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अयोध्या के संतों की मांग, रामलला के भाइयों के इतिहास को अंधकार में न छोड़े ट्रस्ट - राम मंदिर आंदोलन

राम नगरी अयोध्या के संतों ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की है. संतों ने मांग की है कि राम मंदिर निर्माण के साथ भगवान राम के भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के इतिहास को अंधकार में न छोड़ा जाए. उनकी स्मृतियों को भी संजोने का उपक्रम होना चाहिए.

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अयोध्या के संतों ने मांग पत्र विधायक को सौंपा.
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Published : May 31, 2020, 10:47 PM IST

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की कार्य प्रणाली से रामनगरी के संतों में नाराजगी है. उन्होंने कहा कि संतों की राय न लेकर ट्रस्ट राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों का सम्मान नहीं कर रहा है. संतों ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ भगवान राम के तीनों भाइयों की स्मृतियों को भी संजोने की मांग की है.

जानकारी देते विधायक.

राम नगरी में रामलला का भव्य और विशाल मंदिर बनाने की संतों ने मांग की है. संतों का कहना है कि विश्व हिन्दू परिषद के मॉडल के अनुरूप बनने वाले मंदिर का आकार अपेक्षाकृत छोटा है. इसे और बड़ा करने की आवश्यकता है. अपनी इस मांग को लेकर अयोध्या के संतों ने दिगंबर अखाड़ा में लगातार दूसरी बार बैठक की है.

संतों ने मांगों से संबंधित पत्र विधायक को सौंपा
शनिवार को बैठक में ट्रस्ट की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने के बाद दिगंबर अखाड़ा ने रविवार को दूसरे दिन भी बैठक की. संतों की नाराजगी को देखते हुए इस बैठक में अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता भी पहुंचे. उन्होंने संतों की समस्याओं से ट्रस्ट और सरकार को अवगत कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद बैठक समाप्त हुई और संतों ने अपनी मांगों से संबंधित एक लिखित पत्र विधायक को सौंपा.

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संतों का मांग पत्र.

मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों का ट्रस्ट करे सम्मान
संतों की ओर से कहा जा रहा है कि राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों का ट्रस्ट सम्मान नहीं कर रहा है. मंदिर निर्माण को लेकर उनसे राय नहीं ली जा रही है. वहीं दूसरी ओर संतों का एक गुट ट्रस्ट में स्थान न मिलने से भी नाराज है.

राम के साथ उनके तीनों भाइयों के इतिहास को संजोने की मांग
संतों ने अयोध्या में भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण के साथ भगवान राम के तीनों भाइयों के इतिहास को भी संजोने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के साथ भगवान राम के भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की स्मृतियों को अंधकार में न छोड़ा जाए. अयोध्या में राम मंदिर मार्ग के साथ उनकी स्मृतियों को भी संजोने का उपक्रम होना चाहिए.

संतों ने अपनी मांगों से संबंधित पत्र राष्ट्रपति प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, जिलाधिकारी अयोध्या, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मिश्रा को लिखा है. पत्र में भगवान राम के भाई भरत लक्ष्मण और शत्रुघ्न की जन्म भूमि को इतिहास पुराणों के अनुरूप प्रमाणों के अनुसार पुनरुद्धार और निर्माण कराने की मांग की है.

विधायक ने दिया आश्वासन
संतों की बैठक में पहुंचे अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने उनकी समस्याओं से शासन और ट्रस्ट को अवगत कराने की बात कही. उन्होंने संतों की किसी प्रकार की नाराजगी की बात से साफ इनकार कर दिया. विधायक ने कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर किसी प्रकार की असहमति की स्थिति नहीं है.

अयोध्या: संतों ने ट्रस्ट की कार्य प्रणाली पर उठाया सवाल, कहा- पंचायती व्यवस्था का नहीं हो रहा पालन

उन्होंने कहा कि अगर ट्रस्ट और संतों की बीच किसी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप हुआ है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा. संतों ने पत्र के माध्यम से अपनी समस्या से अवगत कराया है. उनकी समस्याओं को ट्रस्ट और केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा.

अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की कार्य प्रणाली से रामनगरी के संतों में नाराजगी है. उन्होंने कहा कि संतों की राय न लेकर ट्रस्ट राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों का सम्मान नहीं कर रहा है. संतों ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ भगवान राम के तीनों भाइयों की स्मृतियों को भी संजोने की मांग की है.

जानकारी देते विधायक.

राम नगरी में रामलला का भव्य और विशाल मंदिर बनाने की संतों ने मांग की है. संतों का कहना है कि विश्व हिन्दू परिषद के मॉडल के अनुरूप बनने वाले मंदिर का आकार अपेक्षाकृत छोटा है. इसे और बड़ा करने की आवश्यकता है. अपनी इस मांग को लेकर अयोध्या के संतों ने दिगंबर अखाड़ा में लगातार दूसरी बार बैठक की है.

संतों ने मांगों से संबंधित पत्र विधायक को सौंपा
शनिवार को बैठक में ट्रस्ट की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने के बाद दिगंबर अखाड़ा ने रविवार को दूसरे दिन भी बैठक की. संतों की नाराजगी को देखते हुए इस बैठक में अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता भी पहुंचे. उन्होंने संतों की समस्याओं से ट्रस्ट और सरकार को अवगत कराने का आश्वासन दिया, जिसके बाद बैठक समाप्त हुई और संतों ने अपनी मांगों से संबंधित एक लिखित पत्र विधायक को सौंपा.

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संतों का मांग पत्र.

मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों का ट्रस्ट करे सम्मान
संतों की ओर से कहा जा रहा है कि राम मंदिर आंदोलन से जुड़े संतों का ट्रस्ट सम्मान नहीं कर रहा है. मंदिर निर्माण को लेकर उनसे राय नहीं ली जा रही है. वहीं दूसरी ओर संतों का एक गुट ट्रस्ट में स्थान न मिलने से भी नाराज है.

राम के साथ उनके तीनों भाइयों के इतिहास को संजोने की मांग
संतों ने अयोध्या में भव्य और दिव्य मंदिर निर्माण के साथ भगवान राम के तीनों भाइयों के इतिहास को भी संजोने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि राम मंदिर निर्माण के साथ भगवान राम के भाइयों भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न की स्मृतियों को अंधकार में न छोड़ा जाए. अयोध्या में राम मंदिर मार्ग के साथ उनकी स्मृतियों को भी संजोने का उपक्रम होना चाहिए.

संतों ने अपनी मांगों से संबंधित पत्र राष्ट्रपति प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, जिलाधिकारी अयोध्या, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मिश्रा को लिखा है. पत्र में भगवान राम के भाई भरत लक्ष्मण और शत्रुघ्न की जन्म भूमि को इतिहास पुराणों के अनुरूप प्रमाणों के अनुसार पुनरुद्धार और निर्माण कराने की मांग की है.

विधायक ने दिया आश्वासन
संतों की बैठक में पहुंचे अयोध्या विधायक वेद प्रकाश गुप्ता ने उनकी समस्याओं से शासन और ट्रस्ट को अवगत कराने की बात कही. उन्होंने संतों की किसी प्रकार की नाराजगी की बात से साफ इनकार कर दिया. विधायक ने कहा कि मंदिर निर्माण को लेकर किसी प्रकार की असहमति की स्थिति नहीं है.

अयोध्या: संतों ने ट्रस्ट की कार्य प्रणाली पर उठाया सवाल, कहा- पंचायती व्यवस्था का नहीं हो रहा पालन

उन्होंने कहा कि अगर ट्रस्ट और संतों की बीच किसी प्रकार का कम्युनिकेशन गैप हुआ है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा. संतों ने पत्र के माध्यम से अपनी समस्या से अवगत कराया है. उनकी समस्याओं को ट्रस्ट और केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा.

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