अयोध्या: आरएसएस ने राम मंदिर निर्माण आंदोलन में एक कदम और बढ़ाते हुए सिखों को भी जोड़ना शुरू कर दिया है. आरएसएस हमेशा से ही सामाजिक स्तर पर अपने संगठन को मजबूती देने के लिए काम करता रहा है, जिसका सीधा फायदा भाजपा को चुनावों में मिलता है. एक बार फिर लोकसभा चुनावों से ठीक पहले हिंदुत्व एजेंडे के साथ आरएसएस ने सिखों को भी जोड़कर इसकी धार को और तेज कर दिया है.
आरएसएस ने सिख जसबीर सिंह मंडेर को राम मंदिर निर्माण सहयोग मंच का राष्ट्रीय सहसंयोजक बनाया है. अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद ही महाशिवरात्रि के पर्व पर उन्होंने अयोध्या पहुंचकर रामजन्म भूमि के दर्शन किये. इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार की योजनाओं को बेहतर बताते हुए कहा कि सरकार ने कश्मीर में जो विकास किया है, आज तक कोई सरकार नहीं कर पाई. इस बार सरकार धारा 370 और 35A भी हटाने जा रही है. हमें पूरी उम्मीद है कि, 8 मार्च से पहले ही धारा 370 और 35A को हटा दिया जाएगा.
जो बाबरी मस्जिद की बात करने वाले दलाल हैं
उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद की बात करने वाले न रामायण को मानते हैं न गुरु ग्रंथ साहब को और न ही कुरान शरीफ को मानते हैं. उनको दलाल घोषित करेंगे. प्रदेश के मदरसों का सुधार हुआ है. सीएम योगी ने मदरसों में बहुत बड़ा सुधार किया है. मदरसे भी पोर्टल पर आए हैं, जिन मदरसों में फर्जीवाड़ा होता था उसे सरकार ने बंद कर दी है. रामलला का मंदिर कोई विषय नहीं, जिस दिन समय आएगा, वह बन जाएगा.
फैसले को मानने के लिये हम बाध्य नहीं हैं
सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के पक्ष में फैसला आने के सवाल पर जसबीर सिंह मंडेर ने कहा कि न्यायालय के फैसले को मानने के लिये हम बाध्य नहीं हैं. हम स्वतंत्र है राम मंदिर बनाने के लिए, वहां मंदिर ही बनेगा. जैसे सन् 1984 में स्वर्ण मंदिर बना था. वैसे ही राम मंदिर भी बना लेंगे. पीएम मोदी ने शपथ ली थी, शपथ के अंतर्गत वह बाध्य हैं. उनके ऊपर है संवैधानिक मर्यादा. देश के सभी समुदाय राम मंदिर बनाने के लिए स्वतंत्र हैं. राम मंदिर भाजपा का एजेंडा नहीं, यह तो सामूहिक तौर पर हिंदुओं की आस्था का विषय है.