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5 अगस्त को होगा राम मंदिर का भूमि पूजन, पीएम मोदी आएंगे अयोध्या: महंत राजू दास

अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन होना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री मोदी 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन के अनुष्ठान में शामिल होंगे.

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राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को होगा भूमि पूजन.
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Published : Jul 19, 2020, 12:14 PM IST

Updated : Jul 19, 2020, 4:17 PM IST

अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जिस दायित्व को प्रधानमंत्री कार्यालय पर छोड़ा था वह पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन के अनुष्ठान में शामिल होंगे ये जानकारी महंत राजू दास ने दी. इस बात से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टियों में उत्साह है. श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर संतों की मांग के अनुरूप बनेगा.

जानकारी देते महंत.

कोरोना के चलते हुई बैठक में देरी
श्रीराम जन्मभूमि का दायित्व ट्रस्ट के हाथ में आने के बाद से लगातार संत राम मंदिर के मॉडल में परिवर्तन और भूमि पूजन के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल करने की मांग कर रहे थे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टियों का भी यही विचार था, लेकिन कोरोना काल के चलते ट्रस्ट की दूसरी बैठक में देरी हुई. इस बीच संतों ने राम मंदिर मॉडल में परिवर्तन न करने पर ट्रस्ट की आलोचना भी शुरू कर दी. ट्रस्टी लगातार संतों के बीच सामंजस्य बनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन संत अपनी दोनों मांगों को लेकर अड़े रहे. संतों का मानना है कि जब सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद लंबित था, उस वक्त इस प्रकार के ऐतिहासिक फैसले की उम्मीद कम की जा रही थी. जब कोर्ट के फैसले के बाद 70 एकड़ की जमीन ट्रस्ट के हाथ में आ गई है तो अब ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि एक भव्य मंदिर का निर्माण हो.

संतों की मांग पर राम मंदिर मॉडल में परिवर्तन
संतों की मांग थी कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास के मॉडल पर बनने वाला मंदिर अपेक्षाकृत छोटा है. इसे और विशाल बनाने की आवश्यकता है. ट्रस्ट ने अपनी दूसरी बैठक में इसे प्रमुखता से लिया. श्रीराम जन्मभूमि न्यास के मॉडल में अब ट्रस्ट ने परिवर्तन करने का निर्णय लिया है. दूसरी बैठक में हुई वार्ता के दौरान राम मंदिर में 3 के स्थान पर 5 गुंबद बनाने और मंदिर की ऊंचाई 148 फुट के स्थान पर 161 फुट करने का भी निर्णय लिया गया है.

महंत नृत्य गोपाल दास ने पीएम को लिखा था पत्र
राम नगरी के संत लगातार राम मंदिर की आधारशिला के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अयोध्या आने की अपील करते रहे. संतों का विचार जानने के बाद प्रमुख संत पीठ श्रीमणिराम दास छावनी के महंत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. इसमें उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर के भूमि पूजन के अनुष्ठान में समय देने का आग्रह किया. ट्रस्ट के अध्यक्ष द्वारा लिखे इस पत्र से पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट ने कोई डेट लाइन तय नहीं की थी. इसके चलते प्रधानमंत्री कार्यालय से भी पीएम के आने को लेकर कोई तिथि स्पष्ट रूप से निकलकर सामने नहीं आई. इस बीच संतों का भी यही मत था कि जब तक प्रधानमंत्री अयोध्या नहीं आएंगे तब तक राम मंदिर निर्माण की शुरुआत नहीं की जाएगी.

मंदिर निर्माण से है संतों में खुशी
राम नगरी की प्रमुख सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आते हैं तो यहां के गौरव में वृद्धि होगी. राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में 5 अगस्त को पीएम मोदी अयोध्या आ रहे हैं. उनके यहां आने से पूरे विश्व को एक संदेश जाएगा. मठ श्रीमणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य कमलनयन दास ने कहा कि अभी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह निश्चित है कि पीएम राम मंदिर के भूमि पूजन में अयोध्या आएंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर श्रीराम जन्मभूमि न्यास के मॉडल पर ही बनेगा.

अयोध्या : श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जिस दायित्व को प्रधानमंत्री कार्यालय पर छोड़ा था वह पूरा हो गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन के अनुष्ठान में शामिल होंगे ये जानकारी महंत राजू दास ने दी. इस बात से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टियों में उत्साह है. श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला का भव्य और दिव्य मंदिर संतों की मांग के अनुरूप बनेगा.

जानकारी देते महंत.

कोरोना के चलते हुई बैठक में देरी
श्रीराम जन्मभूमि का दायित्व ट्रस्ट के हाथ में आने के बाद से लगातार संत राम मंदिर के मॉडल में परिवर्तन और भूमि पूजन के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल करने की मांग कर रहे थे. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टियों का भी यही विचार था, लेकिन कोरोना काल के चलते ट्रस्ट की दूसरी बैठक में देरी हुई. इस बीच संतों ने राम मंदिर मॉडल में परिवर्तन न करने पर ट्रस्ट की आलोचना भी शुरू कर दी. ट्रस्टी लगातार संतों के बीच सामंजस्य बनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन संत अपनी दोनों मांगों को लेकर अड़े रहे. संतों का मानना है कि जब सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद लंबित था, उस वक्त इस प्रकार के ऐतिहासिक फैसले की उम्मीद कम की जा रही थी. जब कोर्ट के फैसले के बाद 70 एकड़ की जमीन ट्रस्ट के हाथ में आ गई है तो अब ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि एक भव्य मंदिर का निर्माण हो.

संतों की मांग पर राम मंदिर मॉडल में परिवर्तन
संतों की मांग थी कि श्रीराम जन्मभूमि न्यास के मॉडल पर बनने वाला मंदिर अपेक्षाकृत छोटा है. इसे और विशाल बनाने की आवश्यकता है. ट्रस्ट ने अपनी दूसरी बैठक में इसे प्रमुखता से लिया. श्रीराम जन्मभूमि न्यास के मॉडल में अब ट्रस्ट ने परिवर्तन करने का निर्णय लिया है. दूसरी बैठक में हुई वार्ता के दौरान राम मंदिर में 3 के स्थान पर 5 गुंबद बनाने और मंदिर की ऊंचाई 148 फुट के स्थान पर 161 फुट करने का भी निर्णय लिया गया है.

महंत नृत्य गोपाल दास ने पीएम को लिखा था पत्र
राम नगरी के संत लगातार राम मंदिर की आधारशिला के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अयोध्या आने की अपील करते रहे. संतों का विचार जानने के बाद प्रमुख संत पीठ श्रीमणिराम दास छावनी के महंत और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा. इसमें उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर के भूमि पूजन के अनुष्ठान में समय देने का आग्रह किया. ट्रस्ट के अध्यक्ष द्वारा लिखे इस पत्र से पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर ट्रस्ट ने कोई डेट लाइन तय नहीं की थी. इसके चलते प्रधानमंत्री कार्यालय से भी पीएम के आने को लेकर कोई तिथि स्पष्ट रूप से निकलकर सामने नहीं आई. इस बीच संतों का भी यही मत था कि जब तक प्रधानमंत्री अयोध्या नहीं आएंगे तब तक राम मंदिर निर्माण की शुरुआत नहीं की जाएगी.

मंदिर निर्माण से है संतों में खुशी
राम नगरी की प्रमुख सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आते हैं तो यहां के गौरव में वृद्धि होगी. राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में 5 अगस्त को पीएम मोदी अयोध्या आ रहे हैं. उनके यहां आने से पूरे विश्व को एक संदेश जाएगा. मठ श्रीमणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत व श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य कमलनयन दास ने कहा कि अभी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह निश्चित है कि पीएम राम मंदिर के भूमि पूजन में अयोध्या आएंगे. उन्होंने कहा कि मंदिर श्रीराम जन्मभूमि न्यास के मॉडल पर ही बनेगा.

Last Updated : Jul 19, 2020, 4:17 PM IST
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