आजमगढ़: जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित रानी की सराय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है. 24 जून को ईटीवी भारत ने 'खस्ताहाल सड़कों की तरफ नहीं जा रहा अधिकारियों का ध्यान, लोग परेशान' नाम से खबर चलाई थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए मंडलायुक्त कनकलता त्रिपाठी ने पीडब्ल्यूडी व एनएचएआई के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा है.
सड़क को लेकर कई बार मिली शिकायत
ईटीवी भारत से बातचीत में आजमगढ़ की मंडलायुक्त कनकलता त्रिपाठी ने बताया कि जिले के रानी की सराय में सड़कों की दुर्दशा के बारे में कई बार शिकायतें मिली हैं. इन्हीं शिकायतों के आधार पर पीडब्ल्यूडी, एनएचआई के अधिकारियों के साथ कई बार समीक्षा बैठक कर उन्हें इस राष्ट्रीय राजमार्ग को सही करने का निर्देश दिया, लेकिन कई बार बैठकों के बावजूद भी इन अधिकारियों ने बदहाल हो चुकी सड़कों पर गंभीरता से काम नहीं किया, जिसकी वजह से सड़क से गुजरने वाले यात्रियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
'दोषियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई'
मंडलायुक्त कनकलता त्रिपाठी ने बताया कि इस सड़क को बनाने वाले ठेकेदार के साथ भी कई बार बैठक हुई है और उन्हें भी निर्देशित किया गया, लेकिन रानी की सराय में सड़कों की स्थिति जस की तस है. इसको ध्यान में रखते हुए पीडब्ल्यूडी व एनएचएआई के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र लिखा गया है. इसके लिए जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ शासन कार्रवाई करेगा.
यात्रियों को हो रही परेशानी
आजमगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित रानी की सराय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर का केंद्र बिंदु है. यहां से लगभग 100 किलोमीटर दूर वाराणसी है और 100 किलोमीटर दूर गोरखपुर है. ऐसे में पिछले 10 वर्षों से यहां सड़कों पर मौजूद गड्ढों के कारण स्थानीय लोगों के साथ-साथ यात्रियों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
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शिकायत करने पर भी नहीं हुआ समाधान
सड़कों पर गड्ढे होने के कारण कई बार यहां यात्रियों की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त भी हो गई हैं. बावजूद इसके इन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, जिससे नाराज होकर मंडलायुक्त ने पीडब्ल्यूडी और एनएचआई के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को पत्र लिख दिया है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इन जिम्मेदार अधिकारियों पर शासन कब कार्रवाई करता है.