अयोध्याः नवरात्र के प्रथम दिन पर जिले के तपस्वी छावनी में बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन किया गया. आयोजन में बेटी की सम्मान और सुरक्षा की प्रार्थना की गई. इस दौरान स्वामी परमहंस ने कहा कि नवरात्र के मौके पर बेटियों को नवदुर्गा की पूजा जाता है. उन्होंने केंद्र सरकार से डिमांड करते हुए कहा कि इस बार राम मंदिर के साथ-साथ बेटियों के सम्मान और उनकी सुरक्षा के लिए भी कानून लाए जाएं.
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बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन
वैदिक काल से ही नवरात्र और कन्या पूजन हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि जिन बेटियों को मां भगवती जननी का रूप माना जाता हैं. अब उन्हीं बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है. दहेज कम देने पर उन्हीं बेटियों को ससुराल में जिंदा जला दिया जाता है. पिता ने अगर बेटी को पढ़ा भी दिया तो उन्हें उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार नहीं मिलता. इन्हीं सब समस्याओं को मद्देनजर रखते हुए जिले में बेटियों के सम्मान और उनके रोजगार के लिए महायज्ञ का आयोजन किया गया.
ऋग्वेद में लिखा है कि सौ बेटे के बराबर एक बेटी होती हैं लेकिन आज हिंदुस्तान में आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी बेटियां सुरक्षित नहीं है. 80% आज भी बेटियां समाज में उपेक्षित हैं और कहीं न कहीं से प्रताड़ित हो रही है. पीएम मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान चला रहे हैं. इसी अभियान की सफलता के लिए तपस्वी छावनी में बेटी सम्मान महायज्ञ का आयोजन किया गया है. उन्होने सरकार से मांग कि बेटियों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं और उन्हें सम्मान मिले.
-संत स्वामी परमहंस दास, तपस्वी छावनी