अयोध्या: अयोध्या जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया. गुरुवार को मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने मध्यस्थता कमेटी को 31 जुलाई तक का समय दिया है. इसके बाद 2 अगस्त को दोपहर 2 बजे ओपन कोर्ट में सुनवाई होगी.
31 जुलाई का रहेगा इंतजार
- सुप्रीम कोर्ट 31 जुलाई को मध्यस्थता रिपोर्ट देखने के बाद फैसला देगा.
- अगर कोर्ट प्रतिदिन कहे अनुसार सुनवाई करता है तो कहा जा सकता है कि सुप्रीम कोर्ट जल्द इस मामले का समाधान निकाल लेगा.
- 1 वर्ष पहले भी घोषणा हुई थी कि सुप्रीम कोर्ट प्रतिदिन सुनवाई करेगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
विवादित जमीन को तीन भागों में बांटने का आया था फैसला
2010 के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में चौदह अपील दायर की गई हैं. चार सिविल सूट में कहा गया है कि अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि को तीन दलों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाएगा .
- सुन्नी वक्फ बोर्ड
- निर्मोही अखाड़ा
- रामलला
सुप्रीम कोर्ट को मध्यस्थता के आधार पर फैसला करने की जिद है, लेकिन इससे कोई हल नहीं निकलने वाला है. इसके पहले भी कई बार कोशिशें हुई लेकिन नाकाम साबित हुईं. इसमें सुप्रीम कोर्ट को पीछे हटने की बजाय चाहिए कि वह एक कदम आगे बढ़ाकर अपना फैसला सुनाए. सुप्रीम कोर्ट मामले को टालने की कई बार कोशिश कर चुका है, लेकिन अब फैसले की घड़ी है. अभी तक तारीख पे तारीख पड़ती रही है.
सतेंद्र दास, मुख्य पुजारी, राम जन्मभूमि