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अयोध्याः बेटियों के सम्मान और उनके रोजगार के लिए महायज्ञ का आयोजन - महायज्ञ का आयोजन

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रविवार को बेटियों के सम्मान और उनके रोजगार के लिए महायज्ञ का आयोजन किया गया. इस महायज्ञ में संत स्वामी परमहंस दास ने पीएम मोदी से बेटियों के सम्मान और उनकी सुरक्षा के लिए कानून की मांग की.

बेटियों के सम्मान के लिए महायज्ञ का आयोजन.
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Published : Sep 29, 2019, 7:54 PM IST

अयोध्याः नवरात्र के प्रथम दिन पर जिले के तपस्वी छावनी में बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन किया गया. आयोजन में बेटी की सम्मान और सुरक्षा की प्रार्थना की गई. इस दौरान स्वामी परमहंस ने कहा कि नवरात्र के मौके पर बेटियों को नवदुर्गा की पूजा जाता है. उन्होंने केंद्र सरकार से डिमांड करते हुए कहा कि इस बार राम मंदिर के साथ-साथ बेटियों के सम्मान और उनकी सुरक्षा के लिए भी कानून लाए जाएं.

बेटियों के सम्मान के लिए महायज्ञ का आयोजन.

इसे भी पढ़ें- Navratri 2019: काशी, प्रयागराज और अयोध्या के मंदिरों में देवी-दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन
वैदिक काल से ही नवरात्र और कन्या पूजन हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जिन बेटियों को मां भगवती जननी का रूप माना जाता हैं. अब उन्हीं बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है. दहेज कम देने पर उन्हीं बेटियों को ससुराल में जिंदा जला दिया जाता है. पिता ने अगर बेटी को पढ़ा भी दिया तो उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार नहीं मिलता. इन्हीं सब समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए जिले में बेटियों के सम्मान और उनके रोजगार के लिए महायज्ञ का आयोजन किया गया.

ऋग्वेद में लिखा है कि सौ बेटे के बराबर एक बेटी होती हैं लेकिन आज हिंदुस्तान में आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी बेटियां सुरक्षित नहीं है. 80% आज भी बेटियां समाज में उपेक्षित हैं और कहीं न कहीं से प्रताड़ित हो रही है. पीएम मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चला रहे हैं. इसी अभियान की सफलता के लिए तपस्वी छावनी में बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन किया गया है. उन्होने सरकार से मांग कि बेटियों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं और उन्हें सम्मान मिले.
-संत स्वामी परमहंस दास, तपस्वी छावनी

अयोध्याः नवरात्र के प्रथम दिन पर जिले के तपस्वी छावनी में बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन किया गया. आयोजन में बेटी की सम्मान और सुरक्षा की प्रार्थना की गई. इस दौरान स्वामी परमहंस ने कहा कि नवरात्र के मौके पर बेटियों को नवदुर्गा की पूजा जाता है. उन्होंने केंद्र सरकार से डिमांड करते हुए कहा कि इस बार राम मंदिर के साथ-साथ बेटियों के सम्मान और उनकी सुरक्षा के लिए भी कानून लाए जाएं.

बेटियों के सम्मान के लिए महायज्ञ का आयोजन.

इसे भी पढ़ें- Navratri 2019: काशी, प्रयागराज और अयोध्या के मंदिरों में देवी-दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़

बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन
वैदिक काल से ही नवरात्र और कन्या पूजन हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जिन बेटियों को मां भगवती जननी का रूप माना जाता हैं. अब उन्हीं बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है. दहेज कम देने पर उन्हीं बेटियों को ससुराल में जिंदा जला दिया जाता है. पिता ने अगर बेटी को पढ़ा भी दिया तो उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार नहीं मिलता. इन्हीं सब समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए जिले में बेटियों के सम्मान और उनके रोजगार के लिए महायज्ञ का आयोजन किया गया.

ऋग्वेद में लिखा है कि सौ बेटे के बराबर एक बेटी होती हैं लेकिन आज हिंदुस्तान में आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी बेटियां सुरक्षित नहीं है. 80% आज भी बेटियां समाज में उपेक्षित हैं और कहीं न कहीं से प्रताड़ित हो रही है. पीएम मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चला रहे हैं. इसी अभियान की सफलता के लिए तपस्वी छावनी में बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन किया गया है. उन्होने सरकार से मांग कि बेटियों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं और उन्हें सम्मान मिले.
-संत स्वामी परमहंस दास, तपस्वी छावनी

Intro:अयोध्या. नवरात्र के प्रथम दिन अयोध्या के तपस्वी छावनी में आज बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन किया गया। तपस्वी छावनी के संत स्वामी परमहंस दास ने बेटी सम्मान महायज्ञ किया। महायज्ञ में बेटी की सम्मान और सुरक्षा के लिए हवन पूजन किया गया। इस दौरान स्वामी परमहंस ने कहा कि नवरात्र के मौके पर बेटियों को नवदुर्गा की तरह उनकी पूजा होती है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनोखी डिमांडकरते हुए कहा कि, इस बार राम मंदिर के साथ साथ बेटियों के सम्मान के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए भी कानून लाए जाएं जिससे उन्हें रोजगार में भी सम्मान मिल सके।
हमारे वैदिक काल से हमारे संस्कृति का अभिन्न अंग है लेकिन दुर्भाग्य है जिन बेटियों को हम मां भगवती जननी का रूप मानते हैं। जब उन्हीं बेटियों के साथ अत्याचार होता है।जब उन्हीं बेटियों को अपमानित किया जाता है। दहेज कम दिया गया तो ससुराल में उनको जिंदा जला दिया जाता है। पिता ने अगर बेटी को पढ़ा भी दिया तो उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार नहीं मिलता और वह समाज में घुट-घुट कर जीती हैं।

Body:स्वामी परमहंस ने कहा कि ऋग्वेद में लिखा है कि 100 बेटे की बराबर 1 बेटियां होती हैं लेकिन आज हिंदुस्तान में आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी बेटियां सुरक्षित नहीं है।सम्मान से नहीं रह पा रही है। 80% आज भी बेटियां समाज में उपेक्षित हैं। कहीं न कहीं से प्रताड़ित हो रही है। स्वामी परमहंस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चला रहे हैं। इसी अभियान की सफलता के लिए तपस्वी छावनी में बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन किया गया है। परमहंस ने सरकार से मांग की कि बेटियों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं और उन्हें सम्मान मिले।

BYTE-तपस्वी छावनी संत स्वामी परमहंस दासConclusion:दिनेश मिश्रा
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