अयोध्या: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अयोध्या आने वाले राम भक्तों और श्रद्धालुओं को बुलेट ट्रेन से सफर कराने का मन पूरी तरह से बना लिया है. देश की राजधानी दिल्ली से चलकर भगवान शिव की नगरी बनारस से प्रयागराज के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन राम नगरी अयोध्या से होकर गुजरेगी और इसका ठहराव अयोध्या के मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के सामने होगा. इस योजना को जमीनी स्तर पर तेज गति से संचालित करने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण और नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन के अधिकारियों के बीच एक बैठक भी हुई है. इस बैठक के जरिए इस योजना को जल्द से जल्द धरातल पर लाने के लिए कई गंभीर विषयों पर सार्थक चर्चा हुई है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राजधानी दिल्ली से सीधे राम नगरी के लिए 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बुलेट ट्रेन चलेगी. रामनगरी को विश्वस्तरीय पर्यटन सिटी बनाने के क्रम में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. बुलेट ट्रेन का स्टेशन लखनऊ गोरखपुर हाईवे बाईपास पर बन रहे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम एयरपोर्ट के ठीक सामने होगा. परियोजना में लगभग 941 किलोमीटर नई रेल पटरी बिछाई जाएगी. लखनऊ अयोध्या 130 किलोमीटर लिंक सेवा के रूप में रहेगी. नेशनल हाई स्पीड रेल कारपोरेशन ने एयरपोर्ट अथॉरिटी को एनओसी के लिए भी आवेदन कर दिया है.
इस कॉरिडोर पर हो सकते हैं 12 स्टेशन
पीएम की इस महत्वाकाक्षी परियोजना में लगभग 941.5 किलोमीटर के लिए पटरी बिछाई जाएगी. इसका रुट दिल्ली से आगरा-लखनऊ और प्रयागराज होते हुए वाराणसी तक है. दिल्ली से वाराणसी तक का सफर यात्री महज चार घंटे में पूरा करेंगे. वहीं यह ट्रेन अयोध्या तक यात्रियों को लेकर जाएगी. परियोजना रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में बुलेट ट्रेन के संभावित 12 स्टेशन हो सकते हैं. जबकि अनुमान है कि यह परियोजना गौतमुबद्धनगर सहित प्रदेश के 22 जिलों से होकर गुजरेगा. यह परियोजना नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना के साथ
- मथुरा
- आगरा
- अयोध्या
- लखनऊ
- प्रयागराज और वाराणसी जैसे महत्वपूर्ण शहरों को दिल्ली से जोड़ेगी.
बता दें कि पीएम मोदी देश को रफ्तार देनी की महात्वाकांक्षी परियोजनाओं को मूर्त रुप देने में जुटे हैं. इस परियोजना के साथ ही देश के इन रूटों पर भी बुलेट ट्रेन योजना का सर्वे चल रहा है.
- दिल्ली-अहमदाबाद (तकरीबन 866 किलोमीटर)
- वाराणसी-हावड़ा (तकरीबन 760 किलोमीटर)
- चैन्नई-मैसूर (तकरीबन 435 किलोमीटर)
- मुंबई-हैदराबाद (तकरीबन 711 किलोमीटर)
- मुंबई-नागपुर (तकरीबन 753 किलोमीटर)
- दिल्ली-अमृतसर (तकरीबन 459 किलोमीटर)
रिपोर्ट की माने तो इन सभी रुटों के सर्वे का काम चल रहा है. अनुमान है कि सर्वे पूरा होते ही नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) दिसंबर 2023 तक चरणबद्ध तरीके से इन सभी रूटों की फाइनल रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप देगी.