अयोध्या: भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन 22 जनवरी 2024 को प्रस्तावित है. इसको लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तैयारी अब अंतिम दौर में है. भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठित होने से सप्ताह भर पूर्व शुरू होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर राम जन्मभूमि परिसर में यज्ञशाला बनाई जा रही है. यज्ञशाला बनाने के लिए जमीन को समतल कर लिया गया है और अब पूरी नाप जोख के साथ हवन कुंड के आकार के गड्ढे खोदकर उन्हें हवन कुंड का रूप दिया जा रहा है. जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार के बीच काशी के विद्वान आहुतियां डालेंगे और भगवान राम अपने नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होंगे.
इन सभी तैयारियां को लेकर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट दिन-रात कार्य कर रहा है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य तीव्र गति से चल रहा है. निर्माण कार्य और जल्दी पूरा हो सके इसके लिए अब कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टर्बो ने छोटे-छोटे ठेकेदारों में काम बांटकर कार्य को रफ्तार दी है. मंदिर निर्माण की गति को बढ़ाने के लिए मजदूरों की संख्या बढ़ाई गई है.
एक आंकड़े के अनुसार चंपत राय ने बताया कि प्रतिदिन राम जन्मभूमि परिसर में 3000 से 4000 मजदूर काम करने के लिए प्रवेश करते हैं. 24 घंटे निर्माण का कार्य अनवरत जारी है. मंदिर का गर्भ ग्रह बनकर तैयार हो गया है और अब प्रथम तल का निर्माण कार्य 75 फीसदी से अधिक पूरा हो गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान राम के नवनिर्मित मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होने वाली प्रतिमाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है.
उन्होंने बताया कि मूर्ति निर्माण कर रहे कलाकारों के अनुसार लगभग 8 दिन का समय शेष है, जिसके बाद सभी मूर्तियां बनकर तैयार हो जाएंगी. सीधे शब्दों में कहा जा सकता है कि प्रतिमाएं पूरी तरह से बनकर तैयार हैं. अब उन्हें फिनिशिंग टच दिया जा रहा है. इसके बाद ट्रस्ट के पदाधिकारियों के समक्ष तीनों मूर्तियों को रखा जाएगा और सबसे सुंदर भगवान की प्रतिमा को प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या में बंदरों की संख्या बेहद ज्यादा है. इसलिए यहां पर कपड़े से बने टेंट के कमरे बनाना संभव नहीं है. अगर कपड़ों से बने तिरपाल से कमरे बनाए जाएंगे तो बंदर उन्हें फाड़ सकते हैं. इसलिए टीन शेड की मदद से कमरे बनाए जा रहे हैं. एक कमरे में तीन व्यक्ति रह सकते हैं. उनके लिए हर कमरे में एक शौचालय की व्यवस्था होगी. यह कमरा पूरी तरह से एयर पैक्ड होंगे. इसके अलावा प्रसाद वितरण के लिए भंडार ग्रह का निर्माण किया जा चुका है, जहां पर सुरक्षित रूप से राशन आदि सामग्री को स्टोर किया जाएगा.
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