आजमगढः जिले में अधिकारियों की लापरवाही के कारण आए दिन गोशालाओं में पशुओं की तड़प-तड़प कर मौत हो रही है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारी एक बार भी गोशालाओं का हाल लेने के लिए नहीं जा रहा है. सठियांव ब्लॉक में लाखों की लागत लगाकर बनाए गए कान्हा गोशाला में एक माह के अदंर एक बार फिर एक गोवंश की मौत हो गयी. वहीं, दो मरणासन्न हालत में हैं. हालत यह है कि गोशालाओं में मरे पड़े गोवंश को हटाने वाला भी कोई नहीं है. वहीं, जिम्मेदार अधिकारी कुछ बोलने के बजाय पल्ला झाड़ने में जुटे हैं.
नगर से सटे सठियांव ब्लॉक में छुट्टा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए सरकार ने शाहगढ़ में कान्हा गोशाला की स्थापना की. लाखों की लागत से बने इस गोशाला की जिम्मेदारी जिला प्रशासन को दी गई. गोशाला में पशुओं को रखा भी जाने लगा. लेकिन गोशाला में पशुओं की मूलभूत समस्याओं का अभाव है. बिना, चारे, पानी के ही गोशाला में पशुओं को छोड़ दिया गया. भीषण गर्मी में पशुओं को गोशाला के अंदर पानी भी नहीं मिल रहा है चारे की बात तो दूर है. इसका नतीजा यह रहा कि गोशाला में पशु तिल-तिल कर मर रहे हैं.
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करीब एक माह पहले इसी गोशाला में चार पशुओं की मौत हुई थी, इसके बाद भी गोशाला में इंतजाम सही नहीं किए गए. वहीं, सोमवार को एक और गोवंश की मौत हो गई और दो मरणासंन्न की हालत में हैं. गोशाला में किस कदर कर्मचारी काम कर रहे हैं इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं. पशुओं की मौत के बाद भी उन्हें गोशाला से नहीं हटाया गया.
वहीं, इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के विभागाध्यक्ष अशोक अग्रवाल का कहना है कि जिले में किसी भी गोशाला की हालत ठीक नहीं है आये दिन गोवंश चारे, पानी के अभाव में मर रहे हैं. इसकी कई बार शिकायत डीएम और सीडीओ से की गयी. लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि कान्हा गोशाला में कुछ दिनों पहले भी मौत हुई थी. अब भी वहां पशुओं की दशा काफी दयनीय है. उनके लिए कोई भी सुविधाएं नहीं हैं.
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