अयोध्या: प्रदेश में लॉकडाउन के बावजूद कोरोना संदिग्धों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इससे पहले अपने अनदेखी को लेकर अयोध्या के मंडलीय चिकित्सालय में एंबुलेंस पायलटों ने कार्य बहिष्कार कर दिया था. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की आकस्मिक सेवाएं ठप हो गईं थी.
वहीं देश में कोरोना के चलते आपातकाल की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए कोरोना संदिग्ध मरीजों की सूचना मिलते ही उन्हें ट्रैक करने के रैपिड एक्शन टीम गठित की है. यह टीम बाहर से आए किसी भी कोरोना संदिग्ध मरीज की सूचना पर त्वरित एक्शन लेगी.
पुलिसलाइन में अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. राजेंद्र कपूर और क्षेत्राधिकारी अरविंद चौरसिया की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना संदिग्धों को ट्रैक करने का डेमो किया गया. क्षेत्राधिकारी अरविंद चौरसिया ने फोन कर दूसरे राज्य से आए एक मरीज की सूचना दी. जिसके बाद एंबुलेंस के साथ मौके पहुंचे स्वास्थ्य कर्मियों ने फोर्स की मदद से कोरोना संदिग्ध को अस्पताल ले जाकर क्वारंटाइन किया.
अपर स्वास्थ्य निदेशक मंडलीय डॉ. राजेंद्र कपूर ने कहा कि कोरोना संदिग्धों को ट्रैक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग सक्षम है. कोरोना संदिग्ध को लेकर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को तैयार किया गया है. डोमो इसी बात का परीक्षण करने के लिए किया गया है. निदेशक ने कहा है वे टीम के एक्शन को देखकर संतुष्ट दिखे.
वहीं क्षेत्राधिकारी नगर अरविंद चौरसिया ने बताया कि कोरोना संदिग्ध को ट्रैक करने के लिए रैपिड एक्शन टीम बनाई गई है. इसमें मेडिकल, पीआरवी, एंबुलेंस टीम, सेनेटाइजेशन टीम, और नगर निगम की टीम शामिल है.