अयोध्या: महाराष्ट्र में साधु की हत्या, फिल्मस्टार सुशांत सिंह की संदिग्ध मौत और अब ड्रग्स रैकेट के खिलाफ बोलने वाली कंगना रनौत का ऑफिस गिराने को लेकर महाराष्ट्र सरकार आरोपों से घिरी हुई है. इसी को लेकर दो दिन पहले अयोध्या के संतों ने नाराजगी जाहिर करते हुए शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अयोध्या में न घुसने देने की बात कही थी.
रविवार देर शाम राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जिसकी मां ने दूध पिलाया हो वह उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने से रोक कर दिखाए. चंपत राय के इस बयान को लेकर अयोध्या के संतों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि चंपत राय ने ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह "फूट डालो राज करो" वाली नीति अपनाई है.
अयोध्या के संतों का सानिध्य पाकर वह इस मुकाम तक पहुंचे हैं. आज वे अयोध्यावासियों और अयोध्या के संतों के बारे में ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उन्हें अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. वह संगठन के आदमी हैं. यहां पर काम करने आए हैं और यहां से चले जाएंगे. उन्हें कोई अधिकार नहीं है कि वह अयोध्या के संतों का अपमान करें. हम संत समाज की ओर से चंपत राय को यह चुनौती देते हैं कि उनके अंदर अगर हिम्मत है तो उद्धव ठाकरे को अयोध्या बुलाकर दिखाएं. बता दें कि महंत राजू दास सीएम योगी आदित्यनाथ के करीबियों में माने जाते हैं.