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अयोध्या मामले में तारीख पर तारीख, आखिर कब होगा फैसला

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामजन्म भूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ी पहल करते हुए अपना फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 31 जुलाई को हम मध्यस्थता रिपोर्ट के बाद इस पर फैसला करेंगे.

राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास
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Published : Jul 18, 2019, 2:58 PM IST

अयोध्या: अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया. गुरुवार को मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने मध्यस्थता कमेटी को 31 जुलाई तक का समय दिया है. इसके बाद 2 अगस्त को दोपहर 2 बजे ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी.

जानकारी देते राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास.

31 जुलाई का रहेगा इंतजार

  • सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई को मध्यस्थता रिपोर्ट देखने के बाद फैसला देगा.
  • अगर कोर्ट प्रतिदिन कहे अनुसार सुनवाई करता है तो कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द इस मामले का समाधान निकाल लेगा.
  • 1 वर्ष पहले भी घोषणा हुई थी कि सुप्रीम कोर्ट प्रतिदिन सुनवाई करेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

विवादित जमीन को तीन भागों में बांटने का आया था फैसला

2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में चौदह अपील दायर की गई हैं. चार सिविल सूट में कहा गया है कि अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि को तीन दलों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाएगा .

  1. सुन्नी वक्फ बोर्ड
  2. निर्मोही अखाड़ा
  3. रामलला

सुप्रीम कोर्ट को मध्यस्थता के आधार पर फैसला करने की जिद है, लेकिन इससे कोई हल नहीं निकलने वाला है. इसके पहले भी कई बार कोशिशें हुई लेकिन नाकाम साबित हुईं. इसमें सुप्रीम कोर्ट को पीछे हटने की बजाय चाहिए कि वह एक कदम आगे बढ़ाकर अपना फैसला सुनाए. सुप्रीम कोर्ट मामले को टालने की कई बार कोशिश कर चुका है, लेकिन अब फैसले की घड़ी है. अभी तक तारीख पे तारीख पड़ती रही है.
सतेंद्र दास, मुख्य पुजारी, राम जन्मभूमि



अयोध्या: अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया. गुरुवार को मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने मध्यस्थता कमेटी को 31 जुलाई तक का समय दिया है. इसके बाद 2 अगस्त को दोपहर 2 बजे ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी.

जानकारी देते राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास.

31 जुलाई का रहेगा इंतजार

  • सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई को मध्यस्थता रिपोर्ट देखने के बाद फैसला देगा.
  • अगर कोर्ट प्रतिदिन कहे अनुसार सुनवाई करता है तो कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द इस मामले का समाधान निकाल लेगा.
  • 1 वर्ष पहले भी घोषणा हुई थी कि सुप्रीम कोर्ट प्रतिदिन सुनवाई करेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

विवादित जमीन को तीन भागों में बांटने का आया था फैसला

2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में चौदह अपील दायर की गई हैं. चार सिविल सूट में कहा गया है कि अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि को तीन दलों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाएगा .

  1. सुन्नी वक्फ बोर्ड
  2. निर्मोही अखाड़ा
  3. रामलला

सुप्रीम कोर्ट को मध्यस्थता के आधार पर फैसला करने की जिद है, लेकिन इससे कोई हल नहीं निकलने वाला है. इसके पहले भी कई बार कोशिशें हुई लेकिन नाकाम साबित हुईं. इसमें सुप्रीम कोर्ट को पीछे हटने की बजाय चाहिए कि वह एक कदम आगे बढ़ाकर अपना फैसला सुनाए. सुप्रीम कोर्ट मामले को टालने की कई बार कोशिश कर चुका है, लेकिन अब फैसले की घड़ी है. अभी तक तारीख पे तारीख पड़ती रही है.
सतेंद्र दास, मुख्य पुजारी, राम जन्मभूमि



Intro:अयोध्या। सुप्रीम कोर्ट ने आज राम जन्म भूमि मामले में एक बड़ी पहल करते हुए अपना फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 31 जुलाई को हम मध्यस्थता रिपोर्ट के आधार पर आगे क्या करना है उस पर कार्यवाही करेंगे। यदि मध्यस्थता से कोई रास्ता नहीं निकलता है तो फिर 2 अगस्त से दिन प्रतिदिन सुनवाई पर हम सुनवाई करेंगे। इस मामले पर राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी सतेंद्र दास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को मध्यस्थता के आधार पर फैसला करने की जिद है, लेकिन इससे कोई हल नहीं निकलने वाला इसके पहले भी कई बार कोशिशें हुई लेकिन नाकाम हुई इसमें सुप्रीम कोर्ट को पीछे हटने की बजाए चाहिए कि वह आगे एक कदम बढ़ा करके अपना फैसला सुनाए।


Body:सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से आज फैसला दिया है कि वह 31 जुलाई को मध्यस्थता रिपोर्ट देखने के बाद फैसला देगा उससे कहीं ना कहीं अब यह लगने लगा है कि इस मामले में एक कदम ही सही लेकिन आगे बढ़ा है। सुप्रीम कोर्ट की इस पहल पर अयोध्या में सत्येंद्र दास ने कहा की सुप्रीम कोर्ट मामले को टालने की कई बार कोशिश कर चुका है, लेकिन अब फैसले की घड़ी है। ईटीवी से विशेष बातचीत में सत्येंद्र जी ने कहा कि अभी तक डेट टू डेट ना हो करके तारीख पे तारीख पड़ती रही। एक एक महीना दो दो महीना तारीख पड़ती रही और 1 वर्ष पहले ही घोषणा हुई थी कि सुप्रीम कोर्ट प्रतिदिन सुनवाई करेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और रही बात पैनल की तो पैनल की रिपोर्ट का 31 जुलाई को इंतजार रहेगा। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा है कि मिली रिपोर्ट के आधार पर वह अपना फैसला सुनाएगा, अगर उससे कोई हल नहीं निकलता है तो वह 2 तारीख से डेट टू डेट सुनवाई करेगा। लेकिन इस पर साफ तौर से यह नहीं कहा जा सकता कि कोर्ट 2 तारीख से रोज सुनवाई करेगी या फिर से वही रवैया अपनाते हुए तारीख पे तारीख देगी यदि तारीख पे तारीख पड़ना है तो यह समझिए की कोर्ट फिर से तारीख पे तारीख देगी और जैसे कई दशकों से यह मामला खींचते हुए चला आया है वैसे ही आगे भी खींचा जाएगा। अगर कोर्ट प्रतिदिन कहे अनुसार सुनवाई करता है तो कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द इस मामले का समाधान निकाल लेगा और अबकी बार इस बात की आशा की जा सकती है कि कोर्ट प्रतिदिन सुनवाई करेगा और राम मंदिर निर्माण की कार्य तिथि तय कर, हिंदू पक्ष में फैसला लेगा।


Conclusion:
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