अयोध्या: धर्मनगरी अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए चल रहे आंदोलन में 2 नवंबर सन 1990 को सुरक्षा कर्मियों की गोली का शिकार होकर अपने प्राण गंवाने वाले राम कुमार कोठारी और शरद कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी बुधवार को रामलाल का दर्शन पूजन करने पहुंची. इसके बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि उनके जीवित रहते रामलला का मंदिर बन रहा है. इससे बड़ी खुशी की बात दूसरी कोई नहीं हो सकती. उनके परिवार ने हिंदू समाज और रामलला के लिए जितनी बड़ी कुर्बानी दी है, उसका प्रतिफल आज दिखाई दे रहा है. उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों को जरूर खोया. लेकिन, आज भगवान का मंदिर बनता देख आत्मा को संतुष्टि है.
रामलला के लिए अपना जीवन बलिदान कर मुझे दिया रक्षाबंधन का उपहार: रक्षाबंधन के दिन रामनगरी में मौजूद शहीद रामकुमार कोठारी और शरद कुमार कोठारी की बहन पूर्णिमा कोठारी भावुक दिखी. उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के दिन आज हमारे दोनों बड़े भाई इस दुनिया में नहीं है. इस बात का दर्द आजीवन रहेगा. लेकिन, इस दुनिया में ना रहते हुए भी उनके दोनों भाइयों ने एक बहन को आजीवन रक्षाबंधन का उपहार अपनी शहादत देकर दिया है. आज भगवान राम का मंदिर बन रहा है. यही उनके लिए उनके भाइयों की तरफ से दिया गया रक्षाबंधन का सबसे बड़ा उपहार है. पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि मेरे भाइयों की शहादत हमारे परिवार की निजी क्षति थी. लेकिन, आज उसके बदले पूरे हिंदू समाज और राम भक्तों को भगवान राम का मंदिर निर्माण होता दिखाई दे रहा है. यह सबसे प्रसन्नता का विषय है.
राम मंदिर आंदोलन में शहादत देने वालों की याद में बनाया जाए स्मारक स्थल: अयोध्या में चल रहे भव्य राम मंदिर निर्माण के बीच मंदिर परिसर के पास ही एक स्मारक स्थल और म्यूजियम बनाने के सवाल पर पूर्णिमा कोठारी ने कहा कि निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को इस बात का पता चलना चाहिए कि राम मंदिर और रामलला का हक दिलाने के लिए राम भक्तों ने कितना बड़ा बलिदान दिया है. मंदिर परिसर के पास जब शहीद कार सेवकों के नाम पर स्मारक स्थल और एक म्यूजियम होगा तो श्रद्धालुओं को पूरे राम मंदिर आंदोलन की जानकारी मिलेगी. इससे आने वाली पीढ़ी निश्चित रूप से सही जानकारी पा सकेगी.