अयोध्या: राम नगरी में धार्मिक स्थलों के खुलने से एक बार फिर अखंड राम नाम की धुन गूंजने लगी है. यहां के धार्मिक स्थलों का पूजा- पाठ बिना सरयू जल के संपूर्ण नहीं होता. ऐसे में साधु संतों के साथ श्रद्धालु भी सरयू नदी के पवित्र जल का आचमन करते हैं. कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी धार्मिक स्थलों में दर्शन की अनुमति है. स्नान को लेकर स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं हैं. इसके बावजूद सरयू नदी में लोग स्नान कर रहे हैं, जिसकी तस्वीरें ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हुई हैं.
अयोध्या मंदिरों का नगर है. यहां पूजा पाठ के लिए सरयू जल अत्यधिक महत्वपूर्ण है. वहीं राम नगरी में दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु भी मंदिरों में प्रवेश करने से पहले सरयू में स्नान करना आवश्यक समझते हैं. ढाई महीने लॉकडाउन में श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों में प्रवेश प्रतिबंधित था. लॉकडाउन के पांचवें चरण में मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोले गए, जिसके बाद सरयू में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगानी शुरू कर दी.
शुरुआत में प्रशासन की ओर से कड़ाई की गई लेकिन अब जो स्थिति सामने आ रही है, वह बेहद खतरनाक है. सरयू घाटों पर ईटीवी भारत के कैमरे में जो तस्वीरें कैद हुई हैं, उनमें सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइंस का पूरी तरह उल्लंघन किया गया है. श्रद्धालु सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करते हुए सरयू में स्नान कर रहे हैं. यही स्थिति राम की पैड़ी की है, जहां पर बड़ी संख्या में स्थानीय लोग डुबकी लगा रहे हैं.
मंदिरों में दर्शन को लेकर तो सरकार ने स्पष्ट तौर पर गाइडलाइन जारी की है लेकिन नदियों में स्नान को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. स्थानीय लोगों की मानें तो वे सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर नदी में स्नान कर रहे हैं. मौके पर मौजूद धार्मिक अनुष्ठान कराने वाले पंडितों के लिए यह किसी खतरे से कम नहीं है, लेकिन लंबे समय बाद रोजी-रोटी एक बार फिर शुरू होने से वह कुछ कहने से बचते नजर आ रहे हैं.
सरयू नदी में मोटर बोट चलाने वाले राजू मांझी का कहना है कि 3 महीने बाद एक बार फिर से वह अपनी मोटर बोट लेकर नदी में उतरे हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए श्रद्धालुओं की संख्या बहुत कम है. राजू ने बताया कि किसी दिन थोड़ी-बहुत कमाई हो जाती है तो किसी दिन खाली हाथ ही घर वापस लौटना पड़ता है.
आंजनेय सेवा संस्थान नित्य सरयू महाआरती के अध्यक्ष शशिकांत दास का कहना है कि वैश्विक महामारी से बचाव करना हमारा पहला कर्तव्य है. सरकार की गाइडलाइंस का सभी को पालन करना चाहिए. अयोध्या के साधु संत महामारी को लेकर गाइडलाइंस का उल्लंघन नहीं करते. वे सुबह 3 से 4 बजे के बीच जाकर मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए सरयू से जल लाते हैं. सरयू आरती में भी कड़ाई से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाता है. उन्होंने कहा कि बाहर से आने वाले श्रद्धालु ही सामाजिक दूरी और संक्रमण से बचाव के नियमों का उल्लंघन करते हैं.
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सरयू के घाटों पर जिस प्रकार सोशल डिस्टेंसिंग की अनदेखी की जा रही है. यह बेहद गंभीर विषय है. बार-बार मना करने के बावजूद भी लोग नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. राम की पैड़ी पर सुरक्षाकर्मियों से जब बात करने की कोशिश की गई तो वह कैमरे के सामने नहीं आए. अपना नाम उजागर करने न करने की शर्त पर उन्होंने सामूहिक रूप से हो रहे स्नान को नियमों का उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत थाने में दर्ज कराई जानी चाहिए.