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ऑपरेशन टाइगर: लखीमपुर खीरी के आदमखोर बाघ को पकड़ेंगी डायना और सुलोचना, वन विभाग ने बनाया प्लान - Operation Tiger in Lakhimpur Kheri

लखीमपुर खीरी के आदमखोर बाघ को पकड़ने में नाकाम वन विभाग ने अब खास रणनीति (Operation Tiger in Lakhimpur Kheri) बनाई है. वन विभाग अब दुधवा नेशनल पार्क से डायना और सुलोचना नाम की दो हथनियों की मदद लेगा.

लखीमपुर खीरी में आदमखोर टाइगर.
लखीमपुर खीरी में आदमखोर टाइगर. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 27, 2024, 8:01 AM IST

Updated : Sep 27, 2024, 12:11 PM IST

लखीमपुर खीरी : मोहम्मदी वन रेंज में आतंक का पर्याय बन चुका आदमखोर बाघ वन विभाग के चंगुल में नहीं आ रहा है. नतीजतन आए दिन आदमखोर घटनाओं को अंजाम दे रहा है. वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए इमलिया और मूड़ा अस्सी गांव के आसपास चार पिंजरे और लोकेशन ट्रेंस करने के लिए लगभग 12 से अधिक नाइट विजन कैमरे लगाए थे, लेकिन कैमरे में केवल बाघ की तस्वीर ही कैद हो सकी है. अब वन विभाग दुधवा नेशनल पार्क से डायना और सुलोचना नाम की दो हथनियों की मदद से ऑपरेशन टाइगर को अंजाम देने की योजना बनाई है.

दुधवा नेशनल पार्क से लाई गईं डायना और सुलोचना. (Video Credit : ETV Bharat)

आदमखोर हो चुका बाघ लगभग डेढ़ महीने में 3 लोगों को मार चुका है. वह लगातार एक्सपर्ट टीमों को चकमा दे रहा है. शुरुआत में पीलीभीत के एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार को सफलता नहीं मिली तो दुधवा से डॉ. दयाशंकर और कानपुर के वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. नितेश कटियार ने भी बाघ के लिए जाल बिछाया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. शातिर हो चुके बाघ ने ट्रेंकुलाइज करने के लिए पिंजरे के पास बांधे गए पड्डे को निवाला बनाकर चलता बना.

दुधवा नेशनल पार्क से लाई गईं डायना और सुलोचना.
दुधवा नेशनल पार्क से लाई गईं डायना और सुलोचना. (Photo Credit: ETV Bharat)

इसी क्रम में कोलकाता से लाए गए थर्मल ड्रोन, दो दर्जन से अधिक कैमरे, चार पिंजरे बाघ को पकड़ने में नाकाफी साबित हुए हैं. अब आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा नेशनल पार्क की डायना और सुलोचना का सहारा लिया जा रहा है. वन विभाग को हंथनियों को बुलाकर कांबिंग शुरू कर दी गई है. दक्षिणी खीरी वन रेंज के डीएफओ संजय बिस्वाल ने बताया कि बाघ की हथनियों की मदद से बाघ की सटीक लोकेशन पता करने में काफी मदद मिलेगी. अभी तक क्षेत्र में खड़ी गन्ने की फसल बड़ी बाधा रही है. फिलहाल अब हथनियों की सहायता से बाघ की तलाश में काफी मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी में आदमखोर बाघ ने फिर ली एक किसान की जान, 13 दिन के अंदर दूसरी वारदात, 25 लाख मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर ग्रामीण - Tiger kills farmer Lakhimpur Kheri

यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी में मिले बाघ के शावक को भेजा गया गोरखपुर, पहुंच गया था गांव - Tiger cub in Lakhimpur Kheri

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दुधवा नेशनल पार्क से लाई गईं डायना और सुलोचना. (Video Credit : ETV Bharat)

आदमखोर हो चुका बाघ लगभग डेढ़ महीने में 3 लोगों को मार चुका है. वह लगातार एक्सपर्ट टीमों को चकमा दे रहा है. शुरुआत में पीलीभीत के एक्सपर्ट डॉ. दक्ष गंगवार को सफलता नहीं मिली तो दुधवा से डॉ. दयाशंकर और कानपुर के वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. नितेश कटियार ने भी बाघ के लिए जाल बिछाया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. शातिर हो चुके बाघ ने ट्रेंकुलाइज करने के लिए पिंजरे के पास बांधे गए पड्डे को निवाला बनाकर चलता बना.

दुधवा नेशनल पार्क से लाई गईं डायना और सुलोचना.
दुधवा नेशनल पार्क से लाई गईं डायना और सुलोचना. (Photo Credit: ETV Bharat)

इसी क्रम में कोलकाता से लाए गए थर्मल ड्रोन, दो दर्जन से अधिक कैमरे, चार पिंजरे बाघ को पकड़ने में नाकाफी साबित हुए हैं. अब आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए दुधवा नेशनल पार्क की डायना और सुलोचना का सहारा लिया जा रहा है. वन विभाग को हंथनियों को बुलाकर कांबिंग शुरू कर दी गई है. दक्षिणी खीरी वन रेंज के डीएफओ संजय बिस्वाल ने बताया कि बाघ की हथनियों की मदद से बाघ की सटीक लोकेशन पता करने में काफी मदद मिलेगी. अभी तक क्षेत्र में खड़ी गन्ने की फसल बड़ी बाधा रही है. फिलहाल अब हथनियों की सहायता से बाघ की तलाश में काफी मदद मिलेगी.

यह भी पढ़ें : लखीमपुर खीरी में आदमखोर बाघ ने फिर ली एक किसान की जान, 13 दिन के अंदर दूसरी वारदात, 25 लाख मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर ग्रामीण - Tiger kills farmer Lakhimpur Kheri

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Last Updated : Sep 27, 2024, 12:11 PM IST
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