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यहां धरती पुत्र चलाते हैं 'प्लास्टिक की तोप', इन 'दुश्मनों' के लिए की है तैयार

आजमगढ़ जिले में आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए हरेंद्र नाम के एक किसान ने एक देसी तोप तैयार की है. हरेंद्र का कहना है कि गांव के किसान आवारा पशुओं से बहुत परेशान थे. प्रशासन से इस समस्या की कई बार शिकायत की गई, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया. अंत में हरेंद्र ने प्लास्टिक के पाइप से यह हथियार से बना दिया.

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Published : Oct 22, 2020, 1:48 AM IST

किसान ने बनाई अनोखी तोप
किसान ने बनाई अनोखी तोप

आजमगढ़: जिले में आवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो एक किसान ने खुद ही नायाब तरीका ढूंढ निकाला. जिले के किसान ने अपने प्रयास से एक ऐसी देसी तोप तैयार की है, जिसके एक धमाके से आवारा पशु से लेकर नील गाय तक सिवान छोड़ दे रहे हैं. किसानों के लिए यह प्रयोग काफी मुफीद साबित हो रहा है. इससे पशु फसल के आसपास भी नहीं फटक रहे.

आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान
आवारा पशु जिस खेत में पहुंच जाते हैं, उस खेत की पूरी फसल चट कर जाते हैं. आवारा पशु और नील गायों के आतंक से किसान परेशान हैं. वैज्ञानिकों की सलाह पर लोग फसलों में गोमूत्र आदि का छिड़काव भी कर रहे हैं, लेकिन पशुओं से निजात नहीं मिल रही. प्रशासन भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहा. ऐसे में गांव के एक किसान ने ऐसा हथियार बना डाला जो पशुओं को बिना नुकसान पहुंचाए सिवान से भगाता है.

स्पेशल रिपोर्ट
यह हथियार प्लास्टिक के पाइप से बना है और देखने में बिल्कुल सामान्य है. इसमें पाइप के अलावा गैस लाइटर का भी प्रयोग किया गया है. किसान इस पाइप में कार्बाइड और पानी डालकर फायर करते हैं. इसकी आवाज गोली और पटाखे से कई गुना ज्यादा होती है. इस हथियार का उपयोग से किसान खुश हैं. उनका कहना है कि अब उन्हें पशुओं का आतंक नहीं झेलना पड़ रहा.

सिवान में पशुपालक बछड़ों को खुला छोड़ रहे
वर्ष 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद गोवंश वध पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया. सरकार ने गोशाला में आवारा पशुओं को रखने का निर्देश जारी किया. इसके बाद कुछ गोशालाएं बनाई गईं, लेकिन वे अपर्याप्त साबित हुई. यही नहीं गोशाला की देखरेख कर रहे लोग भी आवारा पशुओं को रखने के लिए तैयार नहीं हुए. परिणाम है कि गाय के बछड़े को पशुपालक सिवान में खुला छोड़ दे रहे हैं. यही नहीं जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उन्हें भी छोड़ देते हैं. इससे हर गली में आवारा पशु और गोवंश नजर आने लगे हैं.

वहीं किसान हरेंद्र के गांव के रहने वाले पेशे से इंजीनियर राम सिंह का कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण आविष्कार है और यह जिस किसान ने बनाया वह कोई ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है. मामूली खर्च में हमें आवारा पशुओं के आतंक से इस हथियार के माध्यम से निजात मिल जाती है. हर गांव में किसानों को इसे ट्राई करना चाहिए और इस किसान से कुछ प्रेरणा लेनी चाहिए.

आवारा पशुओं से निजात के लिए गांव के लोगों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया. कई जुगाड़ किए लेकिन मुसीबत से निजात नहीं मिली. अंत में मैंने प्रयास कर तेज आवाज के लिए हथियार बनाया है, जो पशुओं को किसी तरह से हानि भी नहीं पहुंचाता और वह डर कर खेतों से भाग भी जाते हैं.

- हरेंद्र यादव, हथियार बनाने वाला किसान

आजमगढ़: जिले में आवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाने के लिए सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो एक किसान ने खुद ही नायाब तरीका ढूंढ निकाला. जिले के किसान ने अपने प्रयास से एक ऐसी देसी तोप तैयार की है, जिसके एक धमाके से आवारा पशु से लेकर नील गाय तक सिवान छोड़ दे रहे हैं. किसानों के लिए यह प्रयोग काफी मुफीद साबित हो रहा है. इससे पशु फसल के आसपास भी नहीं फटक रहे.

आवारा पशुओं से परेशान हैं किसान
आवारा पशु जिस खेत में पहुंच जाते हैं, उस खेत की पूरी फसल चट कर जाते हैं. आवारा पशु और नील गायों के आतंक से किसान परेशान हैं. वैज्ञानिकों की सलाह पर लोग फसलों में गोमूत्र आदि का छिड़काव भी कर रहे हैं, लेकिन पशुओं से निजात नहीं मिल रही. प्रशासन भी इसे गंभीरता से नहीं ले रहा. ऐसे में गांव के एक किसान ने ऐसा हथियार बना डाला जो पशुओं को बिना नुकसान पहुंचाए सिवान से भगाता है.

स्पेशल रिपोर्ट
यह हथियार प्लास्टिक के पाइप से बना है और देखने में बिल्कुल सामान्य है. इसमें पाइप के अलावा गैस लाइटर का भी प्रयोग किया गया है. किसान इस पाइप में कार्बाइड और पानी डालकर फायर करते हैं. इसकी आवाज गोली और पटाखे से कई गुना ज्यादा होती है. इस हथियार का उपयोग से किसान खुश हैं. उनका कहना है कि अब उन्हें पशुओं का आतंक नहीं झेलना पड़ रहा.

सिवान में पशुपालक बछड़ों को खुला छोड़ रहे
वर्ष 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद गोवंश वध पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया. सरकार ने गोशाला में आवारा पशुओं को रखने का निर्देश जारी किया. इसके बाद कुछ गोशालाएं बनाई गईं, लेकिन वे अपर्याप्त साबित हुई. यही नहीं गोशाला की देखरेख कर रहे लोग भी आवारा पशुओं को रखने के लिए तैयार नहीं हुए. परिणाम है कि गाय के बछड़े को पशुपालक सिवान में खुला छोड़ दे रहे हैं. यही नहीं जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उन्हें भी छोड़ देते हैं. इससे हर गली में आवारा पशु और गोवंश नजर आने लगे हैं.

वहीं किसान हरेंद्र के गांव के रहने वाले पेशे से इंजीनियर राम सिंह का कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण आविष्कार है और यह जिस किसान ने बनाया वह कोई ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है. मामूली खर्च में हमें आवारा पशुओं के आतंक से इस हथियार के माध्यम से निजात मिल जाती है. हर गांव में किसानों को इसे ट्राई करना चाहिए और इस किसान से कुछ प्रेरणा लेनी चाहिए.

आवारा पशुओं से निजात के लिए गांव के लोगों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया. कई जुगाड़ किए लेकिन मुसीबत से निजात नहीं मिली. अंत में मैंने प्रयास कर तेज आवाज के लिए हथियार बनाया है, जो पशुओं को किसी तरह से हानि भी नहीं पहुंचाता और वह डर कर खेतों से भाग भी जाते हैं.

- हरेंद्र यादव, हथियार बनाने वाला किसान

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