ETV Bharat / state

अयोध्या में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, सरयू तट के किनारे लगी पिंडदानियों की कतार

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में पितृपक्ष मास को लेकर आस्था और श्रद्धा का संगम देखने को मिल रहा है. शनिवार से शुरू हुए पितृपक्ष मास के महत्व को देखते हुए अयोध्या में पुण्य सलिला सरयू तट के किनारे पिंडदान करने वालों की कतार लगी है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Sep 13, 2022, 5:25 PM IST

अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में पितृपक्ष मास को लेकर आस्था और श्रद्धा का संगम देखने को मिल रहा है. शनिवार से शुरू हुए पितृपक्ष मास के महत्व को देखते हुए अयोध्या में पुण्य सलिला सरयू तट के किनारे पिंडदान करने वालों की कतार लगी है. प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष के मौके पर अयोध्या में सरयू तट के किनारे पिंड दानी एकत्र होते हैं. इस वर्ष भी हज़ारों की संख्या में पिंडदानी प्रतिदिन सरयू तट के किनारे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके प्रति अपनी श्रद्धा को अर्पित करते हुए पिंडदान कर रहे हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या में सरयू तट के किनारे पिंडदान का महत्व शास्त्रों में वर्णित है. अयोध्या के चक्रवर्ती महाराजा दशरथ ने भी अपने पूर्वजों का सरयू तट के किनारे पिंडदान किया था.

अयोध्या में पवित्र सरयू तट के किनारे पिंडदान कर्म कराने वाले पुरोहित रामेश्वर पांडे ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में स्वर्ग के चारों द्वार खुले होते हैं. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि पितृपक्ष में पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा दिए गए दान पुण्य और श्रद्धा को ग्रहण करते हैं. इसीलिए पितृपक्ष में अपने पूर्वजों के निहितार्थ दान पुण्य का विशेष महत्व है. वैसे तो श्राद्ध कर्म मुख्य रूप से गया धाम में किया जाता है, लेकिन अयोध्या में भी भगवान राम की जन्म स्थली होने के कारण इसका विशेष महत्व है. पुण्य सलिला सरयू तट के किनारे पिंडदान करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इसी कड़ी में इस वर्ष भी दूर-दराज से श्रद्धालु अयोध्या कर सरयू नदी में स्नान करते हैं और आस्था और श्रद्धा के साथ अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं. यह पित्र पक्ष प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर अमावस्या तक चलेगा, जिसमें पिंडदानी श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए सरयू तट के किनारे स्नान ध्यान दान पूजन करेंगे.

अयोध्या : मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या में पितृपक्ष मास को लेकर आस्था और श्रद्धा का संगम देखने को मिल रहा है. शनिवार से शुरू हुए पितृपक्ष मास के महत्व को देखते हुए अयोध्या में पुण्य सलिला सरयू तट के किनारे पिंडदान करने वालों की कतार लगी है. प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष के मौके पर अयोध्या में सरयू तट के किनारे पिंड दानी एकत्र होते हैं. इस वर्ष भी हज़ारों की संख्या में पिंडदानी प्रतिदिन सरयू तट के किनारे अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके प्रति अपनी श्रद्धा को अर्पित करते हुए पिंडदान कर रहे हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या में सरयू तट के किनारे पिंडदान का महत्व शास्त्रों में वर्णित है. अयोध्या के चक्रवर्ती महाराजा दशरथ ने भी अपने पूर्वजों का सरयू तट के किनारे पिंडदान किया था.

अयोध्या में पवित्र सरयू तट के किनारे पिंडदान कर्म कराने वाले पुरोहित रामेश्वर पांडे ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में स्वर्ग के चारों द्वार खुले होते हैं. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि पितृपक्ष में पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा दिए गए दान पुण्य और श्रद्धा को ग्रहण करते हैं. इसीलिए पितृपक्ष में अपने पूर्वजों के निहितार्थ दान पुण्य का विशेष महत्व है. वैसे तो श्राद्ध कर्म मुख्य रूप से गया धाम में किया जाता है, लेकिन अयोध्या में भी भगवान राम की जन्म स्थली होने के कारण इसका विशेष महत्व है. पुण्य सलिला सरयू तट के किनारे पिंडदान करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इसी कड़ी में इस वर्ष भी दूर-दराज से श्रद्धालु अयोध्या कर सरयू नदी में स्नान करते हैं और आस्था और श्रद्धा के साथ अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं. यह पित्र पक्ष प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर अमावस्या तक चलेगा, जिसमें पिंडदानी श्रद्धालु अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए सरयू तट के किनारे स्नान ध्यान दान पूजन करेंगे.

यह भी पढ़ें : LDA पर एक्शन, आवास विकास की कॉलोनियों के अवैध निर्माण को देखने वाला कोई नहीं

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.