अयोध्याः डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन चतुर्थ दीपोत्सव-2020 की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है. सरयू तट राम की पैड़ी पर 24 घाटों का मर्किंग का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है. 8 हजार स्वयसेवकों की तैनाती के साथ विश्वविद्यालय 13 नवंबर 2020 को लगभग 6 लाख दीए जलाकर अपने पूर्व के रिकार्ड को तोड़ने की मुहिम में लग गया है. इसके लिए पैड़ी के घाट नंबर चार पर दीपोत्सव के समन्यवकों को प्रशिक्षण दिया गया.
अवध विश्वविद्यालय दीपोत्सव-2020 में अपने रिकार्ड को पुनः दुहराएगा
डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन चतुर्थ दीपोत्सव-2020 में लगभग 6 लाख दीए जलाकर अपने पूर्व के रिकार्ड को तोड़ने की मुहिम में लग गया है. इस बार पुनः विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रविशंकर सिंह के नेतृत्व में एक नया रिकार्ड बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज होगा. प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन के सहयोग से दीपोत्सव कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए कोविड प्रोटोकाॅल का अनुपालन करते हुए स्वयंसेवकों की तैनाती करेगा. इसके लिए विश्वविद्यालय ने परिसर की चिकित्सकीय टीम को राम की पैड़ी पर तैनात करने के लिए टीमें गठित कर दी हैं.
प्रति स्वयंसेवक को 80 दीए जलाने का लक्ष्य
दीपोत्सव उसी एतिहासिक परम्परा का साक्षी बनने जा रहा है. जब भगवान श्रीराम वन से अयोध्या 14 वर्ष के उपरांत लौटे थे. इस बार का दीपोत्सव काफी बड़े क्षेत्रफल में फैला हुआ है. 6 लाख दीए को जलाने के लिए प्रति स्वयंसेवक 75 से 80 दीए जलाए जाने का लक्ष्य है. विश्वविद्यालय परिसर एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों, विभिन्न गैर संस्थानिक संस्थाओं में एनसीसी, एनएसएस के छात्रों का भी सहयोग लिया जा रहा है.
सावधानी पूर्वक दीए जलाए जाएंगे
दीपोत्सव समन्वयक प्रो. शैलेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि घाट नंबर चार पर सभी समन्वयकों की उपस्थिति में दीए लगाने का रिहर्सल किया गया. 11 नवंबर दोपहर 12 बजे से सभी घाटों पर कुलपति प्रो. रविशंकर के नेतृत्व में स्वयंसेवकों के साथ अंतिम रिहर्सल किया गया. 12 नवंबर, 2020 को स्वयंसेवक एवं समन्वयकों के दिशा-निर्देशन में दीपों के पैटर्न सजायेंगे. 13 नवंबर, 2020 को प्रातः 10 बजे सजाए गए दीए में तेल एवं बाती लगाकर निर्धारित समयावधि के अन्दर सावधानी पूर्वक दीए जलाए जाएंगे.
प्रो. वर्मा ने बताया कि दीपोत्सव में सहभागिता के लिए पदाधिकारियों एवं स्वसेवकों के पहचान-पत्र निर्गत कर दिए गए है. बिना पहचान-पत्र के प्रवेश नहीं दिया जायेगा. सभी स्वयसेवकों एवं पदाधिकारियों को दीपोत्सव स्थल पर मास्क लगाना अनिवार्य है.