अयोध्या: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल बैठक में शामिल होने अयोध्या पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि पर सिंहद्वार के लिए 1989 में शिला पूजन किया गया था. अब मंदिर निर्माण का कार्य गर्भगृह से शुरू होगा, जिसके लिए भूमि पूजन किया जाना जरूरी है. ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर राम मंदिर के साथ राष्ट्र मंदिर होगा.
वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए मंदिर निर्माण पर होगा विचार
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि फैसला आने के बाद 19 फरवरी को हमलोग दिल्ली में बैठे थे. उन्होंने बताया कि सभी की इच्छा थी कि अति शीघ्र कार्य शुरू हो जाए, लेकिन देश की परिस्थितियों के कारण ऐसा नहीं हो पाया. मार्च, अप्रैल, मई और जून भी बीत गया. अब ट्रस्ट विलम्ब नहीं करना चाहता. बैठक में पिछले चार महीनों में मंदिर निर्माण की दिशा में किए गए कार्यों पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही वर्तमान परिस्थिति में किस तरह मंदिर निर्माण किया जाए, इस पर विचार किया जाएगा.
प्रधानमंत्री के आगमन पर किया जाएगा विचार
कामेश्वर चौपाल ने कहा कि संपूर्ण विश्व कोरोना महामारी से प्रभावित है. उन्होंने बताया कि पहली बैठक में ही तय कर दिया गया था कि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ किए जाने को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को आमंत्रित किया जाएगा. जिसको लेकर ट्रस्ट के अध्यक्ष महासचिव ने प्रधानमंत्री से मुलाकात भी की थी. इस पर उन्होंने भी इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन आज जिस प्रकार से विपत्ति है, उसका आंकलन करते हुए प्रधानमंत्री के आगमन पर विचार किया जाएगा.
मंदिर निर्माण को लेकर स्पष्ट करते हुए ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने कहा कि उस समय विवाद स्थल होने के कारण राम जन्मभूमि परिसर के सिंह द्वार का शिलान्यास किया गया था. अब मंदिर निर्माण का कार्य गर्भगृह से शुरू होगा, इसलिए उस स्थान का भूमि पूजन किया जाना ही चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कार्य पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ से होता है तो वह अति उत्तम होगा.