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आजमगढ़: होम्योपैथिक विभाग में हुई भर्ती में भारी घोटाला, खुलासे से मचा हड़कंप - आजमगढ़ समाचार

यूपी में आजमगढ़ के राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में वर्ष 2017 में संविदा के विभिन्न पदों पर नियुक्ति हुई थी. नियुक्तियों में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से जांच करने व निर्देशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

आरोप लगाने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट पतरुराम विश्वकर्मा
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Published : Sep 10, 2019, 3:14 PM IST

आजमगढ़ : जिले के होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में वर्ष 2017 में संविदा के विभिन्न पदों पर नियुक्तियां हुई थी. आरोप है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में जमकर अनियमितता और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया.

होम्योपैथिक विभाग में भर्ती पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप.

भ्रष्टाचार का है आरोप -

  • वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में विभिन्न पदों के लिए संविदा पर भर्ती की थी.
  • आरटीआई एक्टिविस्ट पतरुराम विश्वकर्मा का आरोप है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में जमकर भ्रष्टाचार किया गया.
  • आरोप यह है कि 2 माह के इंटरव्यू को महज 2 दिनों में समाप्त कराया गया.
  • वहीं चयन समिति के अध्यक्ष व निर्देशक डॉ. वीके विमल ने अपनी पत्नी की नियुक्ति भी की.
  • उनकी पत्नी ने 1974 में हाई स्कूल 1975 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जो पूरी तरह गलत था.

इसे भी पढ़ें - 'BJP ने निगम को सिर्फ भ्रष्टाचार का अड्डा बना रखा है'

चयन समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार चतुर्वेदी बनाए गए थे. जो राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज इलाहाबाद के प्राचार्य थे .उनके और डॉ. आर के मिश्रा द्वारा बातचीत के दौरान अनंत कुमार चतुर्वेदी ने स्वीकार किया कि भर्ती के करोड़ों रुपये मंत्री और सचिव में बांटा गया. इस मामले में मुख्यमंत्री से मांग की है कि जो भी दोषी हो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एसआईटी की जांच की जाए.

- पतरुराम विश्वकर्मा, आरटीआई एक्टिविस्ट

आजमगढ़ : जिले के होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में वर्ष 2017 में संविदा के विभिन्न पदों पर नियुक्तियां हुई थी. आरोप है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में जमकर अनियमितता और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया.

होम्योपैथिक विभाग में भर्ती पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप.

भ्रष्टाचार का है आरोप -

  • वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल में विभिन्न पदों के लिए संविदा पर भर्ती की थी.
  • आरटीआई एक्टिविस्ट पतरुराम विश्वकर्मा का आरोप है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में जमकर भ्रष्टाचार किया गया.
  • आरोप यह है कि 2 माह के इंटरव्यू को महज 2 दिनों में समाप्त कराया गया.
  • वहीं चयन समिति के अध्यक्ष व निर्देशक डॉ. वीके विमल ने अपनी पत्नी की नियुक्ति भी की.
  • उनकी पत्नी ने 1974 में हाई स्कूल 1975 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, जो पूरी तरह गलत था.

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चयन समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार चतुर्वेदी बनाए गए थे. जो राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज इलाहाबाद के प्राचार्य थे .उनके और डॉ. आर के मिश्रा द्वारा बातचीत के दौरान अनंत कुमार चतुर्वेदी ने स्वीकार किया कि भर्ती के करोड़ों रुपये मंत्री और सचिव में बांटा गया. इस मामले में मुख्यमंत्री से मांग की है कि जो भी दोषी हो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एसआईटी की जांच की जाए.

- पतरुराम विश्वकर्मा, आरटीआई एक्टिविस्ट

Intro:नोट: महत्वपूर्ण ऑडियो रैप से है।

एंकर- प्रदेश के होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटलों में वर्ष 2017 में की गई संविदा के विभिन्न पदों पर हुई नियुक्तियों में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से जांच करने व निर्देशक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।


Body:वीवो1- आरटीआई एक्टिविस्ट पतरुराम विश्वकर्मा का आरोप है कि वर्ष 2017 में प्रदेश सरकार ने होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में विभिन्न पदों के लिए संविदा पर भर्ती की थी। आरोप है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया में जमकर अनियमितता और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया 2 माह के इंटरव्यू को महज 2 दिनों में समाप्त कराया गया वहीं चयन समिति के अध्यक्ष व निर्देशक डॉ वीके विमल ने अपनी पत्नी की नियुक्ति भी की जबकि उनकी पत्नी ने 1974 में हाई स्कूल 1975 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। जो पूरी तरह गलत था।

वीवो2- चयन समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ आनंद कुमार चतुर्वेदी बनाए गए थे जो होम्योपैथिक कॉलेज इलाहाबाद के प्राचार्य थे उनके और डॉ आर के मिश्रा द्वारा बातचीत के दौरान अनंत कुमार चतुर्वेदी ने स्वीकार किया कि भर्ती का करोड़ो रुपए मंत्री और सचिव में बाटा गया । आरटीआई एक्टिविस्ट ने इस मामले में मुख्यमंत्री से मांग की है कि जो भी दोषि हो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एसआईटी की जांच की जाए।


Conclusion:आपको बता दे कि होम्योपैथिक विभाग में 2017 में भर्ती का आयोजन किया गया था जिसमें से कई पात्रों को भी संविदा के आधार पर नौकरी दे दी गई जिसमें स्वयं निर्देशक की पत्नी भी शामिल थी।

प्रत्युष सिंह
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