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आजमगढ़: विश्व रेबीज दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन - एडिशनल सीएमओ डॉक्टर एके सिंह

विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर आजमगढ़ में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान एडिशनल सीएमओ डॉक्टर एके सिंह ने रेबीज से सावधान रहने के बारे में बताया.

एडिशनल सीएमओ डॉक्टर एके सिंह.
एडिशनल सीएमओ डॉक्टर एके सिंह.
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Published : Sep 29, 2020, 4:58 AM IST

आजमगढ़: विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर जिले में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य मकसद यह था कि लोगों को रेबीज के बारे में जागरूक किया जा सके, जिससे लोग अपना बचाव कर सकें.

जानकारी देते डॉ. ए के सिंह एडिशनल सीएमओ.

जनपद के एडिशनल सीएमओ डॉक्टर एके सिंह ने बताया कि रेबीज जितना घातक जानवरों के लिए है, उससे भी ज्यादा घातक इंसानों के लिए है. इसलिए रेबीज से सावधानी बरतने की बहुत जरूरत है. एडिशनल सीएमओ ने बताया कि संक्रमित जानवर जिस भी व्यक्ति को काटते हैं उसे भी नुकसान पहुंचाएंगे. इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतें, जिससे बचा जा सके.

उन्होंने कहा कि जितने भी पालतू जानवर हैं, उनको जन्म के 3 माह बाद टीका लगवाएं. इसके साथ ही प्रतिवर्ष टीकाकरण कराएं. उन्होंने बताया कि जानवरों के बच्चों को दूध पिलाते समय या सोते समय न छेड़ें. इस समय ये जानवर काफी गुस्से में होते हैं. वे छेड़ने वालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यदि कोई जानवर किसी व्यक्ति को काट भी ले तो सबसे पहले 10 मिनट तक घाव को धोएं. घाव पर कोई पट्टी न करें. जितना जल्दी हो सके आस-पास के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर संक्रमित व्यक्ति का इलाज कराएं.

आजमगढ़: विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर जिले में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का मुख्य मकसद यह था कि लोगों को रेबीज के बारे में जागरूक किया जा सके, जिससे लोग अपना बचाव कर सकें.

जानकारी देते डॉ. ए के सिंह एडिशनल सीएमओ.

जनपद के एडिशनल सीएमओ डॉक्टर एके सिंह ने बताया कि रेबीज जितना घातक जानवरों के लिए है, उससे भी ज्यादा घातक इंसानों के लिए है. इसलिए रेबीज से सावधानी बरतने की बहुत जरूरत है. एडिशनल सीएमओ ने बताया कि संक्रमित जानवर जिस भी व्यक्ति को काटते हैं उसे भी नुकसान पहुंचाएंगे. इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतें, जिससे बचा जा सके.

उन्होंने कहा कि जितने भी पालतू जानवर हैं, उनको जन्म के 3 माह बाद टीका लगवाएं. इसके साथ ही प्रतिवर्ष टीकाकरण कराएं. उन्होंने बताया कि जानवरों के बच्चों को दूध पिलाते समय या सोते समय न छेड़ें. इस समय ये जानवर काफी गुस्से में होते हैं. वे छेड़ने वालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यदि कोई जानवर किसी व्यक्ति को काट भी ले तो सबसे पहले 10 मिनट तक घाव को धोएं. घाव पर कोई पट्टी न करें. जितना जल्दी हो सके आस-पास के नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर संक्रमित व्यक्ति का इलाज कराएं.

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