अयोध्याः करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार हुई राम की पैड़ी के नवनिर्मित डिलीवरी टैंक के प्लेटफार्म के बह जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. अब इस मामले को लेकर विपक्षी दल निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर जहां एक तरफ योगी सरकार को कोस रहे हैं. वहीं दोषी अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कर उन्हें जेल भेजने की कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार में राज्य मंत्री रहे अयोध्या से पूर्व विधायक तेज नारायण पांडे पवन ने इस मामले पर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि राम के नाम पर हो रहे विकास कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है.
सरकारी पैसे का हो रहा बंदरबांट
पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या पर प्रदेश सरकार खास ध्यान दे रही है. उसी अयोध्या में भ्रष्टाचार भी खुलकर सामने आ रहा हैं. 7 फरवरी को जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में थे. उसी दिन राम की पैड़ी के जल प्रवाह के ट्रायल को लेकर जब सिंचाई विभाग ने पंप हाउस खोला तो राम की पैड़ी के मुहाने पर बना प्लेटफार्म बह गया. सीमेंट, ईंट पानी में बह गए तो केवल लोहे की जाल बची रह गई. सपा नेता और पूर्व राज्य मंत्री ने कहा कि पिछले 4 साल से राम की पैड़ी के नाम पर लूट की जा रही है. इससे बड़ा अयोध्या का दुर्भाग्य नहीं हो सकता कि जब मुख्यमंत्री अयोध्या में हो और विकास की बात कर रहे हो. तब उनके जाते ही राम की पैड़ी का प्लेटफार्म पानी में बह जाए.
सभी अधिकारियों की हो जांच
तेज नारायण पांडे पवन ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और यूपी के मुख्यमंत्री अयोध्या के विकास की बड़ी-बड़ी योजनाएं की गिनाते हैं, लेकिन असल हकीकत में इन योजनाओं के जरिए ही सरकार में बैठे तमाम लोग और विभाग के अधिकारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं. केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार अयोध्या को भुनाने में लगी है. पवन पांडेय ने मांग करते हुए कहा कि राम की पैड़ी के मामले पर सारे अधिकारियों की जांच होनी चाहिए. जब से राम की पैड़ी का काम शुरू हुआ है, तब से अभी तक जितने भी अधिकारियों ने राम की पैड़ी में काम किया है. सब की जांच होनी चाहिए. मिट्टी के नाम पर बालू के नाम पर सीमेंट के नाम पर सरिया के नाम पर जिस तरह से राम की धरती को छला गया है. इसमें जो भी दोषी अधिकारी हैं, उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
पानी के दबाव में बह गया था नवनिर्मित प्लेटफार्म
बता दें कि बीते 7 फरवरी कि सुबह अयोध्या के राम की पैड़ी में बने डिलीवरी टैंक के प्लेटफार्म पर जैसे ही पानी का दबाव पड़ा. वह रेत की तरह बह गया और सिर्फ सरिया का स्ट्रक्चर ही नजर आया. इस मामले में जहां कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं. वहीं सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में किए जा रहे भ्रष्टाचार को लेकर एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आने के बाद कार्यदायी संस्था के अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं.