अयोध्या : राम जन्मभूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट की विशेष अदालत द्वारा दिए गए रामलला के पक्ष में फैसले के बाद लंबे समय से शांत रहे इस पूरे प्रकरण में एक बार फिर से गर्माहट आ गई है. बीते 4 दिनों में पहले आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी द्वारा ट्रस्ट के सदस्यों पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया गया. अब इस पूरे प्रकरण पर नए-नए पक्ष सामने आने लगे हैं. बनारस के ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बुधवार को अयोध्या पहुंचे. इस दौरान उन्होंने श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर कई आरोप लगाए.
'मंदिर खरीदकर तोड़ रहा है ट्रस्ट'
सोमवार को अयोध्या के वरिष्ठ अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा से उनके आवास पर मुलाकात करने पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा-" लंबे समय से हमारे पूर्वज और हम राम मंदिर के संघर्ष की लड़ाई लड़ते रहे, लेकिन बाद में इस पूरे मामले का राजनीतिकरण हो गया. इसलिए हमने राम मंदिर के लिए इस पूरे मामले से खुद को दूर रखा कि किसी प्रकार राजनैतिक लोगों के द्वारा ही इस विवाद का समाधान होकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो जाए, लेकिन अब हमें जानकारी मिल रही है कि मंदिर निर्माण के साथ ही ट्रस्ट द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर के आस-पास मौजूद मंदिरों को खरीदा जा रहा है और उन्हें तोड़ा जा रहा है. वहां पर विराजमान विग्रह कहां है. उनकी पूजा-अर्चना हो रही है या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है. इसलिए इस प्रकरण पर आवाज उठाना जरूरी है इसीलिए हम अयोध्या आए हैं."
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'ट्रस्ट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई'
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि "इस प्रकरण पर आवाज उठाने के लिए बाहुबल का प्रयोग नहीं किया जा सकता. इसलिए हम न्यायिक मार्ग पर चलकर विधिक कार्रवाई करेंगे. रणजीत लाल वर्मा राम मंदिर के समर्थन में निर्मोही अखाड़े की तरफ से अच्छी पैरवी करते रहे हैं और स्थानीय वरिष्ठ अधिवक्ता है. इन्हें यहां के प्रकरण के बारे में अच्छी जानकारी है. इसी वजह से हमने अपनी तरफ से अधिवक्ता के रूप में रणजीत लाल वर्मा को चयनित किया है. इन के माध्यम से हम मंदिरों को खरीदने और तोड़ने के प्रकरण पर विधिक कार्रवाई करेंगे."
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ट्रस्ट के बहाने किस पर निशाना ?
जमीन खरीद प्रकरण को लेकर विपक्ष के नेता एक बार फिर से आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बीजेपी सरकार को घेरने में जुट गए हैं. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के गुरु ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद के संबंध कांग्रेस के बड़े नेताओं से रहे हैं. इस बात की चर्चा भी रही है कि जगद्गुरू स्वामी स्वरूपानंद कांग्रेस की विचारधारा का समर्थन करते हैं. ऐसे में उनके शिष्य का अयोध्या आकर ट्रस्ट के ऊपर गंभीर आरोप लगाना इस बात की ओर भी इशारा करता है कि कहीं न कहीं अयोध्या में मंदिर निर्माण और ट्रस्ट के नाम पर विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ अपनी राजनीति तेज कर दी है.