ETV Bharat / state

20 करोड़ की लागत से विकसित होगा राम नगरी का 'सूर्य उपासना केंद्र'

राम नगरी अयोध्या में स्थित सूर्य उपासना के केंद्र सूर्य कुंड को 20 करोड़ की लागत से भव्य रूप देने का प्लान बनाया जा रहा है. योजना तैयार करने के बाद अयोध्या नगर निगम ने यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया है.

etv bharat
राम नगरी का 'सूर्य उपासना केंद्र'.
author img

By

Published : Aug 31, 2020, 8:30 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 10:16 PM IST

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि में राम मंदिर बनने के साथ ही अयोध्या के सभी धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों को यात्रा के अनुरूप विकसित करने की योजना है. अब अयोध्या के प्राचीन कुण्डों में भी विकास किया जाएगा. राम नगरी में स्थित सूर्य उपासना के केंद्र सूर्य कुंड को 20 करोड़ की लागत से भव्य रूप देने का प्लान बनाया जा रहा है. कुंड के विकास से संबंधित विस्तृत रूप से योजना तैयार करने के बाद अयोध्या नगर निगम ने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है.

राम नगरी में 'सूर्य उपासना केंद्र' बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा.
ऐसा माना जाता है कि भगवान राम के जन्म के समय सूर्य देव ने अयोध्या में करीब 1 महीने तक निवास किया था. वह जिस स्थल पर रुके थे. वह सूर्यकुंड है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में इस कुंड को घोषाल तीर्थ के नाम से जाना जाता था. इस कुंड में ऋषि मुनि स्नान करते थे.

प्राचीन मान्यता
प्राचीन काल में घुस नामक राजा एक बार यहां से जब गुजरे, तो उन्होंने ऋषि-मुनियों को कुंड में स्नान करते देखा, इसके बाद उन्होंने भी इस कुंड में स्नान करने की इच्छा जताई. मुनियों के आदेश के बाद सूर्यकुंड में स्नान के बाद उनका शरीर दिव्य हो गया.

मान्यता है कि सूर्य देव ने उन्हें दर्शन दिया और उनके तेज से यहां एक प्रतिमा उत्पन्न हुई, जिसकी स्थापना राजा पूंछ ने सूर्य कुंड के पास की, जिसके बाद इस स्थल को घोषाल तीर्थ के नाम से जाना गया. राजा दर्शन सिंह ने इस कुंड का जीर्णोद्धार कराया.

20 करोड़ की लागत से विकसित होगा सूर्य कुंड
नगर निगम प्रशासन ने शासन को सूर्य कुंड के विकास का प्रस्ताव भेजा है. शुरुआती दौर में इसे विकसित करने में 20 करोड़ की लागत का अनुमान लगाया गया है. सूर्य कुंड के चारों ओर बाउंड्री वाल बनेगी, जिस पर भगवान राम से चरित्र से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को आर्ट गैलरी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा. इसके साथ ही सूर्य कुंड में नवग्रह वाटिका कुंड के भीतर वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट, मंदिर नुमा कैनोपी, म्यूजिक एंड साउंड सिस्टम, सॉफ्टवेयर पार्क, वॉकिंग ट्रैक और कैफेटेरिया प्रसाधन ब्लॉक आदि का निर्माण किया जाना है.

होगी पार्किंग की व्यवस्था
सूर्यकुंड का पूरा परिसर सोलर पैनल की ऊर्जा से जगमगाएगा. पैनल के नीचे पार्किंग की व्यवस्था होगी. सूर्यकुंड में साइंस पार्क भी विकसित करने का प्रस्ताव है, जिसमें बच्चों को विज्ञान से जुड़ी आधुनिक जानकारियां दी जाएंगी. इसके साथ बच्चों के खेलने की भी व्यवस्था होगी.

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने दी जानकारी
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नीरज शुक्ला ने बताया कि अयोध्या का इस तरह विकास किया जा रहा है कि पर्यटक कम से कम 3 दिन यहां रुकें. राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या के प्राचीन और पौराणिक स्थलों को उनकी धार्मिक मान्यता के अनुरूप विकसित किया जा रहा है.

अयोध्या के 8 प्राचीन कुण्डों को विकसित करने की योजना है. सूर्य कुंड में शाम के समय 7 से 8:30 के बीच लेजर लाइट एंड साउंड शो का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसमें भगवान राम के जीवन से संबंधित घटनाओं को लेजर शो के जरिए दिखाया जाएगा. सुबह या फिर दोपहर टहलने आने वाले लोगों के लिए परिसर में फ्री सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं लेजर शो देखने के लिए एक निर्धारित शुल्क देना पड़ेगा.

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि में राम मंदिर बनने के साथ ही अयोध्या के सभी धार्मिक-सांस्कृतिक स्थलों को यात्रा के अनुरूप विकसित करने की योजना है. अब अयोध्या के प्राचीन कुण्डों में भी विकास किया जाएगा. राम नगरी में स्थित सूर्य उपासना के केंद्र सूर्य कुंड को 20 करोड़ की लागत से भव्य रूप देने का प्लान बनाया जा रहा है. कुंड के विकास से संबंधित विस्तृत रूप से योजना तैयार करने के बाद अयोध्या नगर निगम ने प्रस्ताव शासन को भेज दिया है.

राम नगरी में 'सूर्य उपासना केंद्र' बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा.
ऐसा माना जाता है कि भगवान राम के जन्म के समय सूर्य देव ने अयोध्या में करीब 1 महीने तक निवास किया था. वह जिस स्थल पर रुके थे. वह सूर्यकुंड है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, प्राचीन काल में इस कुंड को घोषाल तीर्थ के नाम से जाना जाता था. इस कुंड में ऋषि मुनि स्नान करते थे.

प्राचीन मान्यता
प्राचीन काल में घुस नामक राजा एक बार यहां से जब गुजरे, तो उन्होंने ऋषि-मुनियों को कुंड में स्नान करते देखा, इसके बाद उन्होंने भी इस कुंड में स्नान करने की इच्छा जताई. मुनियों के आदेश के बाद सूर्यकुंड में स्नान के बाद उनका शरीर दिव्य हो गया.

मान्यता है कि सूर्य देव ने उन्हें दर्शन दिया और उनके तेज से यहां एक प्रतिमा उत्पन्न हुई, जिसकी स्थापना राजा पूंछ ने सूर्य कुंड के पास की, जिसके बाद इस स्थल को घोषाल तीर्थ के नाम से जाना गया. राजा दर्शन सिंह ने इस कुंड का जीर्णोद्धार कराया.

20 करोड़ की लागत से विकसित होगा सूर्य कुंड
नगर निगम प्रशासन ने शासन को सूर्य कुंड के विकास का प्रस्ताव भेजा है. शुरुआती दौर में इसे विकसित करने में 20 करोड़ की लागत का अनुमान लगाया गया है. सूर्य कुंड के चारों ओर बाउंड्री वाल बनेगी, जिस पर भगवान राम से चरित्र से जुड़े विभिन्न प्रसंगों को आर्ट गैलरी के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा. इसके साथ ही सूर्य कुंड में नवग्रह वाटिका कुंड के भीतर वॉटर फिल्ट्रेशन प्लांट, मंदिर नुमा कैनोपी, म्यूजिक एंड साउंड सिस्टम, सॉफ्टवेयर पार्क, वॉकिंग ट्रैक और कैफेटेरिया प्रसाधन ब्लॉक आदि का निर्माण किया जाना है.

होगी पार्किंग की व्यवस्था
सूर्यकुंड का पूरा परिसर सोलर पैनल की ऊर्जा से जगमगाएगा. पैनल के नीचे पार्किंग की व्यवस्था होगी. सूर्यकुंड में साइंस पार्क भी विकसित करने का प्रस्ताव है, जिसमें बच्चों को विज्ञान से जुड़ी आधुनिक जानकारियां दी जाएंगी. इसके साथ बच्चों के खेलने की भी व्यवस्था होगी.

अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने दी जानकारी
अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नीरज शुक्ला ने बताया कि अयोध्या का इस तरह विकास किया जा रहा है कि पर्यटक कम से कम 3 दिन यहां रुकें. राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या के प्राचीन और पौराणिक स्थलों को उनकी धार्मिक मान्यता के अनुरूप विकसित किया जा रहा है.

अयोध्या के 8 प्राचीन कुण्डों को विकसित करने की योजना है. सूर्य कुंड में शाम के समय 7 से 8:30 के बीच लेजर लाइट एंड साउंड शो का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इसमें भगवान राम के जीवन से संबंधित घटनाओं को लेजर शो के जरिए दिखाया जाएगा. सुबह या फिर दोपहर टहलने आने वाले लोगों के लिए परिसर में फ्री सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं लेजर शो देखने के लिए एक निर्धारित शुल्क देना पड़ेगा.

Last Updated : Aug 31, 2020, 10:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.