अयोध्याः बीते 24 घंटे से चल रहे हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद आखिरकार तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने जल समाधि लेने का अपना प्लान कैंसिल कर दिया है. शनिवार की देर शाम जिला प्रशासन के अधिकारियों को एक ज्ञापन देकर महंत परमहंस दास ने कहा है कि अब वह जल समाधि नहीं लेंगे. बल्कि 7 नवंबर 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन शुरू करेंगे.
आपको बता दें कि भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को लेकर तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास ने 2 अक्टूबर की दोपहर 12:00 बजे आमरण अनशन करने की घोषणा की थी. जिसके बाद अयोध्या में आज अफरा-तफरी का माहौल रहा. उन्हें रोकने के लिए जिले में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम रहे.
पूरे दिन आश्रम के अंदर से ही नए-नए बयान जारी करते रहे परमहंस दास
तपस्वी छावनी के उत्तराधिकारी महंत परमहंस दास की घोषणा के मुताबिक उन्होंने अल्टीमेटम दिया था कि 2 अक्टूबर की दोपहर 12:00 बजे तक अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया तो वह अयोध्या में सरयू नदी में जल समाधि ले लेंगे. उनकी मांग को पूरी नहीं हुई. उन्होंने जल समाधि लेने का टाइम आधा घंटा बढ़ा दिया और 12:30 पर पुनः जल समाधि लेने की घोषणा की. इस पूरे कार्यक्रम के मद्देनजर जिला प्रशासन ने महंत परमहंस दास को घर में ही नजरबंद कर दिया था जिसके कारण वह बाहर नहीं निकल सके.
पूरे दिन आश्रम के बाहर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा. दोपहर बाद महंत परमहंस दास ने यह भी कह दिया कि जैसे ही उन्हें आश्रम से बाहर निकलने का मौका मिलेगा वह जल समाधि ले लेंगे. जिसके कारण देर शाम तक आश्रम के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा.
जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक दबाव के चलते महंत परमहंस दास ने जल समाधि का प्लान कैंसिल कर दिया और जिला प्रशासन को ज्ञापन देने की बात कही. जिसके बाद जिला प्रशासन के अधिकारियों ने आश्रम के पास पहुंचकर महंत परमहंस दास से एक ज्ञापन लिया है. यह ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित है, जिसमें मांग की गई है कि भारत की अखंडता और अस्मिता के लिए इसे हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाए. इतना ही नहीं महंत परमहंस दास ने यह भी चेतावनी दी है कि 7 नवंबर से वह दिल्ली के रामलीला मैदान में आमरण अनशन करेंगे.