अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई के 31वें दिन सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने माना था कि विवादित भूमि पर जो चबूतरा बना है, वह श्री राम जन्मभूमि स्थल ही है. वहीं अगले ही दिन यानी 32वें दिन उन्होंने अपनी ही बात से इनकार करते हुए कहा कि नहीं वह चबूतरा श्री राम जन्मभूमि स्थल नहीं है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कमेंट किया था कि आपको जितना बोलना है जो बातें करनी है 18 अक्टूबर तक कर लें. उसके बाद कोई भी दलीलें नहीं सुनी जाएगी. इसी मुद्दे पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी से खास बातचीत की.
सुन्नी वक्फ बोर्ड और उनके बयान बदलते हुए बयानों को लेकर ईटीवी भारत ने इकबाल अंसारी से खास बातचीत की. इकबाल अंसारी ने कहा कि वकीलों की दलील होती हैं. वकीलों के मामले होते हैं. फिलहाल वह सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानने के लिए प्रतिबद्ध हैं और तैयार बैठे हैं.
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इकबाल अंसारी ने कहा कि जो पांच जजों की पीठ सुनवाई कर रहे हैं. वह सुप्रीम कोर्ट में हैं और वकील सबूतों के आधार पर अपनी बात रख रहे हैं. सबूतों और गवाहों के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट को ही फैसला देना है. बयान बदलने और उनसे पीछे हटना इस तरह की जितनी भी काम होते हैं. वह सब वकीलों के होते हैं.