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बाबर के नाम पर मस्जिद बनी तो कर लूंगा आत्मदाह: परमहंस दास

श्री राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट लगातार सुनवाई कर रहा है. ऐसे में तपस्वी छावनी के आचार्य पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी परमहंस दास एक बार फिर बाबर के विरोध में खड़े हो गए हैं. उन्होंने कहा कि बाबर के नाम पर मस्जिद बनती है तो वह आत्मदाह कर लेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की होगी.

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Published : Sep 28, 2019, 10:48 PM IST

तपस्वी छावनी के आचार्य पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी परमहंस दास.

अयोध्या: तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर परमहंस दास श्री राम जन्मभूमि मामले में एक बार फिर से बाबर के विरोध में खड़े हुए हैं. परमहंस दास ने कहा कि श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या है. हमे हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और एकता पर विश्वास है. जीत भगवान राम की होगी. उन्होंने कहा मैंने सुप्रीम कोर्ट को पत्र के माध्यम से सूचना दी है कि यदि बाबर के नाम पर कहीं भी किसी भी जगह पर कोई स्थल, भवन या मस्जिद का निर्माण होता है तो मैं आत्मदाह कर लूंगा, जिसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की होगी.

ईटीवी भारत ने की परमहंस दास से खास बातचीत.

स्वामी परमहंस दास ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से राम मंदिर निर्माण की जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है. जगतगुरु स्वामी परमहंस दास ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि यदि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर नहीं बनेगा तो आखिर कहां बनेगा. अयोध्या विश्व के समस्त हिंदू और राम भक्तों की पावन नगरी है. देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग अयोध्या में आकर रामलला के दर्शन करते हैं. आखिर ऐसे में उनकी आस्था कब तक ऐसे ही रामलला को टेंट में देखती रहेगी.

पढ़ें- अयोध्या: सुन्नी वक्फ बोर्ड के बदलते बयान को इकबाल अंसारी ने बताया वकीलों का मामला

जगतगुरु स्वामी परमहंस ने अपने लिखे गए पत्र में मंदिर के निर्माण के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि अगर भारत या अयोध्या में कहीं भी बाबर के नाम पर मस्जिद बनती है तो वह आत्मदाह कर लेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की होगी.

अयोध्या: तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर परमहंस दास श्री राम जन्मभूमि मामले में एक बार फिर से बाबर के विरोध में खड़े हुए हैं. परमहंस दास ने कहा कि श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या है. हमे हिंदू-मुस्लिम भाईचारे और एकता पर विश्वास है. जीत भगवान राम की होगी. उन्होंने कहा मैंने सुप्रीम कोर्ट को पत्र के माध्यम से सूचना दी है कि यदि बाबर के नाम पर कहीं भी किसी भी जगह पर कोई स्थल, भवन या मस्जिद का निर्माण होता है तो मैं आत्मदाह कर लूंगा, जिसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की होगी.

ईटीवी भारत ने की परमहंस दास से खास बातचीत.

स्वामी परमहंस दास ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से राम मंदिर निर्माण की जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है. जगतगुरु स्वामी परमहंस दास ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि यदि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर नहीं बनेगा तो आखिर कहां बनेगा. अयोध्या विश्व के समस्त हिंदू और राम भक्तों की पावन नगरी है. देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग अयोध्या में आकर रामलला के दर्शन करते हैं. आखिर ऐसे में उनकी आस्था कब तक ऐसे ही रामलला को टेंट में देखती रहेगी.

पढ़ें- अयोध्या: सुन्नी वक्फ बोर्ड के बदलते बयान को इकबाल अंसारी ने बताया वकीलों का मामला

जगतगुरु स्वामी परमहंस ने अपने लिखे गए पत्र में मंदिर के निर्माण के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि अगर भारत या अयोध्या में कहीं भी बाबर के नाम पर मस्जिद बनती है तो वह आत्मदाह कर लेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की होगी.

Intro:अयोध्या। तपस्वी छावनी के पीठाधीश्वर परमहंस दास ने श्री राम जन्मभूमि मामले में एक कदम और आगे बढ़ते हुए एक बार फिर से बाबर के विरोध में अपना राग छेड़ा है। परमहंस दास ने कहा की श्री राम का जन्म स्थल अयोध्या और संपूर्ण विश्व से राम का है। हमें हिंदू-मुस्लिम, भाईचारे, एकता पर विश्वास है। जीत भगवान राम की होगी हम जानते हैं और सुप्रीम कोर्ट में है इसका फैसला जल्दी हो जाएगा। लेकिन मैं एक बात साफ कह देना चाहता हूं कि बाबर आतंकवादी था और आतंकवादी का कोई धर्म या मजहब नहीं होता और मैं सुप्रीम कोर्ट को पत्र के माध्यम से सूचना दे चुका हूं की यदि बाबर के नाम पर कहीं भी किसी भी जगह पर कोई भी स्थल, भवन या मस्जिद का निर्माण होता है तो मैं आत्मदाह कर लूंगा जिसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की होगी।


Body:तपस्वी छावनी के आचार्य पीठाधीश्वर जगतगुरु स्वामी परमहंस दास ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से राम मंदिर निर्माण की जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है। जगतगुरु स्वामी परमहंस दास ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि यदि अयोध्या में भगवान राम का मंदिर नहीं बनेगा तो आखिर कहां बनेगा। अयोध्या विश्व के समस्त हिंदू व राम भक्तों की पावन नगरी है। देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग, राम भक्तगण अयोध्या में आकर रामलला के दर्शन करते हैं। आखिर ऐसे में उनकी आस्था कब तक ऐसे हे राम लीला को टेंट में देखती रहेगी। जगतगुरु स्वामी परमहंस ने अपने लिखे गए पत्र में मंदिर के निर्माण के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि बाबर एक आक्रांता था एक आतंकवादी था और आतंकवादी का ना तो कोई मजहब होता है ना ही कोई धर्म होता है ऐसे में अगर भारत या अयोध्या में कहीं भी मस्जिद या कोई स्थल बनता है बाबर के नाम से तो मैं आत्मदाह कर लूंगा और इसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट की होगी।


Conclusion:दिनेश मिश्रा
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