अयोध्याः राजठाकरे ने हनुमान चालीसा पाठ के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल करने की बात कह एक बहस को जन्म दे दिया है. अब परंपरागत तरीके से हो रही अजान को मुद्दा बनाकर दूसरे समुदाय ने हनुमान चालीसा बजाने की अनुमति मांगी है. इस मामले को अब राजनीतिक रंग देकर समर्थन और विरोध की आवाजें भी उठने लगी हैं. ऐसे में लंबे समय तक अयोध्या में विवादित ढाचे की पैरवी करने वाले मुद्दई इकबाल अंसारी ने एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस मामले में राजनीति न करने की बात कही. इसके साथ ही प्रदेश सरकार से विघटन फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी की.
इकबाल अंसारी ने कहा कि हम मुसलमान हैं, लेकिन हिंदुओं के सभी देवी-देवता का सम्मान करते हैं. लेकिन आज तक अजान और हनुमान चालीसा को लेकर कोई विवाद नहीं रहा है. लेकिन कुछ लोग राजनीति कर लोगों को उलझा रहे हैं. वहीं बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि हम हिंदुस्तान के निवासी हैं और यहां के वफादार भी. इसके साथ ही हम सभी धर्मों के भी वफादार हैं. मुसलमान होते हुए भी हम हिंदुओं के सभी देवी-देवताओं का सम्मान करते हैं. आजतक अजान होती रही और देवी देवताओं की मंदिरों में आरती भी होती रही है, किसी ने कोई एतराज नहीं किया. लेकिन आज धर्म की राजनीति हो रही है.
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अगर अजान और हनुमान चालीसा दोनों एक साथ होंगे, तो हम न ही अजान सुन सकते हैं और न ही हनुमान चालीसा. लेकिन लोग धर्म की आड़ में ऐसी बात कर रहे हैं, जिससे हिंदू और मुसलमान के बीच विवाद पैदा हो. ये हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाइयों का देश है. इकबाल अंसारी ने कहा कि सम्मान हनुमान चालीसा का भी हो और अजान का भी इस पर कोई विरोध नहीं होना चाहिए. सरकार को इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए. जो लोग देश को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं उनके खिलाफ प्रदेश और देश की सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए.