकज मोहन सोनकर लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. पार्टी ने इन्हें यूवा कांग्रेस का अध्यक्ष और लालगंज का प्रभारी बनाया था. वर्ष 2019 में इन्हें लालगंज लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया गया. सपा-बसपा गठबंधन में पंकज मोहन कोई करिश्मा नहीं कर पाए. इसके बाद पार्टी ने इन्हें अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने के साथ ही पूर्वांचल प्रभारी की भी जिम्मेदारी सौंप दी.
राम मंदिर निर्माण में चंदा देना पड़ा भारी
पंकज मोहन सोनकर को पार्टी मुख्यालय से मेल आया कि निष्कृयता के कारण उन्हें पद से हटा दिया गया है. पंकज का दावा है कि निष्कृयता का आरोप पूरी तरह निराधार है. वह पार्टी के सभी कार्यक्रमों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं. वे 23 और 26 जनवरी को पार्टी के कार्यक्रम में रहे. इसके बाद उन्होंने 29 जनवरी को राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण राशि दी. इसके बाद से ही उन्हें वरिष्ठ नेताओं का फोन आने लगा. वरिष्ठ नेता बार-बार पूछ रहे थे कि आखिर आरएसएस के माध्यम से समर्पण राशि क्यों दी. ऐसा नहीं करना चाहिए था. फिर उन्हें पद से हटा दिय गया.
राम के नाम पर कांग्रेस कर रही दिखावा
पंकज का कहना है कि एक तरफ कांग्रेस मंदिर का ताला खोलने की बात कहकर मंदिर निर्माण का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है. प्रियंका गांधी मौनी आमवस्या को संगम में स्नान कर रही हैं और राहुल गांधी खुद को शिवभक्त बताते फिर रहे हैं. उन्हें सिर्फ पद से इसलिए हटा दिया गया कि मंदिर निर्माण में चंदा दे दिया. कांग्रेस क्या करना चाहती है, समझ से परे हैं.