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अयोध्या: सुन्नी वक्फ बोर्ड के बदलते बयान को इकबाल अंसारी ने बताया वकीलों का मामला

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने ईटीवी संवाददाता से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने श्री राम जन्मभूमि मामले में कोर्ट की सुनवाई के दौरान आ रहे बयान को वकीलों का मामला बताया.

ईटीवी संवाददाता से बात करते इकबाल अंसारी.
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Published : Sep 27, 2019, 11:08 PM IST

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई के 31वें दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने माना था कि विवादित भूमि पर जो चबूतरा बना है, वह श्री राम जन्मभूमि स्थल ही है. वहीं अगले ही दिन यानी 32वें दिन उन्होंने अपनी ही बात से इनकार करते हुए कहा कि नहीं वह चबूतरा श्री राम जन्मभूमि स्थल नहीं है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमेंट किया था कि आपको जितना बोलना है जो बातें करनी है 18 अक्टूबर तक कर लें. उसके बाद कोई भी दलीलें नहीं सुनी जाएगी. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी से खास बातचीत की.

ईटीवी संवाददाता से बात करते इकबाल अंसारी.

सुन्नी वक्फ बोर्ड और उनके बयान बदलते हुए बयानों को लेकर ईटीवी भारत ने इकबाल अंसारी से खास बातचीत की. इकबाल अंसारी ने कहा कि वकीलों की दलील होती हैं. वकीलों के मामले होते हैं. फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानने के लिए प्रतिबद्ध हैं और तैयार बैठे हैं.

ये भी पढ़ें- अयोध्या मामला: 2 लाख के निजी मुचलके पर कल्याण सिंह को मिली जमानत

इकबाल अंसारी ने कहा कि जो पांच जजों की पीठ सुनवाई कर रहे हैं. वह सुप्रीम कोर्ट में हैं और वकील सबूतों के आधार पर अपनी बात रख रहे हैं. सबूतों और गवाहों के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट को ही फैसला देना है. बयान बदलने और उनसे पीछे हटना इस तरह की जितनी भी काम होते हैं. वह सब वकीलों के होते हैं.

अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई के 31वें दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने माना था कि विवादित भूमि पर जो चबूतरा बना है, वह श्री राम जन्मभूमि स्थल ही है. वहीं अगले ही दिन यानी 32वें दिन उन्होंने अपनी ही बात से इनकार करते हुए कहा कि नहीं वह चबूतरा श्री राम जन्मभूमि स्थल नहीं है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमेंट किया था कि आपको जितना बोलना है जो बातें करनी है 18 अक्टूबर तक कर लें. उसके बाद कोई भी दलीलें नहीं सुनी जाएगी. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी से खास बातचीत की.

ईटीवी संवाददाता से बात करते इकबाल अंसारी.

सुन्नी वक्फ बोर्ड और उनके बयान बदलते हुए बयानों को लेकर ईटीवी भारत ने इकबाल अंसारी से खास बातचीत की. इकबाल अंसारी ने कहा कि वकीलों की दलील होती हैं. वकीलों के मामले होते हैं. फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानने के लिए प्रतिबद्ध हैं और तैयार बैठे हैं.

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इकबाल अंसारी ने कहा कि जो पांच जजों की पीठ सुनवाई कर रहे हैं. वह सुप्रीम कोर्ट में हैं और वकील सबूतों के आधार पर अपनी बात रख रहे हैं. सबूतों और गवाहों के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट को ही फैसला देना है. बयान बदलने और उनसे पीछे हटना इस तरह की जितनी भी काम होते हैं. वह सब वकीलों के होते हैं.

Intro:अयोध्या. श्री राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट में दिन प्रतिदिन सुनवाई जारी इन सुनवाई में तीसरे और 31 दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सचिव ने माना था कि विवादित भूमि पर जो चबूतरा बना गया है वह श्री राम जन्मभूमि स्थल ही है लेकिन अगले ही दिन यानी 32 दिन उन्होंने अपनी ही बात से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नहीं वह चबूतरा श्री राम जन्म भूमि स्थल नहीं है जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमेंट किया था कि आपको जितना बोलना है जो बातें करनी है 18 अक्टूबर तक कर ले उसके बाद कोई भी दलीलें नहीं सुनी जाएंगे इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि यह सब वकीलों की दलील होती हैं वकीलों के मामले होते हैं वकील ही जाने फिलहाल हम सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानने के लिए प्रतिबद्ध है और तैयार बैठे हैं उन्हें जब फैसला देना हो वह तब दे दे।


Body:सुन्नी वक्फ बोर्ड और उनके बयान बदलते हुए बयानों पर ईटीवी ने जानना चाहा था कि ऐसा क्या है कि कभी वह मानते हैं चबूतरा ही श्री राम जन्मभूमि स्थल है और कभी वो उसे इनकार करते थे ऐसे में इकबाल अंसारी ने कहा कि जो संविधान की पीठ 5 जजों की पीठ सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहे हैं वह सुप्रीम कोर्ट में है और वकील सबूतों के आधार पर अपनी बात रख रहे हैं सबूतों और गवाहों के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट को ही फैसला देना है और अपना काम बखूबी जानता है वह करेगा बयान बदलने और उनसे पीछे हटना इस तरह की जितनी भी काम होते हैं वह सब वकीलों के होते हैं वकील ही जाने हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे और उसे मानेंगे।


Conclusion:dinesh mishra
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