अयोध्या: शुक्रवार की दोपहर धार्मिक नगरी अयोध्या में दर्शन पूजन करने के बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने शहर के एक रिसॉर्ट में ब्राह्मण समाज के लोगों को लेकर सन 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए बसपा के समर्थन में बिगुल फूंका. कार्यक्रम के दौरान बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने बसपा सरकार के दौरान ब्राह्मणों के हित में किए गए कार्यों को गिनाया. वहीं, वर्तमान सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में आए हुए चंदे को लेकर ट्रस्ट पर भी सवाल उठाया.
बसपा की बनी सरकार तो जल्द करेंगे मंदिर निर्माण बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा राम मंदिर बनाना ही नहीं चाहती और जब 2022 में बसपा की सरकार बनेगी तो भाजपा को राम मंदिर बनाने के लिए मजबूर कर देगी. भाजपा की प्रदेश में और केंद्र सरकार थी लेकिन राम मंदिर के लिए कुछ नहीं किया. अब जो कुछ भी हो रहा है और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से हो रहा. एक साल बीत गया अभी तक भाजपा राम मंदिर के नीव को भी नहीं बना सकी.बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में 13% ब्राह्मण हैं, और यह सभी हाशिए पर हैं. बसपा ब्राह्मणों को सम्मान दिलाएगी. इसके लिए ब्राह्मणों को एकजुट होना पड़ेगा. सतीश मिश्रा ने कहा कि 13% ब्राह्मण पर 23% दलित अगर एक हो गया तो 2022 में सरकार बनने से कोई रोक नहीं पायेगा. बसपा के चुनाव चिन्ह हाथी को लेकर सतीश मिश्रा ने कहा कि यह हाथी नहीं गणेश है ब्रह्मा विष्णु महेश है. उन्होंने कहा कि बसपा सरकार में 62 सीटों पर ब्राह्मण ने जीत दर्ज की थी, जिसके कारण बसपा बहुमत में आई थी. अपनी सरकार के दौरान बसपा सरकार ने 2200 ब्राह्मणों को सरकारी वकील बनाया था. यही नहीं ब्राह्मण अधिकारियों को भी उचित तैनाती दी गई थी. प्रदेश के ब्राह्मणों का आह्वान करते हुए सतीश मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश में ब्राह्मणों की हत्या हुई है उससे अब ब्राह्मण सबक लें.यह भी पढ़ें-
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गूंजे जय श्रीराम के नारे
बसपा ने राम नगरी अयोध्या से विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका और मंच पर ब्राह्मणों को एक करने की कोशिश की. कार्यक्रम की खास बात ये रही कि सम्मेलन की शुरुआत वैदिक मंत्रों से हुई तो अंत जय श्री राम के नारों से. अब देखना ये है कि बसपा नेताओं की रामभक्ति असल रामभक्तों को कितनी रास आती है.