आजमगढ़: जनपद के तरवां गांव के रहने वाले और भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमर सिंह का शनिवार को सिंगापुर में निधन हो गया. आजमगढ़ के विकास में अमर सिंह ने जो सराहनीय योगदान दिया है, उसे यहां की जनता युगों-युगों तक याद करेगी.
'अमर सिंह की खलेगी कमी'
आजमगढ़ के रहने वाले वीरभद्र सिंह, जिनकी गिनती अमर सिंह के काफी करीबी में होती थी, ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि आज हमारे नेता जी अमर सिंह का निधन हो गया. उनकी कमी जनपद को बहुत दिनों तक खलेगी. उन्होंने बताया कि आजमगढ़ जनपद के विकास में आजादी के बाद जो भी विकास हुआ, उसका श्रेय अमर सिंह को ही जाता है. चाहे वह चक्रपाणपुर स्थित मेडिकल कॉलेज के निर्माण का मामला हो या महिला चिकित्सालय के निर्माण का मामला हो, जनपद में एयरपोर्ट का निर्माण हो या तरवा में सैया अस्पताल की स्थापना हो, इन सब का निर्माण अमर सिंह के कारण ही संभव हो सका.
'जनपद में फैली शोक की लहर'
वीरभद्र सिंह ने बताया कि जब समाजवादी सरकार में सफाई में विकास का कोई कार्य होता था तो अमर सिंह भी तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से आजमगढ़ जनपद में विकास की बातें करते थे. यही कारण है कि पूर्व की समाजवादी सरकार में आजमगढ़ जनपद का काफी विकास भी हुआ. आज अमर सिंह के निधन से पूरा जनपद वासी शोकाकुल हैं.
'अमिताभ बच्चन ने भी की थी अमर सिंह की तारीफ'
वीरभद्र सिंह बताते हैं कि अमर सिंह अंतरराष्ट्रीय ख्याति वाले नेता थे और देश की राजनीति में जिस तरह से नाभिकीय संधि के साथ-साथ मनमोहन सरकार को बचाने का काम किया, इससे उनकी शख्सियत का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसके साथ ही फिल्मी दुनिया के बड़े-बड़े लोग मदद लेने अमर सिंह के पास आते थे. अमिताभ बच्चन ने इस बात को कहा भी था कि यदि अमर सिंह ना होते तो आज हम सड़क पर होते.
'अब हम लोग अनाथ हो चुके हैं'
वीरभद्र सिंह कहते हैं कि अमर सिंह की उदारता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जिस तरह से 12 करोड़ से अधिक की अपनी पैतृक संपत्ति उन्होंने आरएसएस की शाखा सेवा भारती को दान कर दी और जिसमें सेवा भारती ने सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यक्रमों को शुरू भी कर दिया है, निश्चित रूप से उनके दरियादिली का सबसे बड़ा उदाहरण है. आज जब अमर सिंह का निधन हो गया, ऐसे में अब हम लोग अनाथ हो चुके हैं.
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बताते चलें कि आजमगढ़ जनपद के तरवा के रहने वाले अमर सिंह गांव की पगडंडी से निकलकर देश की राजनीति में काफी सक्रिय रहे. अमर सिंह की शख्सियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चाहे पूर्व की कांग्रेस सरकार रही हो या वर्तमान की भाजपा सरकार रही हो, केंद्रीय मंत्रिमंडल के साथ-साथ प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के साथ-साथ बड़े-बड़े कारपोरेट घरानों में भी उनका खासा दखल रहा. सारे राजनीतिक दलों में उनकी पहुंच थी.