आजमगढ़ः जनपद के निजामाबाद में 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' के तहत ब्लैक पॉटरी से बनने वाले उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं, लेकिन ब्लैक पॉटरी का व्यापार करने वाले शिल्पकारों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
दूसरे गांव से लानी पड़ती है मिट्टी
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए निजामाबाद के शिल्पकार सोहन लाल प्रजापति का कहना कि मिट्टी के दीये और दीपावली के सामान बनाने के लिए मिट्टी दूर से लानी पड़ती है.
4 महीने पहले शुरु करते हैं दिवाली की तैयारी
सोहनलाल का कहना है कि चार माह पूर्व से हम सभी इस त्योहार के तैयारी में लग जाते हैं. इस काम में पूरा परिवार जी जान से जुट जाता है, मिट्टी अन्य गांवों से लाते हैं. जब कभी गांव के लोग मिट्टी निकालने से मना करते हैं तो प्रशासन का सहयोग लेना पड़ता है.
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साल भर कमाते-खाते हैं
सोहनलाल ने बताया कि हम साल भर मिट्टी के बर्तन बनाकर बेचते हैं और इसी से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. यूं तो हम साल भर कमाते-खाते रहते हैं. बस दिवाली के समय ही लाख दो लाख बच जाता है.