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अयोध्या: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन, लोगों को नहीं पता क्या है NRC और CAA - नागरिकता संशोधन कानून

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर के सड़कों पर प्रदर्शन जारी है. वहीं सड़कों पर विरोध करने वाले लोगों को पता ही नहीं कि नागरिकता संशोधन कानून, जिसका वो विरोध कर रहे हैं वह है क्या?

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अयोध्या के चौक पर लोगों का प्रदर्शन.
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Published : Dec 21, 2019, 9:14 AM IST

अयोध्या: देशभर में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. अयोध्या में यह प्रदर्शन जिला प्रशासन और पुलिस की बेहतर मॉनिटरिंग के बीच काफी शांतिपूर्ण रहा. यहां हालात बिगड़ने से पहले ही भीड़ को इकट्ठा नहीं होने दिया गया. वहीं प्रदर्शन कर रहे युवकों को यह नहीं पता था कि वह क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं.

अयोध्या के चौक पर लोगों का प्रदर्शन.

खास बातें

  • एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर के सड़कों पर प्रदर्शन जारी है.
  • सड़कों पर विरोध करने वाले लोगों को पता ही नहीं कि नागरिकता संशोधन कानून क्या है.
  • प्रदर्शन कर रहे युवकों ने कहा कि हम घर परिवार वालों के कहने पर प्रदर्शन करने आए हैं.
  • चौक पर प्रदर्शनकारियों को देखते ही पुलिस ने भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया है.
  • जिला प्रशासन और पुलिस की बेहतर मॉनिटरिंग के बीच प्रदर्शन काफी शांतिपूर्ण रहा.

ईटीवी भारत ने प्रदर्शनकारियों से की बातचीत
ईटीवी भारत की टीम ने अयोध्या में प्रदर्शन कर रहे युवाओं से, बुजुर्गों से और काफी पढ़े-लिखे लोगों से भी जानना चाहा कि वह सड़कों पर क्यों हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति ने कोई जवाब नहीं दिया. यहां तक कि किसी को यह पता ही नहीं है कि वह सड़कों पर नागरिकता संशोधन कानून के किस बात का विरोध कर रहे हैं. वहीं एक लड़के ने बताया कि हमारे अब्बू ने कहा कि प्रदर्शन करो, इसलिए हम सड़क पर आ गए हैं.

पढ़े लिखे युवा भी प्रदर्शन में शामिल
शहर के ही एक पढ़े-लिखे युवा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सरकार उन्हें देश से बाहर क्यों निकाल रही है. वहीं पास ही बाइक पर खड़े बीटेक ग्रेजुएट ने भी प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेने की बात कही, लेकिन वह भीड़ के साथ भीड़ का हिस्सा बना रहा. उसने बताया कि क्या जरूरत है इस कानून की. अब हम हर घर पर, हर चौराहे पर आईडी प्रूफ दिखाते फिरेंगे.

भेदभाव का लागाया आरोप
एक युवक ने कहा कि ऐसा सिर्फ मुसलमानों के साथ ही व्यवहार क्यों हो रहा है, जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए सिखों को अंदर देश में नागरिकता देने की बात साफ कही जा रही है. देश का मुसलमान देश का है, लेकिन जो बाहर से मुसलमान आ रहा है उसे भी नागरिकता देनी चाहिए.

अयोध्या: देशभर में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. अयोध्या में यह प्रदर्शन जिला प्रशासन और पुलिस की बेहतर मॉनिटरिंग के बीच काफी शांतिपूर्ण रहा. यहां हालात बिगड़ने से पहले ही भीड़ को इकट्ठा नहीं होने दिया गया. वहीं प्रदर्शन कर रहे युवकों को यह नहीं पता था कि वह क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं.

अयोध्या के चौक पर लोगों का प्रदर्शन.

खास बातें

  • एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर के सड़कों पर प्रदर्शन जारी है.
  • सड़कों पर विरोध करने वाले लोगों को पता ही नहीं कि नागरिकता संशोधन कानून क्या है.
  • प्रदर्शन कर रहे युवकों ने कहा कि हम घर परिवार वालों के कहने पर प्रदर्शन करने आए हैं.
  • चौक पर प्रदर्शनकारियों को देखते ही पुलिस ने भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया है.
  • जिला प्रशासन और पुलिस की बेहतर मॉनिटरिंग के बीच प्रदर्शन काफी शांतिपूर्ण रहा.

ईटीवी भारत ने प्रदर्शनकारियों से की बातचीत
ईटीवी भारत की टीम ने अयोध्या में प्रदर्शन कर रहे युवाओं से, बुजुर्गों से और काफी पढ़े-लिखे लोगों से भी जानना चाहा कि वह सड़कों पर क्यों हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति ने कोई जवाब नहीं दिया. यहां तक कि किसी को यह पता ही नहीं है कि वह सड़कों पर नागरिकता संशोधन कानून के किस बात का विरोध कर रहे हैं. वहीं एक लड़के ने बताया कि हमारे अब्बू ने कहा कि प्रदर्शन करो, इसलिए हम सड़क पर आ गए हैं.

पढ़े लिखे युवा भी प्रदर्शन में शामिल
शहर के ही एक पढ़े-लिखे युवा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सरकार उन्हें देश से बाहर क्यों निकाल रही है. वहीं पास ही बाइक पर खड़े बीटेक ग्रेजुएट ने भी प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेने की बात कही, लेकिन वह भीड़ के साथ भीड़ का हिस्सा बना रहा. उसने बताया कि क्या जरूरत है इस कानून की. अब हम हर घर पर, हर चौराहे पर आईडी प्रूफ दिखाते फिरेंगे.

भेदभाव का लागाया आरोप
एक युवक ने कहा कि ऐसा सिर्फ मुसलमानों के साथ ही व्यवहार क्यों हो रहा है, जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए सिखों को अंदर देश में नागरिकता देने की बात साफ कही जा रही है. देश का मुसलमान देश का है, लेकिन जो बाहर से मुसलमान आ रहा है उसे भी नागरिकता देनी चाहिए.

Intro:अयोध्य्या. देशभर में एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर के सड़कों पर प्रदर्शन किया जा रहा है उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए हैं लेकिन इन सबके बीच सबसे महत्वपूर्ण बात यह के अयोध्या में यह प्रदर्शन जिला प्रशासन और पुलिस की बेहतर मॉनिटरिंग के बीच काफी शांतिपूर्ण रहा यहां हालात बिगड़ने से पहले ही भीड़ को इकट्ठे नहीं होने दिया गया और तितर-बितर करके गलियों से भी भगा दिया गया ईटीवी भारत की टीम ने आज अयोध्या में भीड़ में मौजूद युवाओं से बुजुर्गों से और काफी पढ़े लिखे लोगों से भी जानना चाहा कि वह सड़कों पर क्यों है और एनआरसी या नागरिकता संशोधन कानून में क्या खास है जिसका वह विरोध करना चाहते हैं लेकिन किसी भी व्यक्ति ने कोई जवाब नहीं दिया यहां तक कि किसी को यह पता ही नहीं है कि वह सड़कों पर नागरिकता संशोधन कानून की किस बात का विरोध कर रहे हैं वही एक लड़के ईटीवी भारत से बताया कि हमारे अब्बू ने कहा प्रदर्शन करो इसलिए हम सड़क पर आ गए हैं हमारे बड़े लोगों ने कहा प्रदर्शन में जाना है इसलिए हम आ गए हैं

शहर के ही एक पढ़े-लिखे युवा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि सरकार उन्हें देश से बाहर क्यों निकाल रही है वही पास ही मोटरसाइकिल पर खड़े बीटेक ग्रेजुएट ने भी प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेने की बात कही लेकिन वह भीड़ के साथ भीड़ का हिस्सा बना रहा उसने ईटीवी भारत को बताया कि क्या जरूरत है इस कानून की अब हम हर घर पर हर चौराहे पर आईडी प्रूफ दिखाते फिरेंगे

Body: साथी मौजूद एक युवक ने यह भी कहा कि यह सिर्फ मुसलमानों के साथ ही व्यवहार क्यों हो रहा है जबकि बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए सिखों को अंदर देश में नागरिकता देने की बात साफ कही जा रही है देश का मुसलमान देश का है लेकिन जो बाहर से मुसलमान आ रहा है वह भी इंसान हैं उसे रहने दीजिए वहीं कई ऐसे युवा भी दिखाई दिए जिन्हें सिर्फ यह कहते देखा गया हमें सब जानकारी है हम सब जानते हैं लेकिन जैसे ही हमने पूछा कि एनआरसी क्या है? नागरिकता संशोधन कानून क्या है?
तो वह नहीं बता सके. अब ऐसे युवाओं को कुछ लोग भड़का करके अपनी रोटियां सेक रहे हैं. लेकिन इससे हमारे भारत का भविष्य निश्चित तौर पर अंधेरे में है, क्योंकि इन्हें पता ही नहीं है. कि सड़कों पर क्यों उतरे हैं. इन्हें पता ही नहीं है यह पत्थरबाजी में कैसे शामिल हो जाएंगे.
इन्हें यही नहीं पता इनके जो बड़े और बुजुर्ग कह रहे हैं, उसमें जरा सी भी सच्चाई होगी. क्योंकि सच यही है कि इनके बड़े और बुजुर्गों को भी नहीं पता उस कानून के पीछे की असलियत.
यह तो किसी निजी हाथों राजनीति का शिकार हो रहे हैं किसी मौलवी किसी मौलाना और किसी पार्टी के इशारों पर इन युवाओं का भविष्य निश्चित तौर पर अंधेरे में नजर आता है।Conclusion:दिनेश मिश्रा
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