ETV Bharat / state

अयोध्याः NDUAT करायेगा उन्नत खेती, 57 करोड़ की परियोजना का भेजा गया प्रस्ताव

अयोध्या स्थित आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय ने किसानों के हित में बड़ा कदम उठाया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में उन्नत खेती और कृषि से जुड़े अन्य व्यवसायों के लिए अब विश्वविद्यालय किसानों को प्रेरित करेगा. विश्वविद्यालय के मॉडल के अनुरूप खेती करने पर किसानों का भुगतान मनरेगा के तहत किया जाएगा.

नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय
नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय
author img

By

Published : Jun 20, 2020, 12:10 AM IST

अयोध्या: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. कृषि क्षेत्र इससे अछूता नहीं है. ऐसे में शासन की मंशा के अनुरूप आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में मनरेगा के तहत कृषि मॉडल संचालित करने का निर्णय लिया गया है. विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन पूर्वी उत्तर प्रदेश में संचालित 23 कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा सरकार की मनरेगा योजना के तहत किसानों के खेत पर फसल प्रणाली मॉडल बनाया जाएगा.

यूनिवर्सिटी ने 57 करोड़ की परियोजना का भेजा प्रस्ताव
विश्वविद्यालय ने मनरेगा के तहत लगभग 57 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का प्रस्ताव प्रदेश के कृषि शिक्षा मुख्य सचिव को भेज दिया है. शासन से हरी झंडी मिलने के बाद विश्वविद्यालय के 23 कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानों को उन्नत खेती और इससे जुड़े अन्य व्यवसायों के लिए प्रेरित किया जाएगा. माना जा रहा है कि इन परियोजनाओं की स्वीकृति मिलने के बाद किसान उन्नतशील खेती के लिए अग्रसर होंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी.

प्रत्येक जनपदों में 5 किसानों का होगा चयन
पहले चरण में पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में 5- 5 किसानों को मनरेगा योजना के तहत कृषि मॉडल संचालित करने के लिए चयनित किया जाएगा. चयनित किसान आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित मॉडल के अनुरूप खेती कराएंगे. इन किसानों को खेतों में होने वाले खर्च का भुगतान स्वयं नहीं करना पड़ेगा. यह भुगतान मनरेगा योजना के तहत किया जाएगा.

कृषि आधारित ये व्यवसाय होंगे शामिल
एनडी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशक प्रो. एपी राव ने बताया कि चयनित किसानों के खेत पर मनरेगा योजना के माध्यम से फसल प्रणाली मॉडल तैयार की गई है. इसके लिए 2 मॉडल बनाये गए हैं. पहला मॉडल अन्न उत्पादन , औद्यानिक फसल, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मत्स्य पालन, नाडेप कम्पोस्ट तथा वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना का है. जबकि दूसरे मॉडल में मधुमक्खी पालन और डेयरी यूनिट की स्थापना शामिल होगी. पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में इस मॉडल के लागू होने से किसान बेहतर कृषि और कृषि आधारित उद्यम अपनाने के लिए प्रेरित होंगे. इस योजना के तहत एक यूनिट की स्थापना विश्वविद्यालय के मुख्यालय पर प्रदर्शन के लिए स्थापित की जाएगी.

अयोध्या: वैश्विक महामारी कोरोना के चलते पूरा विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. कृषि क्षेत्र इससे अछूता नहीं है. ऐसे में शासन की मंशा के अनुरूप आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में मनरेगा के तहत कृषि मॉडल संचालित करने का निर्णय लिया गया है. विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन पूर्वी उत्तर प्रदेश में संचालित 23 कृषि विज्ञान केंद्रों द्वारा सरकार की मनरेगा योजना के तहत किसानों के खेत पर फसल प्रणाली मॉडल बनाया जाएगा.

यूनिवर्सिटी ने 57 करोड़ की परियोजना का भेजा प्रस्ताव
विश्वविद्यालय ने मनरेगा के तहत लगभग 57 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का प्रस्ताव प्रदेश के कृषि शिक्षा मुख्य सचिव को भेज दिया है. शासन से हरी झंडी मिलने के बाद विश्वविद्यालय के 23 कृषि विज्ञान केंद्रों के जरिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में किसानों को उन्नत खेती और इससे जुड़े अन्य व्यवसायों के लिए प्रेरित किया जाएगा. माना जा रहा है कि इन परियोजनाओं की स्वीकृति मिलने के बाद किसान उन्नतशील खेती के लिए अग्रसर होंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी.

प्रत्येक जनपदों में 5 किसानों का होगा चयन
पहले चरण में पूर्वी उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में 5- 5 किसानों को मनरेगा योजना के तहत कृषि मॉडल संचालित करने के लिए चयनित किया जाएगा. चयनित किसान आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित मॉडल के अनुरूप खेती कराएंगे. इन किसानों को खेतों में होने वाले खर्च का भुगतान स्वयं नहीं करना पड़ेगा. यह भुगतान मनरेगा योजना के तहत किया जाएगा.

कृषि आधारित ये व्यवसाय होंगे शामिल
एनडी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशक प्रो. एपी राव ने बताया कि चयनित किसानों के खेत पर मनरेगा योजना के माध्यम से फसल प्रणाली मॉडल तैयार की गई है. इसके लिए 2 मॉडल बनाये गए हैं. पहला मॉडल अन्न उत्पादन , औद्यानिक फसल, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मत्स्य पालन, नाडेप कम्पोस्ट तथा वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना का है. जबकि दूसरे मॉडल में मधुमक्खी पालन और डेयरी यूनिट की स्थापना शामिल होगी. पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपदों में इस मॉडल के लागू होने से किसान बेहतर कृषि और कृषि आधारित उद्यम अपनाने के लिए प्रेरित होंगे. इस योजना के तहत एक यूनिट की स्थापना विश्वविद्यालय के मुख्यालय पर प्रदर्शन के लिए स्थापित की जाएगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.