अयोध्या: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आज कार्तिक शुक्ल पक्ष सप्तमी, आनन्द संवत्सर विक्रम संवत 2078, शक संवत 1943 (प्लव संवत्सर), कार्तिक. सप्तमी तिथि 06:49 AM तक उपरांत अष्टमी तिथि 05:51 AM तक उपरांत नवमी. नक्षत्र श्रवण 02:59 PM तक उपरांत धनिष्ठा. गण्ड योग 06:42 AM तक, उसके बाद वृद्धि योग 04:44 AM तक, उसके बाद ध्रुव योग. करण वणिज 06:49 AM तक, बाद विष्टि 06:16 PM तक, बाद बव 05:51 AM तक, बाद बालव. नवम्बर 11 गुरुवार को राहु 01:05 PM से 02:26 PM तक है. 02:51 AM तक चन्द्रमा मकर उपरांत कुंभ राशि पर संचार करेगा.
सूर्योदय
6:22 AM
सूर्यास्त
5:08 PM
चन्द्रोदय
12:44 PM
चन्द्रास्त
11:42 PM
अयन
दक्षिणायन
द्रिक ऋतु
हेमंत
विक्रम संवत - 2078, आनन्द
शक सम्वत - 1943, प्लव
पूर्णिमांत - कार्तिक
अमांत - कार्तिक
तिथि
शुक्ल पक्ष सप्तमी - Nov 10 08:25 AM – Nov 11 06:49 AM
शुक्ल पक्ष अष्टमी [ क्षय तिथि ] - Nov 11 06:49 AM – Nov 12 05:51 AM
शुक्ल पक्ष नवमी - Nov 12 05:51 AM – Nov 13 05:31 AM
नक्षत्र
श्रवण - Nov 10 03:41 PM – Nov 11 02:59 PM
धनिष्ठा - Nov 11 02:59 PM – Nov 12 02:53 PM
करण
वणिज - Nov 10 07:33 PM – Nov 11 06:49 AM
विष्टि - Nov 11 06:49 AM – Nov 11 06:16 PM
बव - Nov 11 06:16 PM – Nov 12 05:51 AM
बालव - Nov 12 05:51 AM – Nov 12 05:36 PM
योग
गण्ड - Nov 10 09:10 AM – Nov 11 06:42 AM
वृद्धि - Nov 11 06:42 AM – Nov 12 04:44 AM
ध्रुव - Nov 12 04:44 AM – Nov 13 03:16 AM
वार
गुरुवार
त्यौहार और व्रत
गोपाष्टमी
सूर्य और चंद्रमा का समय
सूर्योदय - 6:22 AM
सूर्यास्त - 5:08 PM
चन्द्रोदय - Nov 11 12:44 PM
चन्द्रास्त - Nov 11 11:42 PM
अशुभ काल
राहू - 1:05 PM – 2:26 PM
यम गण्ड - 6:21 AM – 7:42 AM
कुलिक - 9:03 AM – 10:24 AM
दुर्मुहूर्त - 09:57 AM – 10:40 AM, 02:15 PM – 02:59 PM
वर्ज्यम् - 06:58 PM – 08:34 PM
शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त - 11:23 AM – 12:06 PM
अमृत काल - 04:32 AM – 06:07 AM
ब्रह्म मुहूर्त - 04:45 AM – 05:33 AM
आनन्दादि योग
ध्वजा (केतु) Upto - 02:59 PM
श्रीवत्स
सूर्या राशि
सूर्य तुला राशि पर है
चंद्र राशि
चन्द्रमा नवम्बर 12, 02:51 AM तक मकर राशि उपरांत कुंभ राशि पर संचार करेगा
चन्द्र मास
अमांत - कार्तिक
पूर्णिमांत - कार्तिक
शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) - कार्तिक 20, 1943
वैदिक ऋतु - शरद
द्रिक ऋतु - हेमंत
आज का सुविचार
जीवन में तजुर्बा इंसान को गलत फैसले से बचाता है, लेकिन यह भी सच है कि तजुर्बा उसे गलत फैसले से ही मिलता है.