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पति की मौत के चंद घंटे बाद पत्नी ने त्याग दिए प्राण, एक साथ उठी अर्थी

साथ-साथ जीने-मरने की कसम तो अक्सर लोग खाते हैं, लेकिन उसको निभा कुछ ही लोग पाते हैं. ऐसा ही एक मामला अयोध्या जिले से सामने आया है, जहां पति की मौत के कुछ घंटे बाद ही पत्नी ने भी दम तोड़ दिया. घर से दोनों की अर्थी एक साथ उठी.

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Published : Apr 25, 2021, 9:45 AM IST

wife dies after husband death in ayodhya
पति की मौत के चंद घंटे बाद पत्नी ने त्यागे प्राण.

अयोध्या : भगवान श्रीराम की नगरी में वयोवृद्ध दंपति की मौत चर्चा का विषय बनी हुई है. परिवार के लोग इस दु:खद घटना में भी सुख का एहसास कर रहे हैं.

शनिवार को नयाघाट निवासी पंडित सुग्रीव तिवारी के पिता रामचंद्र तिवारी (88) की दोपहर 2:35 बजे मौत हो गई. यह सदमा उनकी धर्मपत्नी लालमती (86) को बर्दाश्त नहीं हो सका और पति की मौत के कुछ समय बाद ही शाम 8 बजकर 40 मिनट पर उनकी भी मौत हो गई.

दोनों की एक साथ निकली शवयात्रा
लालमती तिवारी की मौत के बाद उनका शव पति रामचंद्र तिवारी के शव के पास रखा गया. रविवार की सुबह एक साथ दोनों की शव यात्रा निकली. लोगों ने लालमती की मौत को सौभाग्यशाली बताया.

'ऐसी मौत विरले लोगों को नसीब होती है'
मृतक दंपति के बेटे सुग्रीव तिवारी ने बताया कि अपने माता-पिता दोनों की मौत एक ही दिन होने से वह कतई दुःखी नहीं हैं. ऐसी मौत विरले लोगों की होती है. उन्होंने कहा कि यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बेहतर है. बल्कि आज की दुनिया में यह एक-दूसरे के प्रति विशुद्ध प्रेम का परिचायक है.

ये भी पढ़ें: अयोध्या में नहीं टूटेगी मरीजों की सांस, चार ऑक्सीजन जनरेटर के दिए गए आर्डर

फिलहाल जो भी हो, जब रामचंद्र तिवारी और उनकी धर्मपत्नी लालमती का शव नयाघाट से एक साथ उठा तो लोगों की आंखें नम होने की बजाय, चेहरा खुशी से चमक रहा था.

अयोध्या : भगवान श्रीराम की नगरी में वयोवृद्ध दंपति की मौत चर्चा का विषय बनी हुई है. परिवार के लोग इस दु:खद घटना में भी सुख का एहसास कर रहे हैं.

शनिवार को नयाघाट निवासी पंडित सुग्रीव तिवारी के पिता रामचंद्र तिवारी (88) की दोपहर 2:35 बजे मौत हो गई. यह सदमा उनकी धर्मपत्नी लालमती (86) को बर्दाश्त नहीं हो सका और पति की मौत के कुछ समय बाद ही शाम 8 बजकर 40 मिनट पर उनकी भी मौत हो गई.

दोनों की एक साथ निकली शवयात्रा
लालमती तिवारी की मौत के बाद उनका शव पति रामचंद्र तिवारी के शव के पास रखा गया. रविवार की सुबह एक साथ दोनों की शव यात्रा निकली. लोगों ने लालमती की मौत को सौभाग्यशाली बताया.

'ऐसी मौत विरले लोगों को नसीब होती है'
मृतक दंपति के बेटे सुग्रीव तिवारी ने बताया कि अपने माता-पिता दोनों की मौत एक ही दिन होने से वह कतई दुःखी नहीं हैं. ऐसी मौत विरले लोगों की होती है. उन्होंने कहा कि यह न केवल धार्मिक दृष्टि से बेहतर है. बल्कि आज की दुनिया में यह एक-दूसरे के प्रति विशुद्ध प्रेम का परिचायक है.

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फिलहाल जो भी हो, जब रामचंद्र तिवारी और उनकी धर्मपत्नी लालमती का शव नयाघाट से एक साथ उठा तो लोगों की आंखें नम होने की बजाय, चेहरा खुशी से चमक रहा था.

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