आजमगढ़ : मंडलायुक्त कनक लता त्रिपाठी आज रिटायर हो गईं. रिटायरमेंट से पूर्व बतौर आजमगढ़ मंडल की कमिश्नर कनक लता त्रिपाठी ने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गरीब-मजबूर लोगों की अधिकारियों को मदद करना चाहिए, जिससे ऐसे लोगों को न्याय मिल सके, जो समाज की मुख्यधारा से दूर हैं. मंडलायुक्त कनक लता त्रिपाठी का कमिश्नर के रूप में आज अंतिम दिन था.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए मंडलायुक्त कनक लता त्रिपाठी ने कहा कि आजमगढ़ जनपद से मेरा भावनात्मक रिश्ता है. प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा आजमगढ़ जनपद से हुई थी. मंडलायुक्त ने बलिया जनपद से कक्षा नौवीं और दसवीं की पढ़ाई की थी. मंडलायुक्त ने जनपद के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में बड़ी संख्या में अभिलेखों से छेड़छाड़ के मामले आते हैं. इसके निराकरण के लिए अधिकारी आने वाली शिकायतों को गंभीरता से सुने, ताकि इन गरीबों को न्याय मिल सके.
आजमगढ़ मंडल के 12 से अधिक अधिकारियों पर कार्रवाई के सवाल पर मंडलायुक्त ने कहा कि किसी भी अधिकारी व कर्मचारी पर कार्रवाई करने से खुशी नहीं मिलती. पर कई बार निर्देश के बावजूद भी जब अधिकारी स्वेच्छाचारी से काम करते हैं तो ऐसे लोगों पर कार्रवाई करना विवशता हो जाती है, जिससे अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों में डर बना रहे. रिटायरमेंट के बाद सार्वजनिक जीवन में सक्रियता के सवाल पर मंडलायुक्त ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में भी रिटायरमेंट के बाद सक्रिय होंगे और यदि कहीं पर भी कुछ गलत दिखता है तो उसके खिलाफ लगातार आवाज उठाती रहूंगी.
12 जून 2019 को आजमगढ़ मंडल का कार्यभार ग्रहण करने के बाद मंडलायुक्त कनक लता त्रिपाठी ने जनपद में एक अमिट छाप छोड़ी. आजमगढ़ मंडल में 12 से अधिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई भी की. इसमें जनपद के 2 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, आजमगढ़ विकास प्राधिकरण के तीन सचिव, आजमगढ़ जनपद के एसडीएम सदर के साथ ही मऊ, बलिया के भी अधिकारियों के खिलाफ जिनकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई, उन सभी अधिकारियों को शासन ने निलंबित भी किया. मंडलायुक्त की इस कार्रवाई से मंडल के अधिकारियों में हड़कंप भी मचा रहा.