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आजमगढ़: भगवान शंकर बने दूल्हा, दर्शन कर धन्य हुए लोग

यूपी के आजमगढ़ में महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिरों से सुबह से लेकर देर रात्रि तक भक्तों की भीड़ लगी रही. जिले के भंवरनाथ मंदिर में भगवान शिव का दूल्हे की तरह श्रंगार किया गया. दुल्हे के रूप में भगवान भोलेनाथ को देखकर लोग अपने आप को धन्य समझ रहे थे.

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Published : Feb 22, 2020, 11:01 AM IST

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भगवान शंकर बने दूल्हा

आजमगढ़: भंवरनाथ स्थित भगवान भोलेनाथ के मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन खूब धूम थी. मंदिर में भक्तों का मेला उमड़ पड़ा था. मान्यता ऐसी है कि जो भी भक्त भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में अपने मन की मुराद मांगते हैं, भगवान भोलेनाथ उनकी हर कामना पूरी करते हैं. यही कारण है कि बड़ी संख्या में भक्त महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में आते हैं.

भगवान शंकर बने दूल्हा.

दूल्हे की तरह सजाया जाता है भगवान शंकर को

महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था. इस कारण भगवान भोलेनाथ को इस मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन दूल्हे की तरह सजाया जाता है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने भंवरनाथ मंदिर के पुजारी दीपू बाबा से बातचीत की. पुजारी दीपू बाबा ने बताया कि वैसे तो हर सोमवार को भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार किया जाता है, लेकिन महाशिवरात्रि के दिन कुछ अलग तरीके से भगवान भोलेनाथ को सजाया जाता है.

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ का वाराणसी से मंगाए गए फूलों से श्रृंगार किया जाता हैं. छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. और अंत में महाआरती के साथ ही भक्तों में प्रसाद वितरण किया जाता है.

मंदिर के बारे में बताते हुए आसपास के लोगों का कहना था, कि इस मंदिर पर जब मुगलों ने आक्रमण किया था, तो भगवान भोलेनाथ ने भंवरे के रूप में प्रकट होकर इस मंदिर की रक्षा की थी. तभी से इस मंदिर की महत्ता बढ़ गईै.

इसे भी पढ़ें: काशी के इस शिवालय का है विशेष महत्व, क्योंकि यहां तिल बराबर बढ़ते हैं भोलेनाथ

आजमगढ़: भंवरनाथ स्थित भगवान भोलेनाथ के मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन खूब धूम थी. मंदिर में भक्तों का मेला उमड़ पड़ा था. मान्यता ऐसी है कि जो भी भक्त भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर में अपने मन की मुराद मांगते हैं, भगवान भोलेनाथ उनकी हर कामना पूरी करते हैं. यही कारण है कि बड़ी संख्या में भक्त महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में आते हैं.

भगवान शंकर बने दूल्हा.

दूल्हे की तरह सजाया जाता है भगवान शंकर को

महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान भोलेनाथ का विवाह हुआ था. इस कारण भगवान भोलेनाथ को इस मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन दूल्हे की तरह सजाया जाता है. इस मौके पर ईटीवी भारत ने भंवरनाथ मंदिर के पुजारी दीपू बाबा से बातचीत की. पुजारी दीपू बाबा ने बताया कि वैसे तो हर सोमवार को भगवान भोलेनाथ का श्रृंगार किया जाता है, लेकिन महाशिवरात्रि के दिन कुछ अलग तरीके से भगवान भोलेनाथ को सजाया जाता है.

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ का वाराणसी से मंगाए गए फूलों से श्रृंगार किया जाता हैं. छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया जाता है. और अंत में महाआरती के साथ ही भक्तों में प्रसाद वितरण किया जाता है.

मंदिर के बारे में बताते हुए आसपास के लोगों का कहना था, कि इस मंदिर पर जब मुगलों ने आक्रमण किया था, तो भगवान भोलेनाथ ने भंवरे के रूप में प्रकट होकर इस मंदिर की रक्षा की थी. तभी से इस मंदिर की महत्ता बढ़ गईै.

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