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श्रीराम शोधपीठ में भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का होगा संग्रह

श्रीराम शोध पीठ में अवध विश्वविद्यालय देश की बड़ी लाइब्रेरी स्थापित करने जा रहा है. इस लाइब्रेरी में भगवान श्रीराम से संबंधित सभी भाषाओं की पुस्तकें ग्रंथ और विभिन्न भाषाओं की रामायण संकलित की जायेगी.

भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का होगा संग्रह
भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का होगा संग्रह
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Published : Mar 17, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 7:31 PM IST

अयोध्याः श्रीराम शोध पीठ में अवध यूनिवर्सिटी देश की बड़ी लाइब्रेरी स्थापित करने जा रहा है. इस लाइब्रेरी में भगवान श्रीराम से संबंधित सभी भाषाओं की पुस्तकें ग्रन्थ और कई भाषाओं की रामायण संकलित की जायेगी. जो शोध करने वाले छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराया जायेगा. यही नहीं देश विदेश में भगवान राम से संबंधित जो भी पांडुलिपिया हैं, उनको भी संग्रहित करके इस लाइब्रेरी में रखा जायेगा.

श्रीराम शोधपीठ में भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का होगा संग्रह

भगवान श्रीराम से संबंधित पांडुलिपियां होंगी संग्रहित

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनना शुरू हो गया है. वहीं धार्मिक नगरी में राम भक्तों, भगवान राम के चरित्र और उनकी कथा में दिलचस्पी रखने वाले शोधार्थी और पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है. ऐसे में लोगों की जिज्ञासा को शांत करने के लिए अयोध्या के डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने एक अभिनव प्रयास किया है. यूनिवर्सिटी ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र पर आधारित रामायण पर शोध करने के लिए श्रीराम शोध पीठ की स्थापना की है. श्रीराम शोध पीठ में प्राचीन ग्रंथों, भगवान श्रीराम पर आधारित पुस्तकों और कई भाषाओं की रामायण के साथ देश विदेश में रखी पांडुलिपियों का बड़ा संग्रह पुस्तकालय के रूप में विकसित किया गया है.

श्रीराम शोधपीठ में भगवान राम
श्रीराम शोधपीठ में भगवान राम

भगवान राम के चरित्र को समझने में होगी सुविधा

डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में साल 2005 में श्रीराम शोध पीठ की स्थापना की गई थी. उस समय यहां पर एक बिल्डिंग में बिना किसी पुस्तकालय के श्रीराम शोध पीठ की स्थापना की गई थी. श्रीराम शोध पीठ के समन्वयक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि श्रीराम शोध पीठ में अवध विश्वविद्यालय देश की बड़ी लाइब्रेरी स्थापित करने जा रहा है. इस लाइब्रेरी में भगवान श्रीराम से संबंधित सभी भाषाओं की पुस्तकें, ग्रन्थ और कई भाषाओं में रामायण संकलित की जायेगी. जो शोध करने वाले छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराये जायेंगे. यही नहीं देश विदेश में भगवान राम से संबंधित जो भी पांडुलिपिया हैं. उनको भी संग्रहित करके इस लाइब्रेरी में रखा जायेगा. जिससे वे भगवान राम के आदर्शों, भगवान राम के जीवन चरित्रों पर सही ढंग से अध्ययन कर सकें.

भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का संग्रह
भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का संग्रह
श्रीराम से संबंधित पांडुलिपियां, ग्रंथ, रामायण और पुस्तकें होंगी उपलब्ध

श्रीराम शोध पीठ के समन्वयक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह का कहना है कि देश का पहला शोध पीठ है, जो डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में स्थापित किया गया है. जहां भगवान श्रीराम पर शोध करके छात्र-छात्रायें पीएचडी की डिग्री हासिल करती हैं. श्रीराम शोध पीठ में देश की बड़ी लाइब्रेरी बनाने पर विचार किया जा रहा है. जिसमें भगवान श्रीराम से संबंधित विभिन्न भाषाओं की कई पांडुलिपियां, ग्रंथ, रामायण पुस्तकें सभी चीजें उपलब्ध होंगी. यही नहीं उत्तर प्रदेश में जिस भी काल के अभी तक सिक्के मिले हैं. उनका संग्रह करके एक म्यूजियम भी बनाया जायेगा. जहां अयोध्या आने वाले पर्यटक इस म्यूजियम को और भगवान राम की लाइब्रेरी को देख सकेंगे.

चित्रों के जरिये समझ सकते हैं भगवान राम का चरित्र

श्री राम शोध पीठ में हॉल के अंदर रामायण से संबंधित प्रसंगों को चित्रित किया गया है. ये चित्रण डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आर्ट विभाग के छात्र छात्राओं ने किया है. इन चित्रों के जरिए शोध पीठ में आने वाले दर्शक आसानी से भगवान श्री राम के जीवन चरित्र के बारे में समझ सकते हैं.

अयोध्याः श्रीराम शोध पीठ में अवध यूनिवर्सिटी देश की बड़ी लाइब्रेरी स्थापित करने जा रहा है. इस लाइब्रेरी में भगवान श्रीराम से संबंधित सभी भाषाओं की पुस्तकें ग्रन्थ और कई भाषाओं की रामायण संकलित की जायेगी. जो शोध करने वाले छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराया जायेगा. यही नहीं देश विदेश में भगवान राम से संबंधित जो भी पांडुलिपिया हैं, उनको भी संग्रहित करके इस लाइब्रेरी में रखा जायेगा.

श्रीराम शोधपीठ में भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का होगा संग्रह

भगवान श्रीराम से संबंधित पांडुलिपियां होंगी संग्रहित

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में बनना शुरू हो गया है. वहीं धार्मिक नगरी में राम भक्तों, भगवान राम के चरित्र और उनकी कथा में दिलचस्पी रखने वाले शोधार्थी और पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है. ऐसे में लोगों की जिज्ञासा को शांत करने के लिए अयोध्या के डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने एक अभिनव प्रयास किया है. यूनिवर्सिटी ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन चरित्र पर आधारित रामायण पर शोध करने के लिए श्रीराम शोध पीठ की स्थापना की है. श्रीराम शोध पीठ में प्राचीन ग्रंथों, भगवान श्रीराम पर आधारित पुस्तकों और कई भाषाओं की रामायण के साथ देश विदेश में रखी पांडुलिपियों का बड़ा संग्रह पुस्तकालय के रूप में विकसित किया गया है.

श्रीराम शोधपीठ में भगवान राम
श्रीराम शोधपीठ में भगवान राम

भगवान राम के चरित्र को समझने में होगी सुविधा

डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में साल 2005 में श्रीराम शोध पीठ की स्थापना की गई थी. उस समय यहां पर एक बिल्डिंग में बिना किसी पुस्तकालय के श्रीराम शोध पीठ की स्थापना की गई थी. श्रीराम शोध पीठ के समन्वयक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि श्रीराम शोध पीठ में अवध विश्वविद्यालय देश की बड़ी लाइब्रेरी स्थापित करने जा रहा है. इस लाइब्रेरी में भगवान श्रीराम से संबंधित सभी भाषाओं की पुस्तकें, ग्रन्थ और कई भाषाओं में रामायण संकलित की जायेगी. जो शोध करने वाले छात्र-छात्राओं को उपलब्ध कराये जायेंगे. यही नहीं देश विदेश में भगवान राम से संबंधित जो भी पांडुलिपिया हैं. उनको भी संग्रहित करके इस लाइब्रेरी में रखा जायेगा. जिससे वे भगवान राम के आदर्शों, भगवान राम के जीवन चरित्रों पर सही ढंग से अध्ययन कर सकें.

भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का संग्रह
भगवान राम से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों और ग्रन्थों का संग्रह
श्रीराम से संबंधित पांडुलिपियां, ग्रंथ, रामायण और पुस्तकें होंगी उपलब्ध

श्रीराम शोध पीठ के समन्वयक प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह का कहना है कि देश का पहला शोध पीठ है, जो डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में स्थापित किया गया है. जहां भगवान श्रीराम पर शोध करके छात्र-छात्रायें पीएचडी की डिग्री हासिल करती हैं. श्रीराम शोध पीठ में देश की बड़ी लाइब्रेरी बनाने पर विचार किया जा रहा है. जिसमें भगवान श्रीराम से संबंधित विभिन्न भाषाओं की कई पांडुलिपियां, ग्रंथ, रामायण पुस्तकें सभी चीजें उपलब्ध होंगी. यही नहीं उत्तर प्रदेश में जिस भी काल के अभी तक सिक्के मिले हैं. उनका संग्रह करके एक म्यूजियम भी बनाया जायेगा. जहां अयोध्या आने वाले पर्यटक इस म्यूजियम को और भगवान राम की लाइब्रेरी को देख सकेंगे.

चित्रों के जरिये समझ सकते हैं भगवान राम का चरित्र

श्री राम शोध पीठ में हॉल के अंदर रामायण से संबंधित प्रसंगों को चित्रित किया गया है. ये चित्रण डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आर्ट विभाग के छात्र छात्राओं ने किया है. इन चित्रों के जरिए शोध पीठ में आने वाले दर्शक आसानी से भगवान श्री राम के जीवन चरित्र के बारे में समझ सकते हैं.

Last Updated : Mar 17, 2021, 7:31 PM IST
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