आजमगढ़ः तीन पीढ़ियों के बाद डेविड कैनन को त्रिनिदाद एंड टोबैगो से अपने पूर्वजों की माटी आजमगढ़ खींच लाई. डेविड कैनन अपनी पत्नी मार्लिन के साथ अपने पूर्वजों के गांव रौनापार थाना क्षेत्र के माड़ाकर्मनाथ पट्टी पहुंचे. यहां उन्होंने गांव की मिट्टी को अपने माथे से लगाया. इस दौरान वह भावुक भी नजर आए. डेविड के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया. गांव पहुंचने में पुलिस अधीक्षक अनुराग आर्य, अपर पुलिस अधीक्षक नगर शैलेन्द्र लाल और प्रशासन ने उनका सहयोग किया था.
डेविड के पूर्वज रामखेलावन मौर्य जनपद के रौनापार थाना क्षेत्र के माड़ाकर्मनाथ पट्टी गांव के रहने वाले थे. वर्ष 1906 में 24 साल की उम्र में वह गिरमिटिया मजदूर बनकर कोलकाता गए. वहां से साल 1907 में वह त्रिनिदाद एंड टोबैगो चले गए. वहां उनका विवाह भारतीय मूल की रामकली के साथ हुआ. डेविड ने बताया कि उन्हें अपने पूर्वजों के बारे में बहुत जानकारी नहीं थी. त्रिनिदाद एंड टोबैगो में एक दिन उनकी मां डॉक्टर के पास दवा लेने गई थीं. पता चला डॉक्टर विनोद कुमार सिंह मूलरूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं. उनसे बातचीत के दौरान पूर्वजों की जानकारी हुई. तमाम दस्तावेजों को खंगालने के बाद उन्हें अपने पूर्वजों के गांव के बारे में पता चला.
इसके बाद पुलिस प्रशासन के सहयोग से करीब 116 वर्ष बाद वह गांव पहुंचे. गांव पहुंचने पर प्रधान और ग्रामीणों ने इस दंपति का भव्य स्वागत किया. डेविड ने ग्रामीणों से एक वर्ष बाद अपनी मां के साथ फिर आने का वादा किया. वहीं, अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि डेविड ने जो पता दिया था. वहां पुलिस भेजी गई. यहां लोगों ने पुरानी बात को याद कर उनके पूर्वजों के नाम बताए, जिसके बाद डेविड अपनी मातृभूमि पर पहुंचे. वह लोगों से मिलकर काफी खुश हुए. अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस का प्रयास रहता है कि ऐसे लोगों को उनके परिजनों से मिलवाया जाए.
ये भी पढ़ेंः दहेज में बुलेट न मिलने पर निकाह के नौ साल बाद पति ने दिया तीन तलाक, मारपीट कर घर से निकाला