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अयोध्या: 10 लाख पर्चे बांटकर श्रीराम मंदिर का संघर्ष बताएगी विश्व हिंदू परिषद - अयोध्या

श्रीराम जन्म भूमि मामले की पैरवी कर रही विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को घर-घर पहुंचाने का निर्णय लिया है. वह 10 लाख पर्चे बांटकर श्रीराम मंदिर का संघर्ष बताएगी.

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विश्व हिंदू परिषद 10 लाख पर्चे बांटकर श्रीराम मंदिर का संघर्ष बताएगी.
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Published : Jan 14, 2020, 10:28 PM IST

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में आए फैसले का पूरे विश्व में सभी ने स्वागत किया. पिछले 24 सालों से श्री राम जन्म भूमि मामले की पैरवी कर रही विश्व हिंदू परिषद ने अब सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को घर-घर पहुंचाने का निर्णय लिया है. वह 10 लाख पर्चे बांटकर श्रीराम मंदिर का संघर्ष बताएगी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस तरह से व्यापक और अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग है, उससे देश की आम जनता तक सही जानकारी कई मायने में नहीं पहुंच पा रही है. विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले और विश्व हिंदू परिषद के संघर्ष को 4 पेज के पंपलेट में उतार दिया है. साल 2020 के अंत तक 10 लाख पर्चे गांव में घर-घर जाकर बांटने की योजना है.

जानकारी देते संवाददाता.

सरल भाषा में है सूचना
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के व्यापक फैसले और उसके शब्दों को आम आदमी को समझने में थोड़ी दिक्कत होती है. इस वजह से हमने सरल और सरलतम शब्दों के प्रयोग से देश में अपने संघर्ष को दिखाने का निर्णय लिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी सरल भाषा में लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

आगामी चुनाव को देखते हुए बना रहे कार्य योजना
9 नवंबर 2019 को आए ऐतिहासिक फैसले को विश्व हिंदू परिषद अब राजनीतिक और सामाजिक तौर पर रंग देने की तैयारी में है. इसे सरल भाषा में 10 लाख पर्चे गांव तक पहुंचाने की योजना है. बता दें कि आगामी उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर विश्व हिंदू परिषद इस कार्य योजना को आगे बढ़ा रहा है.

हर परिवार को जोड़ने का मकसद
इसे जमीन पर उतार कर कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर भेजने की तैयारी में है. इसका मकसद हर एक परिवार को इस मामले से जोड़ते हुए उसे विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के संघर्ष को दिखाना भी है, जिससे निश्चित तौर पर उसे कहीं न कहीं फायदा होने की उम्मीद भी नजर आ रही है.

ये भी पढ़ें- हमारी पूर्व नेता मायावती को पैसों की भूख अब छोड़ देनी चाहिए: स्वामी प्रसाद मौर्या

कई राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में बांटी जाएगी पर्ची
विश्व हिंदू परिषद से जुड़े अन्य विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक इस पर्चे को 3 क्षेत्रीय भाषाओं में बदला गया है, जिनमें हिंदी, मराठी और कन्नड़ प्रमुख है. इसके अलावा आने वाले समय में इसे अन्य कई राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी कन्वर्ट किया जाएगा. फिलहाल इसकी शुरुआत अयोध्या से हिंदी भाषा के पर्चे के रूप में हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सरलतम और भाषाई रूपांतरण करने में वरिष्ठ वकीलों की सहायता ली गई है, जो इस मामले में शामिल थे, जिससे कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहीं भी तकनीकी रूप से इधर-उधर न होने पाए.

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में आए फैसले का पूरे विश्व में सभी ने स्वागत किया. पिछले 24 सालों से श्री राम जन्म भूमि मामले की पैरवी कर रही विश्व हिंदू परिषद ने अब सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को घर-घर पहुंचाने का निर्णय लिया है. वह 10 लाख पर्चे बांटकर श्रीराम मंदिर का संघर्ष बताएगी.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस तरह से व्यापक और अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग है, उससे देश की आम जनता तक सही जानकारी कई मायने में नहीं पहुंच पा रही है. विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले और विश्व हिंदू परिषद के संघर्ष को 4 पेज के पंपलेट में उतार दिया है. साल 2020 के अंत तक 10 लाख पर्चे गांव में घर-घर जाकर बांटने की योजना है.

जानकारी देते संवाददाता.

सरल भाषा में है सूचना
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के व्यापक फैसले और उसके शब्दों को आम आदमी को समझने में थोड़ी दिक्कत होती है. इस वजह से हमने सरल और सरलतम शब्दों के प्रयोग से देश में अपने संघर्ष को दिखाने का निर्णय लिया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी सरल भाषा में लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

आगामी चुनाव को देखते हुए बना रहे कार्य योजना
9 नवंबर 2019 को आए ऐतिहासिक फैसले को विश्व हिंदू परिषद अब राजनीतिक और सामाजिक तौर पर रंग देने की तैयारी में है. इसे सरल भाषा में 10 लाख पर्चे गांव तक पहुंचाने की योजना है. बता दें कि आगामी उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर विश्व हिंदू परिषद इस कार्य योजना को आगे बढ़ा रहा है.

हर परिवार को जोड़ने का मकसद
इसे जमीन पर उतार कर कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर भेजने की तैयारी में है. इसका मकसद हर एक परिवार को इस मामले से जोड़ते हुए उसे विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के संघर्ष को दिखाना भी है, जिससे निश्चित तौर पर उसे कहीं न कहीं फायदा होने की उम्मीद भी नजर आ रही है.

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कई राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में बांटी जाएगी पर्ची
विश्व हिंदू परिषद से जुड़े अन्य विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक इस पर्चे को 3 क्षेत्रीय भाषाओं में बदला गया है, जिनमें हिंदी, मराठी और कन्नड़ प्रमुख है. इसके अलावा आने वाले समय में इसे अन्य कई राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी कन्वर्ट किया जाएगा. फिलहाल इसकी शुरुआत अयोध्या से हिंदी भाषा के पर्चे के रूप में हो चुकी है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सरलतम और भाषाई रूपांतरण करने में वरिष्ठ वकीलों की सहायता ली गई है, जो इस मामले में शामिल थे, जिससे कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहीं भी तकनीकी रूप से इधर-उधर न होने पाए.

Intro:श्री राम जन्मभूमि मामले पर फैसला आने के बाद से भक्तों में खुशियों की लहर है तो वही पूरे विश्व में सभी ने इस फैसले का स्वागत किया है वहीं पिछले 24 सालों से श्री राम जन्म भूमि मामले की पैरवी कर रही विश्व हिंदू परिषद में अब सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को घर-घर पहुंचाने का निर्णय ले लिया है सुप्रीम कोर्ट के फैसले में जिस तरह से व्यापक और गौतम शब्दों का प्रयोग और इंग्लिश के शब्दों का प्रयोग है उससे देश की आम जनता तक सही जानकारी कई मायने में नहीं पहुंच पा रहे हैं वहीं विश्व हिंदू परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को और विश्व हिंदू परिषद की इस मामले को लेकर संघर्ष 4 पेज की पंपलेट में उतार दिया है जिसे साल 2020 के अंत तक 1000000 गांव में घर-घर जाकर बांटने की योजना है विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान का हक है सुप्रीम कोर्ट के व्यापक फैसले और उसके गौतम शब्दों को एक आम आदमी समझने में थोड़ी देवी करता है इस वजह से हमने सरल भाषा का प्रयोग और सरलतम शब्दों के प्रयोग से देश में अपने संघर्ष को दिखाने का निर्णय लिया है और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भी सरल भाषा में लोगों तक पहुंचाया जाएगा।

9 नवंबर 2019 को जो फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है उसमें निश्चित तौर पर एक नया इतिहास बदल कर उसे ऐतिहासिक बनाया गया है अब इस मामले पर विश्व हिंदू परिषद जिस तरह से एक कदम आगे बढ़ा रहा है उससे एक बात तो साफ है कि वह इस फैसले को अब राजनीतिक तौर पर और सामाजिक तौर पर अपना रंग देने की तैयारी में है क्योंकि जिस तरह से सरल भाषा में इसे 1000000 गांव तक पहुंचाने की योजना है निश्चित तौर पर उसे आगामी उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश का विधानसभा चुनाव बिहार विधानसभा उत्तराखंड विधानसभा चुनाव और फिर 2024 में लोकसभा चुनाव भी है इन सभी चुनाव के साथ लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर के विश्व हिंदू परिषद इस कार्य योजना को आगे बढ़ा रहा है और उसे जमीन पर उतार कर कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर भेजने की तैयारी में है इसका मकसद हर एक परिवार को इस मामले से जोड़ते हुए उसे विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के संघर्ष को दिखाना भी है जिससे निश्चित तौर पर उसे कहीं ना कहीं फायदा होने की उम्मीद भी नजर आ रहे हैं।
Body:विश्व हिंदू परिषद से जुड़े अन्य विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक इस पर्चे को 3 क्षेत्रीय भाषाओं में बदला गया है जिनमें हिंदी मराठी और कन्नड़ प्रमुख है इसके अलावा आने वाले समय में इसे अन्य कई राज्यों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी कन्वर्ट किया जाएगा फिलहाल इसकी शुरुआत अयोध्या से हिंदी भाषा के पर्चे के रूप में हो चुकी है सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सरलतम और भाषाई रूपांतरण करने में उन्हीं वरिष्ठ वकीलों की सहायता ली गई है जो इस केस में शामिल थे जिससे कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कहीं भी तकनीकी रूप से इधर उधर ना होने पाए।Conclusion:दिनेश मिश्रा
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