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राम जन्मभूमि परिसर में राम के साथ माता सीता का भी मंदिर होगा, इन्हें भी मिलेगा सम्मान

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Published : May 15, 2022, 7:27 PM IST

अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर में मां सीता का मंदिर भी बनेगा. इसके अलावा शबरी, जटायु व निषादराज को सम्मानजनक स्थान दिया जाएगा. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में यह फैसला लिया गया.

यह बोले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.
यह बोले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

अयोध्याः रामनगरी में रविवार की शाम राम मंदिर निर्माण समिति व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक सर्किट हाउस में संपन्न हुई. बैठक में कई खास फैसले लिए गए. तय हुआ कि राम जन्मभूमि परिसर में माता सीता का मंदिर बनाया जाएगा. शबरी, जटायु, तुलसीदास व निषादराज को भी सम्माजनक स्थान दिया जाएगा. गणेशजी का मंदिर भी बनेगा.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में गणेशजी का कोई स्थान नहीं है, जहां प्रधान देवता के रूप में गणेश जी विराजमान हों. उनको भी परिसर के मंदिर में विराजमान किया जाएगा. गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस को लोक भाषा में लिखा था. ऐसी महान शख्सियत गोस्वामी तुलसीदास को भी परिसर में स्थान दिया जाएगा. परिसर में माता सीता का मंदिर बनेगा.

यह बोले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

इसके साथ ही माता शबरी व भगवान श्रीराम ने जिनका अपनी गोद में रखकर अंतिम संस्कार किया यानी जटायु को भी सम्मानजनक स्थान मंदिर के रूप में दिया जाएगा. भगवान श्रीराम के सखा केवट निषादराज का भी सम्मान किया जाएगा. साथ ही यात्री सुविधाओं का निर्माण भी किया जाएगा. पहले चरण में 25 हजार यात्रियों के लिए सुविधा का निर्माण किया जाएगा.

बैठक में प्रमुख रूप से राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के अलावा कार्यदाई संस्था एलएनटी व टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर भी मौजूद रहे.

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अयोध्याः रामनगरी में रविवार की शाम राम मंदिर निर्माण समिति व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक सर्किट हाउस में संपन्न हुई. बैठक में कई खास फैसले लिए गए. तय हुआ कि राम जन्मभूमि परिसर में माता सीता का मंदिर बनाया जाएगा. शबरी, जटायु, तुलसीदास व निषादराज को भी सम्माजनक स्थान दिया जाएगा. गणेशजी का मंदिर भी बनेगा.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में गणेशजी का कोई स्थान नहीं है, जहां प्रधान देवता के रूप में गणेश जी विराजमान हों. उनको भी परिसर के मंदिर में विराजमान किया जाएगा. गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस को लोक भाषा में लिखा था. ऐसी महान शख्सियत गोस्वामी तुलसीदास को भी परिसर में स्थान दिया जाएगा. परिसर में माता सीता का मंदिर बनेगा.

यह बोले श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय.

इसके साथ ही माता शबरी व भगवान श्रीराम ने जिनका अपनी गोद में रखकर अंतिम संस्कार किया यानी जटायु को भी सम्मानजनक स्थान मंदिर के रूप में दिया जाएगा. भगवान श्रीराम के सखा केवट निषादराज का भी सम्मान किया जाएगा. साथ ही यात्री सुविधाओं का निर्माण भी किया जाएगा. पहले चरण में 25 हजार यात्रियों के लिए सुविधा का निर्माण किया जाएगा.

बैठक में प्रमुख रूप से राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य अनिल मिश्र, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के अलावा कार्यदाई संस्था एलएनटी व टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियर भी मौजूद रहे.

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