लखनऊ : वोटिंग के बाद भी आजमगढ़ में चुनावी सरगर्मी जारी है. समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. बताया जा रहा है कि इस बार अखिलेश यादव की राह उतनी आसान नहीं रहेगी. भोजपुरी स्टार निरहुआ कड़ी टक्कर में हैं. चूंकि पिछले आम चुनाव के मुकाबले यहां वोटिंग कम हुई है इसलिए ऊंट किसी भी करवट बैठ सकता है. परिणाम 23 मई को आएगा. इस सीट पर कुल 15 उम्मीदवार मैदान में हैं.
दोनों पार्टियों ने इस बार अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं. इस बार पिता मुलायम सिंह यादव की जगह खुद अखिलेश मैदान में आए, जबकि बीजेपी ने भी रमाकांत यादव का टिकट काटकर दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को प्रत्याशी बनाया. 12 मई को आजमगढ़ लोकसभा सीट पर 56.13 फीसदी वोट पड़े. हालांकि पिछले चुनाव में यहां पर 56.47 फीसदी मतदान हुआ था.
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर सुबह 9 बजे तक सामान्य वोटिंग हुई. इससे ऐसा लगने लगा कि टक्कर कांटे की नहीं रहेगी. मगर अगले 4 घंटे में दोनों दलों के समर्थक खुलकर वोटिंग करने लगे और मतदान का प्रतिशत 34.89 पर पहुंच गया. वहीं इसके अगले चार घंटों तक मतदान का प्रतिशत 53.13 तक पहुंचा.
2014 में कैसी थी आजमगढ़ में टक्कर
- 2014 में इस सीट से सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैदान में उतरे थे
- बीजेपी ने उनके शिष्य रमाकांत यादव को मैदान उतारा था. रमाकांत की छवि बाहुबली की है.
- मोदी लहर में मुलायम सिंह को 3.40 लाख और रमाकांत को 2.77 लाख वोट मिले थे.
मुद्दे, जिनपर युवाओं ने मतदान किया
- ईटीवी भारत से बातचीत में पहली बार मतदान करने आए युवा वोटरों ने बताया कि युवाओं की प्राथमिकता शिक्षा है.
- शिक्षा के साथ ही प्रदेश की स्वास्थ सेवा और देश की सुरक्षा के मुद्दे पर 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान किया.
युवाओं का कहना है कि हम लोग एक ऐसी सरकार चाहते हैं जो-
- बेरोजगारी की समस्या को भी दूर करे.
- देश के हर मुद्दे पर मजबूती के साथ लड़ सके.
और क्या रहेगा फैसले का फैक्टर
- आजमगढ़ में यादव वोटों का बंटवारा, अखिलेश यादव की प्रदेश में व्यस्तता.
- अखिलेश यादव की राष्ट्रीय छवि को निरहुआ की स्टार छवि से मिली टक्कर.
- युवाओं का वोट, जिन पर राष्ट्रवाद का मुद्दा हावी रहा.
- अंतिम समय में पीएम मोदी की रैली, जिसमें दिनेश लाल यादव ने भी जुझारू भाषण किया.
- निरहुआ का ग्राउंड लेवल पर प्रचार.
- रमाकांत यादव का कोर वोट, माना जा रहा है उनके समर्थकों का वोट समाजवादी पार्टी के पक्ष में ट्रांसफर हुआ.