अयोध्या: जिले के कोतवाली अयोध्या क्षेत्र में नया घाट और सिंगार हाट को जोड़ने वाली मुख्य सड़क अचानक धंस गई. श्रावण मास में नया घाट से सिंगार हाट अयोध्या को जाने वाली सड़क पर आमतौर पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था. कोरोना संक्रमण के चलते अयोध्या में आयोजित होने वाला प्राचीन सावन मेला स्थगित कर दिया गया है, जिसके चलते सड़कों पर भीड़ बेहद कम दिख रही है. अन्यथा नया घाट से संग्रह आर्ट की ओर जाने वाली सड़क के धंसने से बड़ा हादसा हो सकता था.
बता दें कि इस मामले में नगर निगम और पीडब्ल्यूडी दोनों एक दूसरे के ऊपर पल्ला झाड़ रहे हैं, लेकिन मुख्य मार्ग की सड़क पर लगभग 5 मीटर से ज्यादा बड़ा गड्ढा हो गया. स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में सड़क मार्ग को लोहे के बैरिकेडिंग से अवरुद्ध किया.
सूचना पर पहुंची नगर निगम की टीम
अभी चंद दिनों पूर्व बनकर तैयार हुई मुख्य मार्ग की सड़क पर 5 मीटर से ज्यादा गड्ढा हो गया और यह गड्डा इतना बड़ा था कि यदि इस पर कोई फोर व्हीलर आती तो वह भी इस गड्ढे में समाहित हो जाती. आनन-फानन में स्थानीय लोगों ने सड़क धंसने के बाद नगर निगम को इसकी सूचना दी. सूचना पर पहुंची टीम गड्ढे को सही करने का काम कर रही है.
हो सकता था बड़ा हादसा
हालांकि स्थानीय पार्षद पीडब्ल्यूडी की गलतियों को बता रहे हैं. उनका भी साफ कहना है कि मुख्यमंत्री के आते ही अयोध्या की सड़कों पर पेंट कर ठीक कर दिया जाता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. अयोध्या जैसी नगरी जहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन आते-जाते रहे हों, वहां इस तरह की लापरवाही की जा रही है. कोरोना काल न होता तो बड़ा हादसा हो सकता था.
नगर निगम पर लगे आरोप
वहीं नगर निगम के स्थानीय पार्षद महेंद्र प्रसाद शुक्ला का कहना है कि इसके लिए पूर्ण रूप से नगर निगम जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि सड़कों के सौंदर्यीकरण और स्वच्छता का काम पीडब्ल्यूडी का है. मुख्यमंत्री या मंत्री के अयोध्या दौरे के पहले भी इन सड़कों पर ऊपर से लेप करके इनको खूबसूरत और चमकदार बना दिया जाता है. जबकि नगर निगम के बने हुए चेंबर को भी पीडब्ल्यूडी के द्वारा सड़कों को चमकाने के दरमियान ढक दिया जाता है. उन्होंने कहा कि सीवर की सफाई भी समय पर नहीं हो पा रही है.