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डीआईजी की पहल पर 3 दिन की मासूम को खून देने दौड़ पड़े तीन सिपाही - आजमगढ़ डीआईजी

आजमगढ़ डीआईजी की पहल से तीन दिन के मासूम की जान बच गई. गंभीर बीमारी से जूझ रहे मासूम की जान बचाने के लिए ओ निगेटिव ब्लड की दरकार थी. तीमारदार मशक्कत के बावजूद खून न जुटा सके तो डीआईजी से मदद की गुहार लगाई. डीआईजी की अपील के बाद मऊ पुलिस के तीन जवान मासूम को खून देने पहुंच गए.

डीआईजी की पहल पर 3 दिन की मासूम को खून देने दौड़ पड़े तीन सिपाही
डीआईजी की पहल पर 3 दिन की मासूम को खून देने दौड़ पड़े तीन सिपाही
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Published : May 20, 2021, 10:29 PM IST

आजमगढ़: कोरोना काल में जहां पुलिस मुस्तैदी से अपना फर्ज निभा रही है, तो वहीं डीआईजी आजमगढ़ की पहल पर गंभीर बीमारी से जूझ रही तीन दिन की मासूम की जान बच गई. डीआईजी की अपील के बाद मऊ पुलिस के तीन जवान मासूम को खून देने पहुंच गए, हालांकि एक यूनिट ब्लड से ही काम चल गया.

डीआईजी आजमगढ़ से मदद की गुहार
जानकारी के मुताबित गाजीपुर के रहने वाले रिजवान की तीन दिन की मासूम बच्ची की जान खतरे में थी, उसे ओ निगेटिव ब्लड की जरूरत थी. लेकिन इंतजाम नहीं हो पा रहा था. जिसके बाद रिजवान ने डीआईजी आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे को फोन के द्वारा अपनी बच्ची की जानकारी देते हुए मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि साहब ब्लड नहीं मिल पा रहा है. वह गाजीपुर का रहने वाला है और इलाज मऊ जनपद में चल रहा है. जानकारी मिलते ही डीआईजी आजमगढ़ ने एसपी मऊ को अलर्ट करते हुए पूरी मदद करने की अपील की. इसके बाद पुलिस लाइंस से तीन सिपाहियों काे रिजवान के पास भेज दिया. डॉक्टर ने एक यूनिट ब्लड की जरूरत बताई, तो कांस्टेबल अरुण कुमार रॉय ने अपना खून दिया.

इसे भी पढ़ें-पहले तो एसपी ने किया इंकार, फिर खुद ही बरामद किया जहरीली शराब का जखीरा

डीआईजी ने की सराहना
डीआईजी ने ट्वीट कर लिखा कि मऊ पुलिस हमे आप पर गर्व है. सही माईने में नर सेवा ही नारायण सेवा है. डीआईजी की पहल और एसपी मऊ की सक्रियता से जहां तीन पुलिस कर्मियों ने बच्ची की जान बचाने को अपनी तत्परता दिखाई, तो वही उनके इस प्रयास की सराहना हो रही है. तीन दिन की मासूम अब सुरक्षित है.

आजमगढ़: कोरोना काल में जहां पुलिस मुस्तैदी से अपना फर्ज निभा रही है, तो वहीं डीआईजी आजमगढ़ की पहल पर गंभीर बीमारी से जूझ रही तीन दिन की मासूम की जान बच गई. डीआईजी की अपील के बाद मऊ पुलिस के तीन जवान मासूम को खून देने पहुंच गए, हालांकि एक यूनिट ब्लड से ही काम चल गया.

डीआईजी आजमगढ़ से मदद की गुहार
जानकारी के मुताबित गाजीपुर के रहने वाले रिजवान की तीन दिन की मासूम बच्ची की जान खतरे में थी, उसे ओ निगेटिव ब्लड की जरूरत थी. लेकिन इंतजाम नहीं हो पा रहा था. जिसके बाद रिजवान ने डीआईजी आजमगढ़ सुभाष चंद्र दुबे को फोन के द्वारा अपनी बच्ची की जानकारी देते हुए मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि साहब ब्लड नहीं मिल पा रहा है. वह गाजीपुर का रहने वाला है और इलाज मऊ जनपद में चल रहा है. जानकारी मिलते ही डीआईजी आजमगढ़ ने एसपी मऊ को अलर्ट करते हुए पूरी मदद करने की अपील की. इसके बाद पुलिस लाइंस से तीन सिपाहियों काे रिजवान के पास भेज दिया. डॉक्टर ने एक यूनिट ब्लड की जरूरत बताई, तो कांस्टेबल अरुण कुमार रॉय ने अपना खून दिया.

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डीआईजी ने की सराहना
डीआईजी ने ट्वीट कर लिखा कि मऊ पुलिस हमे आप पर गर्व है. सही माईने में नर सेवा ही नारायण सेवा है. डीआईजी की पहल और एसपी मऊ की सक्रियता से जहां तीन पुलिस कर्मियों ने बच्ची की जान बचाने को अपनी तत्परता दिखाई, तो वही उनके इस प्रयास की सराहना हो रही है. तीन दिन की मासूम अब सुरक्षित है.

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